1. संसार का सबसे बड़ा दीवालिया वह है, जिसने उत्साह खो दिया।

  2. बड़प्पन सुविधा संवर्धन का नहीं, सद्गुण संवर्धन का नाम है।

  3. जो सच्चाई के मार्ग पर चलता है, वह भटकता नहीं।

  4. ज्ञान के नेत्र हमें अपनी दुर्बलता से परिचित कराने आते हैं। जब तक इंद्रियों में सुख दीखता है, तब तक आँखों पर पर्दा हुआ मानना चाहिए।

  5. राष्ट्रीय स्तर की व्यापक समस्याएँ नैतिक दृष्टि धूमिल होने और निकृष्टता की मात्रा बढ़ जाने के कारण ही उत्पन्न होती है।

  6. राष्ट्र को समृद्ध और शक्तिशाली बनाने के लिए आदर्शवाद, नैतिकता, मानवता, परमार्थ, देश भक्ति एवं समाज निष्ठा की भावना की जागृति नितान्त आवश्यक है।

  7. सामाजिक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों में जो विकृतियाँ, विपन्नताएँ दृष्टिगोचर हो रही हैं, वे कहीं आकाश से नहीं टपकी हैं, वरन् हमारे अग्रणी, बुद्धिजीवी एवं प्रतिभा सम्पन्न लोगों की भावनात्मक विकृतियों ने उन्हें उत्पन्न किया है।

  8. राष्ट्र का विकास, बिना आत्म बलिदान के नहीं हो सकता।

  9. राष्ट्रोत्कर्ष हेतु संत समाज का योगदान अपेक्षित है।

  10. राष्ट्र निर्माण जागरूक बुद्धिजीवियों से ही संभव है।

  11. राष्ट्र के उत्थान हेतु मनीषी आगे आयें।

  12. श्रेष्ठ मार्ग पर कदम बढ़ाने के लिए ईश्वर विश्वास एक सुयोग्य साथी की तरह सहायक सिद्ध होता है।

  13. नास्तिकता ईश्वर की अस्वीकृति को नहीं, आदर्शों की अवहेलना को कहते हैं।

  14. दिल खोलकर हँसना और मुस्कराते रहना चित्त को प्रफुल्लित रखने की एक अचूक औषधि है।

  15. निरंकुश स्वतंत्रता जहाँ बच्चों के विकास में बाधा बनती है, वहीं कठोर अनुशासन भी उनकी प्रतिभा को कुंठित करता है।

  16. काम छोटा हो या बड़ा, उसकी उत्कृष्टता ही करने वाले का गौरव है।

  17. हर व्यक्ति जाने या अनजाने में अपनी परिस्थितियों का निर्माण आप करता है।

  18. औरत का सम्मान करना चाहिए क्योंकि इस संसार की जन्मदाता ही औरत है।

  19. नीचे बैठने वाला इन्सान कभी गिरता नहीं।

  20. ईश्वर को तर्क-वितर्क द्वारा नहीं जान सकता फिर चाहे कोई युगों तक ही तर्क्-वितर्क क्यों न करता रहे।

  21. एक सिपाही एक रंगीन रिबन के लिए दिलो जान से लडेगा।

  22. एक सेना अपने पेट के बल पर आगे बढती है।

  23. उनमे से जो अत्याचार नहीं पसंद करते, कई ऐसे होते हैं जो अत्याचारी होते हैं।

  24. संविधान छोटा और अस्पष्ट होना चाहिए।

  25. एक सिंहासन महज मखमल से ढंकी एक बेंच है।

  26. अगली दुनिया में हम सेनापतियों से ज्यादा चिकित्सकों को लोगों की जिंदगियों के लिए जवाब देना होगा।

  27. अवसर के बिना काबिलियत कुछ भी नहीं है।

  28. एक लीडर आशा का व्यापारी होता है।

  29. क्या तुम ज़िन्दगी से ऊब चुके हो? तो फिर खुद को किसी ऐसे काम में झोंक दो जिसमे दिल से यकीन रखते हो, उसके लिए जियो, उसके लिए मरो, और तुम वो ख़ुशी पा लोगे जो तुम्हे लगता था की कभी तुम्हारी नहीं हो सकती.

  30. अगर तुम्हे नीद नहीं आ रही, तो उठो और कुछ करो, बजाये लेटे रहने और चिंता करने के| नीद की कमी नहीं, चिंता तुम्हे नुकसान पहुंचाती है।

  31. क्रोध वह हवा है जो बुद्धि के दीप को बुझा देती है।

  32. मन की गतिविधियों, होश, विश्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति तुम्हारे साथ है; और लगातार तुम्हे बस एक साधन की तरह प्रयोग कर के सभी कार्य कर रही है।

  33. अभ्यास ही सबकुछ है।

  34. जिसे और लोग विफलता का नाम देने या कहने की कोशिश करते हैं, मैंने सीखा है कि वो बस भगवान् का आपको नयी दिशा में भेजने का तरीका है।

  35. जब दुनिया बदलने की बात हो तो कोई भी काम छोटा नहीं है…मै जब भी किसी ऐसे उद्यमी से मिलता हूँ जो सभी बाधाओं के खिलाफ सफल हो रहा हो तो मुझे प्रेरणा मिलती है।

  36. सफलता की ख़ुशी मानना अच्छा है पर उससे ज़रूरी है अपनी असफलता से सीख लेना।

  37. प्रेम की शक्ति, हिंसा की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।

  38. जो होता है, अच्छे के लिए होता है।

  39. मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं, बुद्धिमत्ता खुद पर.

  40. अन्याय सहना अपेक्षाकृत आसान होता है; न्याय काटता है।

  41. हर सभ्य आदमी को अपनी वर्तमान सरकार पर शर्म आती है।

  42. प्यार भ्रम है कि एक औरत दूसरे से अलग है।

  43. एक आदर्शवादी वह है जो, गुलाब को फूलगोभी की तुलना में बेहतर गंध को नोटिस करते हुये निष्कर्ष निकालता है कि इससे भी बेहतर सूप बन जाएगा।

  44. सम्मान केवल बेहतर पुरुषों की नैतिकता है।

  45. हर आदमी अपना नरक स्वयं है।

  46. जीवन दुविधाओं के तेज सींगों के बीच एक निरंतर दोलन है।

  47. मानव जाति की शालीनता का अधिक आकलन मत करो।

  48. किंवदंती : एक झूठ जिसने उम्र की गरिमा प्राप्त कर ली है।

  49. लोकतंत्र बंदर के पिंजरे से सर्कस चलाने की कला और विज्ञान है।

  50. युद्ध में नायक हमेशा सैनिकों की संख्या दस से एक करने के लिए बढ़ता है।

  51. महानता से घबराइये नहीं: कुछ लोग महान पैदा होते हैं, कुछ महानता हांसिल करते हैं, और कुछ लोगों के ऊपर महानता थोप दी जाती है।

  52. क्रोध मनुष्य के विनाश का कारण बनता है।

  53. एक क्रोधित व्यक्ति अपना मुंह खोल लेता है और आँख बंद कर लेता है।

  54. एक चित्र हज़ार शब्दों के बराबर होता है।

  55. एक महान कलाकार हमेशा अपने समय से आगे या पीछे होता है।

  56. यदि आप सच कहते हैं, तो आपको कुछ याद रखने की जरूरत नहीं रहती.

  57. बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।

  58. भगवान ने तुम्हे एक चेहरा दिया है, और तुम अपने लिए एक नया बना लेते हो.

  59. प्रत्येक व्यक्ति को अपने आचरण का परिणाम धैर्यपूर्वक सहना चाहिए.

  60. मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है।जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।

  61. एक अच्छा दिमाग और अच्छा दिल हमेशा से विजयी जोड़ी रहे हैं.

  62. शिक्षा सबसे बड़ा सशक्त हथियार है जिससे दुनिया को बदला जा सकता है।

  63. हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें. हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा.

  64. प्यार युद्ध की तरह है : शुरू करना तो आसान है, लेकिन रोकना बहुत मुश्किल।

  65. मसीहा को मरे जितना समय हो जाता है कर्मकांड उतना ही प्रबल हो जाता है। अगर आज बुद्ध जीवित होते तो तुम उन्हें पसंद न करते।

  66. किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं में जैसे हैं एकदम सही हैं। खुद को स्वीकारिये।

  67. अगर आप सच देखना चाहते हैं तो ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये।

  68. उस तरह मत चलिए जिस तरह डर आपको चलाये। उस तरह चलिए जिस तरह प्रेम आपको चलाये। उस तरह चलिए जिस तरह ख़ुशी आपको चलाये।

  69. जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है।

  70. यहाँ कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं है। हर कोई अपनी तकदीर और अपनी हक़ीकत बनाने में लगा है।

  71. कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है।

  72. अच्छा व्यवहार सभी गुणों का सार है।

  73. संकोच युवाओं के लिए एक आभूषण है, लेकिन बड़ी उम्र के लोगों के लिए धिक्कार।

  74. चरित्र को हम अपनी बात मनवाने का सबसे प्रभावी माध्यम कह सकते हैं।

  75. एक ही अच्छाई है, ज्ञान। एक ही बुराई है अज्ञानता।

  76. शिक्षित मन की यह पहचान है की वो किसी भी विचार को स्वीकार किए बिना उसके साथ सहज रहे।

  77. शिक्षा की जड़ें कड़वी होती है लेकिन फल मीठे होते है।

  78. अपने दुश्मनों पर विजय पाने वाले की तुलना में मैं उसे शूरवीर मानता हूं जिसने अपनी इच्छाओं पर विजय प्राप्त कर ली है; क्योंकि सबसे कठिन विजय अपने आप पर विजय होती है।

  79. अगर औरते नहीं होती तो इस दुनिया की सारी दौलत बेमानी होती।

  80. देश का सबसे अच्छा दिमाग, क्लास रूम की आखरी बेंचो पर मिल सकता है।

  81. सफलता की कहानियां मत पढ़ो उससे आपको केवल एक सन्देश मिलेगा। असफलता की कहानियां पढ़ो उससे आपको सफल होने के कुछ विचार मिलेंगे।

  82. अपनी पहली सफलता के बाद आराम मत करो क्योकि अगर आप दूसरी बार में असफल हो गए तो बहुत से होंठ यह कहने के इंतज़ार में होंगे की आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्का थी।

  83. अपने काम से प्यार करो पर अपनी कार्यस्थल से प्यार मत करो क्योकि आप नहीं जानते की कब आपकी कम्पनी आपको प्यार करना बंद कर दे।

  84. महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।

  85. जिस प्रकार एक ही आकाश पात्र के भीतर और बाहर व्याप्त है, उसी प्रकार शाश्वत और सतत परमात्मा समस्त प्राणियों में विद्यमान है।

  86. स्वयं को मुक्त मानने वाला मुक्त ही है और बद्ध मानने वाला बंधा हुआ ही है। यह कथन सत्य ही है कि जैसी बुद्धि होती है वैसी ही गति होती है।

  87. मैं एक धीमी गति से चलता ज़रूर हूँ, लेकिन कभी वापस नहीं चलता।

  88. तुम जो भी हो, नेक बनो।

  89. साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं, यही वजह है कि भगवान ऐसे बहुत से लोगों का निर्माण करते हैं।

  90. किसी वृक्ष को काटने के लिए आप मुझे छ: घंटे दीजिये और मैं पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा।

  91. अगर शांति चाहते हैं तो लोकप्रियता से बचिए।

  92. औरत ही एक मात्र प्राणी है जिससे मैं ये जानते हुए भी कि वो मुझे चोट नहीं पहुंचाएगी, डरता हूँ।

  93. प्रश्न करने का अधिकार मानव प्रगति का आधार है|

  94. आप बंद मुट्ठी से हाथ नहीं मिला सकते|

  95. क्षमा वीरों का गुण है।

  96. क्रोध कभी बिना तर्क के नहीं होता, लेकिन कभी-कभार ही एक अच्छे तर्क के साथ।

  97. लोग अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं पर अधिकारों को याद रखते हैं।

  98. यदि मैं इस देश की सेवा करते हुए मर भी जाऊं, मुझे इसका गर्व होगा। मेरे खून की हर एक बूँद …।।इस देश की तरक्की में और इसे मजबूत और गतिशील बनाने में योगदान देगी।

  99. धर्म के बिना विज्ञान लंगड़ा है, विज्ञान के बिना धर्म अंधा है।

  100. प्रकृति में गहराई तक देखें और तब आप सब कुछ बेहतर समझ पाएँगे।

  101. कोई भी समस्या चेतना के उसी स्तर पर रह कर नहीं हल की जा सकती है जिसपर वह उत्पन्न हुई है।

  102. दो चीजें अनंत हैं: ब्रह्माण्ड और मनुष्य कि मूर्खता; और मैं ब्रह्माण्ड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता।

  103. यदि मानव जाति को जीवित रखना है तो हमें बिलकुल नयी सोच की आवश्यकता होगी।

  104. एक मेज, एक कुर्सी, एक कटोरा फल और एक वाद्ययंत्र; भला खुश रहने के लिए और क्या चाहिए?

  105. क्रोध मूर्खों की छाती में ही बसता है।

  106. एक साफ अंतःकरण दुनिया का सबसे नर्म तकिया है।

  107. जब संदेह में हों, तो बता दें।

  108. हमारी संपत्ति हर शाम दरवाजे से बाहर निकलती है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि वो अगली सुबह वापस आ जाए।

  109. ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो हम फेंक देते यदि हमें इस बात का चिंता नहीं होती की कोई और उन्हें उठा लेगा.

  110. अनुभव महज़ एक नाम है जो हम अपनी गलतियों को देते हैं.

  111. कोई भी व्यक्ति इतना धनवान नहीं कि अपना भूत खरीद सके.

  112. कुछ लोग जहाँ जाते हैं वहां खुशियाँ लाते हैं, और कुछ लोग जब जाते हैं तब.

  113. एक सज्जन व्यक्ति वह है जो अनजाने में किसी की भावनाओ को ठेस ना पहुंचाए.

  114. हम तीन तरीकों से ज्ञान अर्जित कर सकते हैं. पहला, चिंतन करके, जो कि सबसे सही तरीका है। दूसरा , अनुकरण करके,जो कि सबसे आसान है, और तीसरा अनुभव से ,जो कि सबसे कष्टकारी है|

  115. सफलता पहले से की गयी तैयारी पर निर्भर है,और बिना ऐसी तैयारी के असफलता निश्चित है|

  116. यह बात मायने नहीं रखती की आप कितना धीमे चल रहे हैं, जब तक की आप रुकें नहीं|

  117. केवल वही, जो युवाओं का मालिक होता है, भविष्य में लाभ उठता है।

  118. सभी प्रचार इतने लोकप्रिय होने चाहिए कि सबसे कम बुद्धिमान व्यक्ति के भी समझ में आ जाएँ |

  119. हमें कैमरे से दूर रहना चाहिये तभी हम देश के लिये कुछ कर पायेंगे, वो लोग जो हर वक्त मीडिया की चकाचौंध में रहना चाहते हैं वो कभी देश के लिये कुछ भी नहीं कर सकते।

  120. पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है।

  121. नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है।

  122. अगर कोई चीज निश्चित है तो ये कि मैं खुद एक मार्क्सवादी नहीं हूँ।

  123. धर्म लोगों का अफीम है।

  124. साम्यवाद के सिद्धांत का एक वाक्य में अभिव्यक्त किया जा सकता है: सभी निजी संपत्ति को ख़त्म किया जाये।

  125. जब कभी संभव हो दयालु बने, और ये हमेशा संभव है।

  126. जब तक काम हो ना जाये वो असंभव लगता है।

  127. मैं ऐसी सुन्दरता के साथ धैर्यपूर्वक नहीं रह सकता जिसे समझने के लिए किसी को व्याख्या करनी पड़े।

  128. अपने आनंद से पुनः जुड़ने से महत्त्वपूर्ण और कुछ भी नहीं है। कुछ भी इतना समृद्ध नहीं है।कुछ भी इतना वास्तविक नहीं है।

  129. आमतौर पे, लोग हर चीज हलके में ले लेते हैं। वे मुश्किल से अपने आस-पास कुछ देख पाते हैं।

  130. कौवे दिखने में इतने अच्छे और बुद्धिमान होते हैं।राजनीति में मुझे ऐसे चरित्र कहाँ मिलेंगे ?

  131. एक कार्टूनिस्ट को एक महान आदमी में नहीं एक हास्यास्पद आदमी में आनंद मिलता है।

  132. सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है।

  133. अपने आपको जान लेने पर मनुष्य सब कुछ पा सकता है।

  134. युग निर्माण योजना का आरम्भ दूसरों को उपदेश देने से नहीं, वरन् अपने मन को समझाने से शुरू होगा।

  135. आत्म निर्माण ही युग निर्माण है।

  136. दूसरों की निन्दा-त्रुटियाँ सुनने में अपना समय नष्ट मत करो।

  137. जिनके भीतर-बाहर एक ही बात है, वही निष्कपट व्यक्ति धन्य है।

  138. जो तुम दूसरों से चाहते हो, उसे पहले तुम स्वयं करो।

  139. जिसके पास कुछ भी कर्ज नहीं, वह बड़ा मालदार है।

  140. जो महापुरुष बनने के लिए प्रयत्नशील हैं, वे धन्य है।

  141. अज्ञान और कुसंस्कारों से छूटना ही मुक्ति है।

  142. जो जैसा सोचता और करता है, वह वैसा ही बन जाता है।

  143. अज्ञानी वे हैं, जो कुमार्ग पर चलकर सुख की आशा करते हैं।

  144. विवेक और पुरुषार्थ जिसके साथी हैं, वे ही प्रकाश प्राप्त करेंगे |

  145. जो प्रेरणा पाप बनकर अपने लिए भयानक हो उठे, उसका परित्याग कर देना ही उचित है।

  146. सत्य एक ऐसी आध्यात्मिक शक्ति है, जो देश, काल, पात्र अथवा परिस्थितियों से प्रभावित नहीं होती।

  147. सब कुछ होने पर भी यदि मनुष्य के पास स्वास्थ्य नहीं, तो समझो उसके पास कुछ है ही नहीं।

  148. बुराई मनुष्य के बुरे कर्मों की नहीं, वरन् बुरे विचारों की देन होती है।

  149. जो बच्चों को सिखाते हैं, उन पर बड़े खुद अमल करें, तो यह संसार स्वर्ग बन जाय।

  150. जीवन का अर्थ है समय। जो जीवन से प्यार करते हों, वे आलस्य में समय न गँवाएँ।

  151. जिसने जीवन में स्नेह, सौजन्य का समुचित समावेश कर लिया, सचमुच वही सबसे बड़ा कलाकार है।

  152. यथार्थ को समझना ही सत्य है। इसी को विवेक कहते हैं।

  153. महात्मा वह है, जिसके सामान्य शरीर में असामान्य आत्मा निवास करती है।

  154. निश्चित रूप से ध्वंस सरल होता है और निर्माण कठिन है।

  155. नेतृत्व पहले विशुद्ध रूप से सेवा का मार्ग था। एक कष्ट साध्य कार्य जिसे थोड़े से सक्षम व्यक्ति ही कर पाते थे।

  156. समाज का मार्गदर्शन करना एक गुरुतर दायित्व है, जिसका निर्वाह हर कोई नहीं कर सकता।

  157. जो टूटे को बनाना, रूठे को मनाना जानता है, वही बुद्धिमान है।

  158. अस्त-व्यस्त रीति से समय गँवाना अपने ही पैरों कुल्हाड़ी मारना है।

  159. किसी आदर्श के लिए हँसते-हँसते जीवन का उत्सर्ग कर देना सबसे बड़ी बहादुरी है।

  160. नरक कोई स्थान नहीं, संकीर्ण स्वार्थपरता की और निकृष्ट दृष्टिकोण की प्रतिक्रिया मात्र है।

  161. ईमानदार होने का अर्थ है-हजार मनकों में अलग चमकने वाला हीरा।

  162. वही उन्नति कर सकता है, जो स्वयं को उपदेश देता है।

  163. संसार में हर वस्तु में अच्छे और बुरे दो पहलू हैं, जो अच्छा पहलू देखते हैं वे अच्छाई और जिन्हें केवल बुरा पहलू देखना आता है वह बुराई संग्रह करते हैं।

  164. मस्तिष्क में जिस प्रकार के विचार भरे रहते हैं वस्तुत: उसका संग्रह ही सच्ची परिस्थिति है। उसी के प्रभाव से जीवन की दिशाएँ बनती और मुड़ती रहती हैं।

  165. अधिक इच्छाएँ प्रसन्नता की सबसे बड़ी शत्रु हैं।

  166. जीवन एक परख और कसौटी है जिसमें अपनी सामर्थ्य का परिचय देने पर ही कुछ पा सकना संभव होता है।

  167. मनुष्य जीवन का पूरा विकास गलत स्थानों, गलत विचारों और गलत दृष्टिकोणों से मन और शरीर को बचाकर उचित मार्ग पर आरूढ़ कराने से होता है।

  168. जीवन उसी का धन्य है जो अनेकों को प्रकाश दे। प्रभाव उसी का धन्य है जिसके द्वारा अनेकों में आशा जाग्रत हो।

  169. सेवा का मार्ग ज्ञान, तप, योग आदि के मार्ग से भी ऊँचा है।

  170. बुद्धिमान् बनने का तरीका यह है कि आज हम जितना जानते हैं भविष्य में उससे अधिक जानने के लिए प्रयत्नशील रहें।

  171. वह मनुष्य विवेकवान् है, जो भविष्य से न तो आशा रखता है और न भयभीत ही होता है।

  172. दुष्ट चिंतन आग में खेलने की तरह है।

  173. जो व्यक्ति कभी कुछ कभी कुछ करते हैं, वे अन्तत: कहीं भी नहीं पहुँच पाते।

  174. स्वर्ग शब्द में जिन गुणों का बोध होता है, सफाई और शुचिता उनमें सर्वप्रमुख है।

  175. जिस दिन, जिस क्षण किसी के अंदर बुरा विचार आये अथवा कोई दुष्कर्म करने की प्रवृत्ति उपजे, मानना चाहिए कि वह दिन-वह क्षण मनुष्य के लिए अशुभ है।

  176. किसी से इर्ष्या करके मनुष्य उसका तो कुछ बिगाड़ नहीं सकता है, पर अपनी निद्रा और अपना सुख-संतोष अवश्य खो देता है।

  177. आदर्शवाद की लम्बी-चौड़ी बातें बखानना किसी के लिए भी सरल है, पर जो उसे अपने जीवनक्रम में उतार सके, सच्चाई और हिम्मत का धनी वही है।

  178. जो मन की शक्ति के बादशाह होते हैं, उनके चरणों पर संसार नतमस्तक होता है।

  179. ज्ञान और आचरण में जो सामंजस्य पैदा कर सके, उसे ही विद्या कहते हैं।

  180. शिक्षक नई पीढ़ी के निर्माता होते हैं।

  181. शिक्षक राष्ट्र मंदिर के कुशल शिल्पी हैं।

  182. शिक्षा का स्थान स्कूल हो सकते हैं, पर दीक्षा का स्थान तो घर ही है।

  183. इतराने में नहीं, श्रेष्ठ कार्यों में ऐश्वर्य का उपयोग करो।

  184. राष्ट्र को बुराइयों से बचाये रखने का उत्तरदायित्व पुरोहितों का है।

  185. जीवन दिन काटने के लिए नहीं, कुछ महान् कार्य करने के लिए है।

  186. उनसे दूर रहो जो भविष्य को निराशाजनक बताते है।

  187. धर्म का मार्ग फूलों सेज नहीं, इसमें बड़े-बड़े कष्ट सहन करने पड़ते हैं।

  188. उत्तम पुस्तकें जाग्रत् देवता हैं। उनके अध्ययन-मनन-चिंतन के द्वारा पूजा करने पर तत्काल ही वरदान पाया जा सकता है।

  189. केवल ज्ञान ही एक ऐसा अक्षय तत्त्व है, जो कहीं भी, किसी अवस्था और किसी काल में भी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता।

  190. ज्ञानदान से बढ़कर आज की परिस्थितियों मेंं और कोई दान नहीं।

  191. वास्तविक सौन्दर्य के आधार हैं-स्वस्थ शरीर, निर्विकार मन और पवित्र आचरण।

  192. विषयों, व्यसनों और विलासों मेंं सुख खोजना और पाने की आशा करना एक भयानक दुराशा है।

  193. मनोविकारों से परेशान, दु:खी, चिंतित मनुष्य के लिए उनके दु:ख-दर्द के समय श्रेष्ठ पुस्तकें ही सहारा है।

  194. वे माता-पिता धन्य हैं, जो अपनी संतान के लिए उत्तम पुस्तकों का एक संग्रह छोड़ जाते हैं।

  195. वह स्थान मंदिर है, जहाँ पुस्तकों के रूप में मूक; किन्तु ज्ञान की चेतनायुक्त देवता निवास करते हैं।

  196. हर वक्त, हर स्थिति मेंं मुस्कराते रहिये, निर्भय रहिये, कर्तव्य करते रहिये और प्रसन्न रहिये।

  197. जो बीत गया सो गया, जो आने वाला है वह अज्ञात है! लेकिन वर्तमान तो हमारे हाथ मेंं है।

  198. अपने अज्ञान को दूर करके मन-मन्दिर में ज्ञान का दीपक जलाना भगवान् की सच्ची पूजा है।

  199. मनुष्य एक भटका हुआ देवता है। सही दिशा पर चल सके, तो उससे बढ़कर श्रेष्ठ और कोई नहीं।

  200. वही जीवति है, जिसका मस्तिष्क ठण्डा, रक्त गरम, हृदय कोमल और पुरुषार्थ प्रखर है।

  201. अपना मूल्य समझो और विश्वास करो कि तुम संसार के सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति हो।

  202. उत्कृष्ट जीवन का स्वरूप है-दूसरों के प्रति नम्र और अपने प्रति कठोर होना।

  203. किसी सदुद्देश्य के लिए जीवन भर कठिनाइयों से जूझते रहना ही महापुरुष होना है।

  204. साधना का अर्थ है-कठिनाइयों से संघर्ष करते हुए भी सत्प्रयास जारी रखना।

  205. मनुष्य जन्म सरल है, पर मनुष्यता कठिन प्रयत्न करके कमानी पड़ती है।

  206. खरे बनिये, खरा काम कीजिए और खरी बात कहिए। इससे आपका हृदय हल्का रहेगा।

  207. संसार में रहने का सच्चा तत्त्वज्ञान यही है कि प्रतिदिन एक बार खिलखिलाकर जरूर हँसना चाहिए।

  208. व्यसनों के वश मेंं होकर अपनी महत्ता को खो बैठे वह मूर्ख है।

  209. काल(समय) सबसे बड़ा देवता है, उसका निरादर मत करो |

  210. इस संसार में कमजोर रहना सबसे बड़ा अपराध है।

  211. अपना आदर्श उपस्थित करके ही दूसरों को सच्ची शिक्षा दी जा सकती है।

  212. सबकी मंगल कामना करो, इससे आपका भी मंगल होगा।

  213. बहुमूल्य समय का सदुपयोग करने की कला जिसे आ गई उसने सफलता का रहस्य समझ लिया।

  214. चिंतन और मनन बिना पुस्तक बिना साथी का स्वाध्याय-सत्संग ही है।

  215. महापुरुषों का ग्रंथ सबसे बड़ा सत्संग है।

  216. अवसर की प्रतीक्षा में मत बैठों। आज का अवसर ही सर्वोत्तम है।

  217. ऊँचे उठो, प्रसुप्त को जगाओं, जो महान् है उसका अवलम्बन करो और आगे बढ़ो।

  218. अपनी महान् संभावनाओं पर अटूट विश्वास ही सच्ची आस्तिकता है।

  219. सज्जनता ऐसी विधा है जो वचन से तो कम; किन्तु व्यवहार से अधिक परखी जाती है।

  220. दुनिया में भलमनसाहत का व्यवहार करने वाला एक चमकता हुआ हीरा है।

  221. दुनिया में आलस्य को पोषण देने जैसा दूसरा भयंकर पाप नहीं है।

  222. किसी को आत्म-विश्वास जगाने वाला प्रोत्साहन देना ही सर्वोत्तम उपहार है।

  223. हम क्या करते हैं, इसका महत्त्व कम है; किन्तु उसे हम किस भाव से करते हैं इसका बहुत महत्त्व है।

  224. सलाह सबकी सुनो, पर करो वह जिसके लिए तुम्हारा साहस और विवेक समर्थन करे।

  225. मनुष्य कर्म करने में स्वतंत्र है; परन्तु इनके परिणामों में चुनाव की कोई सुविधा नहीं।

  226. सच्ची लगन तथा निर्मल उद्देश्य से किया हुआ प्रयत्न कभी निष्फल नहींं जाता।

  227. महानता का गुण न तो किसी के लिए सुरक्षित है और न प्रतिबंधित। जो चाहे अपनी शुभेच्छाओं से उसे प्राप्त कर सकता है।

  228. अपनी दुष्टताएँ दूसरों से छिपाकर रखी जा सकती हैं, पर अपने आप से कुछ भी छिपाया नहीं जा सकता।

  229. हम कोई ऐसा काम न करें, जिसमें अपनी अंतरात्मा ही अपने को धिक्कारे।

  230. जीवन साधना का अर्थ है- अपने समय, श्रम ओर साधनों का कण-कण उपयोगी दिशा में नियोजित किये रहना।

  231. मनुष्य दु:खी, निराशा, चिंतित, उदिग्न बैठा रहता हो तो समझना चाहिए सही सोचने की विधि से अपरिचित होने का ही यह परिणाम है|

  232. आशावादी हर कठिनाई में अवसर देखता है, पर निराशावादी प्रत्येक अवसर में कठिनाइयाँ ही खोजता है।

  233. जीवन के आनन्द गौरव के साथ, सम्मान के साथ और स्वाभिमान के साथ जीने में है।

  234. प्रगति के लिए संघर्ष करो। अनीति को रोकने के लिए संघर्ष करो और इसलिए भी संघर्ष करो कि संघर्ष के कारणों का अन्त हो सके।

  235. भगवान जिसे सच्चे मन से प्यार करते हैं, उसे अग्नि परीक्षाओं में होकर गुजारते हैं।

  236. जिस आदर्श के व्यवहार का प्रभाव न हो, वह फिजूल है और जो व्यवहार आदर्श प्रेरित न हो, वह भयंकर है।

  237. प्रखर और सजीव आध्यात्मिकता वह है, जिसमें अपने आपका निर्माण दुनिया वालों की अँधी भेड़चाल के अनुकरण से नहीं, वरन् स्वतंत्र विवेक के आधार पर कर सकना संभव हो सके।

  238. जीवन के प्रकाशवान् क्षण वे हैं, जो सत्कर्म करते हुए बीते।

  239. योग के दृष्टिकोण से तुम जो करते हो वह नहीं, बल्कि तुम कैसे करते हो, वह बहुत अधिक महत्त्पूर्ण है।

  240. जैसे कोरे कागज पर ही पत्र लिखे जा सकते हैं, लिखे हुए पर नहीं, उसी प्रकार निर्मल अंत:करण पर ही योग की शिक्षा और साधना अंकित हो सकती है।

  241. साधना एक पराक्रम है, संघर्ष है, जो अपनी ही दुष्प्रवृत्तियों से करना होता है।

  242. सत्संग और प्रवचनों का-स्वाध्याय और सुदपदेशों का तभी कुछ मूल्य है, जब उनके अनुसार कार्य करने की प्रेरणा मिले, अन्यथा यह सब भी कोरी बुद्धिमत्ता मात्र है।

  243. कोई भी कठिनाई क्यों न हो, अगर हम सचमुच शान्त रहें तो समाधान मिल जाएगा।

  244. जिनका प्रत्येक कर्म भगवान् को, आदर्शों को समर्पित होता है, वही सबसे बड़ा योगी है।

  245. सद्व्यवहार में शक्ति है। जो सोचता है कि मैं दूसरों के काम आ सकने के लिए कुछ करूँ, वही आत्मोन्नति का सच्चा पथिक है।

  246. सबसे महान् धर्म है, अपनी आत्मा के प्रति सच्चा बनना।

  247. मनोविकार भले ही छोटे हों या बड़े, यह शत्रु के समान हैं और प्रताड़ना के ही योग्य हैं।

  248. आदर्शों के प्रति श्रद्धा और कर्तव्य के प्रति लगन का जहाँ भी उदय हो रहा है, समझना चाहिए कि वहाँ किसी देवमानव का आविर्भाव हो रहा है।

  249. जो दूसरों को धोखा देना चाहता है, वास्तव में वह अपने आपको ही धोखा देता है।

  250. अध्ययन, विचार, मनन, विश्वास एवं आचरण द्वारा जब एक मार्ग को मजबूती से पकड़ लिया जाता है, तो अभीष्ट उद्देश्य को प्राप्त करना बहुत सरल हो जाता है।

  251. ज्ञान का अर्थ है-जानने की शक्ति। सच को झूठ को सच से पृथक् करने वाली जो विवेक बुद्धि है-उसी का नाम ज्ञान है।

  252. इस संसार में प्यार करने लायक दो वस्तुएँ हैं-एक दु:ख और दूसरा श्रम। दुख के बिना हृदय निर्मल नहींं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता।

  253. अधिकांश महान लोगों को अपनी सबसे बड़ी सफलता उनकी सबसे बड़ी असफलता से सिर्फ एक कदम आगे मिली है |

  254. धैर्य, दृढ़ता और पसीना सफलता प्राप्त करने का एक अपराजेय संयोजन है |

  255. इंतजार मत करो, समय कभी भी एकदम सही नहीं होगा |

  256. आप महान चीजें नहीं कर सकते हैं, तो छोटी चीजों को एक महान तरीके से करें।

  257. बोलने से पहले दो बार सोचो, क्योंकि आपके शब्दों और प्रभाव से दूसरे के मन में सफलता या विफलता का बीज बोया जायेगा।

  258. डर, मन की एक स्थिति के अलावा और कुछ भी नहीं है।

  259. तीव्र इच्छा उपलब्धियों की शुरुआत है, आशा नहीं और नहीं कामना, बल्कि तीव्र इच्छा जो सबकुछ बदल देती है।

  260. जीवन में आपको जो भी अवसर चाहिए वो आपकी कल्पना में प्रतीक्षा करते हैं, कल्पना आपके मस्तिष्क की कार्यशाला है, जो आपके मन की ऊर्जा को सिद्धि और धन में बदल देती है।

  261. हर एक कामयाबी और दौलत की शुरूआत एक विचार से होती है।

  262. मनुष्य का दिमाग कुछ भी कल्पना और विश्वास कर सकता है, उसे हासिल कर सकता है।

  263. अकेले हम कितना कम हासिल कर सकते हैं , साथ में कितना ज्यादा |

  264. चरित्र का विकास आसानी से नहीं किया जा सकता. केवल परिक्षण और पीड़ा के अनुभव से आत्मा को मजबूत, महत्त्वाकांक्षा को प्रेरित और सफलता को हासिल किया जा सकता है।

  265. यदि हम अपने काम में लगे रहे तो हम जो चाहें वो कर सकते हैं |

  266. मेरे देश में लोग पहले जेल जाते हैं और फिर राष्ट्रपति बन जाते हैं।

  267. स्वतंत्र होना, अपनी जंजीर को उतार देना मात्र नहीं है, बल्कि इस तरह जीवन जीना है कि औरों का सम्मान और स्वतंत्रता बढे।

  268. मैं जातिवाद से घृणा करता हूँ, मुझे यह बर्बरता लगती है, फिर चाहे वह अश्वेत व्यक्ति से आ रही हो या श्वेत व्यक्ति से।

  269. यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करें जो वो समझता है, तो बात उसके सर में जाती है, यदि आप उससे उसकी भाषा में बात करते हैं, तो बात उसके दिल तक जाती है।

  270. आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके! एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशस्त हो सके.

  271. किसी एक विचार के लिए यदि कोई मरता है तो वह विचार उसके मरने के बाद भी हजारों लोगों में जीवित रहता है।

  272. मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हमारे देश की प्रमुख समस्याएं गरीबी,अशिक्षा, बीमारी, कुशल उत्पादन एवं वितरण सिर्फ समाजवादी तरीके से ही की जा सकती है।

  273. राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्शो सत्यम, शिवम्, सुन्दरम् से प्रेरित हैं।

  274. इतिहास में कभी भी विचार-विमर्श से कोई ठोस परिवर्तन नहीं हासिल किया गया हैं ।

  275. एक सच्चे सैनिक को सैन्य और अध्यात्मिक दोनों प्रशिक्षण की जरुरत होती हैं ।

  276. याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना हैं ।

  277. चलो दिल्ली

  278. जय हिन्द!

  279. जब हम खड़े हों, तब आज़ाद हिन्द फौज को एक ग्रेनाइट की दीवार के समान होना होगा; जब हम आगे बढ़ें, तब आज़ाद हिन्द फौज को एक स्ट्रीमरोलर के समान होना होगा।

  280. तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।

  281. जब कोई कहता है की प्रधानमन्त्री कमजोर हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि लोग उसके शारीरिक क्षमता के बारे में कह रहे हैं बल्कि प्रधामंत्री वो पद होता है जिसकी गरिमा कम हो गयी है |

  282. इच्छा + स्थिरता = संकल्प , संकल्प + कड़ा परिश्रम = सफलता।

  283. एक गरीब परिवार का बेटा भी अपनी बातें कह सकता है और अपने हक के लिए लड़ सकता है। यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है।

  284. मेरे लिए धर्म का मतलब अपने काम के प्रति निष्ठावान और देश के प्रति समर्पण है।

  285. हर इन्सान के अंदर दो गुण होते है एक अच्छा और एक बुरा और इन्सान जिस पर अपना ध्यान लगाएगा वैसा ही बन जायेगा।

  286. हमारे मन की कोई समस्या नही होती समस्या तो केवल हमारी मानसिकता की होती है जिसकी उपज के लिए खुद हम जिम्मेदार होते है।

  287. हमारे द्वारा की गयी कड़ी मेहनत कभी थकान नही लाती बल्कि उसे पूरा करने से संतोष का आनंद प्राप्त होता है।

  288. कुछ बनने के लिए सपने मत देखो बल्कि कुछ ऐसा करके दिखाना है ऐसा सपना देखना चाहिए।

  289. एक समय था जब भारत को अन्य देश के लोग सपेरों का देश मानते थे लेकिन आजकल हमारे देश के युवाओं के चलते ये देश अब सापों को नही ‘माउस’ को नचाते है।

  290. जो सपने देखने की हिम्मत करते हैं, वो पूरी दुनिया को जीत सकते हैं।

  291. समय सीमा पर काम ख़त्म कर लेना काफी नहीं है,मैं समय सीमा से पहले काम ख़त्म होने की अपेक्षा करता हूँ।

  292. युवाओं को एक अच्छा वातावरण दीजिये। उन्हें प्रेरित कीजिये। उन्हें जो चाहिए वो सहयोग प्रदान कीजिये। उसमे से हर एक अपार ऊर्जा का स्रोतहै। वो कर दिखायेगा।

  293. एक दिन धीरुभाई चला जायेगा। लेकिन रिलायंस के कर्मचारी और शेयर धारक इसे चलाते रहेंगे। रिलायंस अब एक विचार है, जिसमे अंबानियों का कोई अर्थ नहीं है।

  294. कठिन समय में भी अपने लक्ष्य को मत छोड़िये और विपत्ति को अवसर में बदलिए।

  295. यदि आप दृढ संकल्प और पूर्णता के साथ काम करेंगे तो सफलता ज़रूर मिलेगी।

  296. फायदा कमाने के लिए न्योते की ज़रुरत नहीं होती।

  297. हमारे स्वप्न विशाल होने चाहिए। हमारी महत्त्वाकांक्षा ऊँची होनी चाहिए। हमारी प्रतिबद्धता गहरी होनी चाहिए और हमारे प्रयत्न बड़े होने चाहिए। रिलायंस और भारत के लिए यही मेरा सपना है।

  298. मेरी सफलता का राज़ मेरी महत्वाकांक्षा और अन्य पुरुषों का मन जानना है।

  299. मेरे भूत, वर्तमान और भविष्य के बीच एक आम कारक है: रिश्ते और विश्वास। यही हमारे विकास की नीव हैं।

  300. ना शब्द मुझे बिलकुल सुनाई नहीं देता।

  301. हम अपने शासकों को नहीं बदल सकते पर जिस तरह वो हम पे शासन करते हैं उसे बदल सकते हैं।

  302. बड़ा सोचो, जल्दी सोचो, आगे सोचो। विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है।

  303. अपनी जड़ों की गहराइयों में सभी फूल प्रकाश रखते हैं।

  304. सभी चीजें कृत्रिम हैं, क्योंकि प्रकृति ईश्वर की कला है।

  305. कई लोग सोचते हैं की वो पैसे कमाने में अच्छे नहीं है, जबकि वो ये नहीं जानते कि उसे प्रयोग कैसे करते हैं।

  306. ऐसे लोग होते हैं जिनके पास पैसे होते हैं और फिर ऐसे लोग होते हैं जो धनवान होते हैं।

  307. अच्छे शिष्टाचार का परिक्षण बुरे शिष्टाचार के साथ धैर्यपूर्वक रहना है।

  308. वे कितने निर्धन हैं जिनके पास धैर्य नहीं है।

  309. धैर्य कड़वा है लेकिन इसका फल मीठा।

  310. उत्कृष्टता एक कौशल नहीं है।यह एक दृष्टिकोण है।

  311. प्रेम को कारण की ज़रुरत नहीं होती। वो दिल के तर्कहीन ज्ञान से बोलता है।

  312. प्रवृत्ति की कमजोरी चरित्र की कमजोरी बन जाती है।

  313. स्वभाव रखना है तो एक छोटे से दीपक की तरह रखो यो गरीब की झोंपड़ी में भी उतनी रौशनी देता है जितनी कि एक राजा के महल में देता है।

  314. हम धर्म और चिंतन के बिना रह सकते हैं पर मानवीय प्रेम के बिना नहीं।

  315. खुशी अपने आप नहीं मिलती, आपके अपने कर्मों से ही आती है।

  316. जब तक हम अपने आप से सुलह नहीं कर लेते तब तक हम दुनिया सेभी कभी सुलह नहीं कर सकते।

  317. सहिष्णुता के अभ्यास में आपका शत्रु ही आपका सर्वश्रेष्ठ शिक्षक होता है।

  318. जब आप कुछ गंवा बैठते हैं, तो उससे प्राप्त शिक्षा को कभी न गंवाएं।

  319. हमारी खुशी का स्रोत हमारे ही भीतर है, और यह स्रोत दूसरों के प्रति संवेदना से पनपता है।

  320. यदि आप दूसरों को प्रसन्न देखना चाहते हैं तो करुणा का भाव रखें. यदि आप स्वयं प्रसन्न रहना चाहते हैं तो भी करुणा का भाव रखें।

  321. मेरा धर्म बहुत सरल है, मेरा धर्म दयालुता है।

  322. प्रेम और करुणा आवश्यकताएं हैं, विलासिता नहीं उनके बिना मानवता जीवित नहीं रह सकती।

  323. कभी-कभी कुछ कह कर लोग अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं और कभी-कभी लोग चुप रहकर भी अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं।

  324. यदि आप एक विशेष विश्वास या धर्म में आस्था रखते हैं तो ये अच्छी बात है | लेकिन आप इसके बिना भी जीवित रह सकते हैं।

  325. अज्ञानता बदलाव से डरती है

  326. हर एक हमलावर राष्ट्र की यह दावा करने की आदत होती है कि वह अपनी रक्षा के लिए कार्य कर रहा है।

  327. महान कार्य और छोटे लोग एक साथ नहीं चल सकते

  328. संकट और गतिरोध जब वे होते हैं तो कम से कम उनका एक फायदा होता है कि वे हमें सोचने पर मजबूर करते हैं।

  329. संकट के समय हर छोटी चीज़ मायने रखती है

  330. नागरिकता देश की सेवा में निहित है।

  331. सुझाव देना और बाद में हमने जो कहा उसके नतीजे से बचने की कोशिश करना बेहद आसान है

  332. तथ्य तथ्य हैं और आपके नापसंद करने से गायब नहीं हो जायेंगे।

  333. संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है।

  334. एक ऐसा क्षण जो इतिहास में बहुत ही कम आता है, जब हम पुराने के छोड़ नए की तरफ जाते हैं, जब एक युग का अंत होता है, और जब वर्षों से शोषित एक देश की आत्मा, अपनी बात कह सकती है।

  335. मेरी रुचि सत्ता के कब्जे में नहीं, बल्कि लोगों द्वारा सत्ता के नियंत्रण में है।

  336. सच्ची राजनीति मानवीय प्रसन्नता को बढ़ावा देने बारे में हैं।

  337. ये (साम्यवाद) इस सवाल का जवाब नहीं देता: कोई आदमी अच्छा क्यों हो ?

  338. कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है

  339. यदि हम हर वो चीज कर दें जिसके हम सक्षम हैं, तो सचमुच हम खुद को चकित कर देंगे।

  340. प्रतिभा एक प्रतिशत प्रेरणा और निन्यानबे प्रतिशत पसीना है।

  341. हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मान लेना है। सफल होने का सबसे निश्चित तरीका है हमेशा एक और बार प्रयास करना।

  342. जिसने गर्व किया उसका पतन अवश्य हुआ

  343. मानव को अपने पल-पल को ‘आत्मचिन्तन’ मे लगाना चाहिए, क्योंकि हर क्षण हम ‘परमेश्वर’ द्वारा दिया गया ‘समय’ खो रहे है।

  344. यश और कीर्ति ऐसी ‘विभूतियाँ’ है, जो मनुष्य को संसार के माया जाल से निकलने मे सबसे बड़े ‘अवरोधक’ हैं।

  345. जिस ‘मनुष्य’ मे ‘संतुष्टि’ के ‘अंकुर’ फुट गये हों, वो ‘संसार’ के ‘सुखी’ मनुष्यों मे गिना जाता है।

  346. अगर ‘मनुष्य’ का मन ‘शाँन्त’ है, ‘चित्त’ प्रसन्न है, ह्रदय ‘हर्षित’ है, तो निश्चय ही ये अच्छे कर्मो का ‘फल’ है।

  347. संस्कार ही ‘मानव’ के ‘आचरण’ का नीव होता है, जितने गहरे ‘संस्कार’ होते हैं, उतना ही ‘अडिग’ मनुष्य अपने ‘कर्तव्य’ पर, अपने ‘धर्म’ पर, ‘सत्य’ पर और ‘न्याय’ पर होता है।

  348. मद मनुष्य की वो स्थिति या दिशा है, जिसमे वह अपने ‘मूल कर्तव्य’ से भटक कर ‘विनाश’ की ओर चला जाता है।

  349. ईष्या से मनुष्य को हमेशा दूर रहना चाहिए। क्योकि ये ‘मनुष्य’ को अन्दर ही अन्दर जलाती रहती है और पथ से भटकाकर पथ भ्रष्ट कर देती है।

  350. मोह वह अत्यंत विस्मृत जाल है जो बाहर से अत्यंत सुन्दर और अन्दर से अत्यंत कष्टकारी है , जो इसमें फंसा वो पूरी तरह उलझ गया

  351. लोभ वो अवगुण है, जो दिन प्रति दिन तब तक बढता ही जाता है, जब तक मनुष्य का विनाश ना कर दे।

  352. अहंकार एक मनुष्य के अन्दर वो स्थित लाती है, जब वह ‘आत्मबल’ और ‘आत्मज्ञान’ को खो देता है।

  353. क्षमा करना सबके बस की बात नहीं, क्योंकी ये मनुष्य को बहुत बडा बना देता है।

  354. क्रोध का भोजन ‘विवेक’ है, अतः इससे बचके रहना चाहिए। क्योंकि ‘विवेक’ नष्ट हो जाने पर, सब कुछ नष्ट हो जाता है।

  355. ये ‘शरीर’ ‘नश्वर’ है, हमे इस शरीर के माध्यम से केवल एक अवसर मिला है, खुद को साबित करने का कि, ‘मनुष्यता’ और ‘आत्मविवेक’ क्या है।

  356. वेदों मे वर्णित सार का पान करने वाले ही ये जान सकते हैं कि ‘जीवन’ का मूल बिन्दु क्या है।

  357. उस सर्वव्यापक ईश्वर को योग द्वारा जान लेने पर हृदय की अविद्यारुपी गांठ कट जाती है, सभी प्रकार के संशय दूर हो जाते हैं और व्यक्ति भविष्य में पाप नहीं करता।

  358. बुद्धि, करुणा,और साहस, व्यक्ति के लिए तीन सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त नैतिक गुण हैं|

  359. धर्म मानव मस्तिष्क जो न समझ सके उससे निपटने की नपुंसकता है।

  360. अगर कोई चीज निश्चित है तो ये कि मैं खुद एक मार्क्सवादी नहीं हूँ।

  361. लोकतंत्र समाजवाद का रास्ता है

  362. इतिहास खुद को दोहराता है, पहले एक त्रासदी की तरह, दुसरे एक मज़ाक की तरह।

  363. यदि आप और मैं इस क्षण किसी के भी विरुद्ध हिंसा या नफरत का विचार ला रहे हैं तो हम दुनिया को घायल करने में योगदान दे रेहे हैं।

  364. ब्रह्माण्ड में कोई भी टुकड़ा अतिरिक्त नहीं है। हर कोई यहाँ इसलिए है क्योंकि उसे कोई जगह भरनी है, हर एक टुकड़े को बड़ी पहेली में फिट होना है।

  365. जितना कम आप अपना ह्रदय दूसरों के समक्ष खोलेंगे , उतनी अधिक आपके ह्रदय को पीड़ा होगी।

  366. हमारी सोच और हमारा व्यवहार हमेशा किसी प्रतिक्रिया की आशा में होते हैं। इसलिए ये डर पर आधारित हैं।

  367. प्रसन्नता ऐसी घटनाओ की निरंतरता है जिनका हम विरोध नहीं करते।

  368. अपने शरीर को जानकर एवं विश्वास और जीव विज्ञान के बीच की कड़ी समझ कर आप उम्र बढ़ने से मुक्ति पा सकते हैं।

  369. सोचना ब्रेन केमिस्ट्री का अभ्यास है।

  370. आप और मैं अनंत विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं। हमारे अस्तित्व के हर एक क्षण में हम उन सभी संभावनाओं के मध्य में होते हैं जहाँ हमारे पास अनंत विकल्प मौजूद होते हैं।

  371. जब तक आप जो कर रहे हैं उसे पसंद नहीं करते तब तक आप सफलता नहीं पा सकते

  372. अगर आप शहद इकठ्ठा करना चाहते हैं तो छत्ते पर लात मत मारिये.

  373. अपनी मौजूदा स्थिति के लिए अफ़सोस करना, ना केवल ऊर्जा की बर्बादी है बल्कि शायद ये सबसे बुरी आदत है जो आपके अन्दर हो सकती है।

  374. किसी आदमी के दिल तक जाने का शाही रास्ता है उससे उस चीज के बारे में बात करना जिसे वह सबसे ज्यादा चाहता है।

  375. हमारी राजनीतिक व्यवस्था का आधार लोगों का अपनी सरकार के संविधान को बदलने का अधिकार है।

  376. जब हमने सैनिकों की कल्पना की तो हमने नागरिकों को एक तरफ नहीं रख दिया।

  377. अनुशासन सेना की आत्मा है। यह छोटी संख्या को भयंकर बना देती है; कमजोरों को सफलता और सभी को सम्मान दिलाती है।

  378. वह समय बहुत नज़दीक है जो तय करेगा कि अमेरिकी स्वतंत्र होंगे या गुलाम।

  379. यदि बोलने की स्वतंत्रता छीन ली जाये तो शायद गूंगे और मौन हम उसी तरह संचालित होंगे जैसे भेड़ को बलि के लिए ले जाया जा रहा हो।

  380. सभी देशों के प्रति अच्छी भावना और न्याय रखें। सभी के साथ शांति और सद्भाव स्थापित करें।

  381. बिना प्रभु और बाइबिल के देश पर सही ढंग से शासन करना असंभव है।

  382. बुरी संगत में रहने से अच्छा अकेले रहना है।

  383. सच्ची दोस्ती धीमी गति से उगने वाला पौधा है, और कोई इस पदवी का हकदार बने उससे पहले उसे विपत्ति के झटको से गुजरना और उन्हें सहना होगा।

  384. बंदूकें महत्त्व में सिर्फ संविधान से कम होती हैं; वे लोगों की स्वतंत्रता का दांत होती हैं।

  385. जीवन कठिन है। ये और भी कठिन हो जाता है अगर आप बेवकूफ हों।

  386. मौत जीवन का अंत करती है, रिश्ते का नहीं।

  387. आप एक ही बार जीते हैं, पर अगर सही से जियें तो एक ही बार काफी है।

  388. तुम चीजें देखते हो ; और कहते हो, ‘क्यों ?’ लेकिन मैं उन चीजों के सपने देखता हूँ जो कभी थीं ही नहीं; और मैं कहता हूँ ‘क्यों नहीं ?’

  389. सफलता कभी गलती ना करने में निहित नहीं होती बल्कि एक ही गलती दोबारा ना करने में निहित होती है।

  390. वाह! एक बाघ आपसे प्रेम करेगा। खाने के प्रति प्रेम से सच्चा कोई प्रेम नहीं है।

  391. जब सब ठीक चल रहा हो तब अच्छा बर्ताव तो कोई भी कर सकता है।

  392. लोकतंत्र तब होगा जब गरीब ना कि धनाड्य शासक हों।

  393. मनुष्य प्राकृतिक रूप से ज्ञान कि इच्छा रखता है।

  394. डर बुराई की अपेक्षा से उत्पन्न होने वाले दर्द है।

  395. शिक्षा बुढ़ापे के लिए सबसे अच्छा प्रावधान है।

  396. हम वो है जो हम बार बार करते है। उत्कृष्टता कोई तरीका नहीं बल्कि आदत है।

  397. मनुष्य अपनी सबसे अच्छे रूप में सभी जीवों में सबसे उदार होता है, लेकिन यदि कानून और न्याय न हो तो वो सबसे खराब बन जाता है।

  398. जब मैं कहता हूँ कि आप लोग देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं है, आपकी क्षमताएं अनंत हैं।

  399. लोग बुद्ध को इतना प्रेम करते हैं कि वो उनका मज़ाक भी उड़ा सकते हैं. ये अथाह प्रेम कि वजह से है; इसलिए उनमे डर नहीं है।

  400. मेरी सारी शिक्षा दो शब्दो की है – प्रेम और ध्यान।

  401. जब तुम नही होगे, तब तुम पहली बार होगे ।

  402. तुम कहते हो की स्वर्ग में शाश्वत सौंदर्य है,शाश्वत सौंदर्य अभी है यहाँ ,स्वर्ग में नही।

  403. यथार्थवादी बनो: चमत्कार की योजना बनाओ।

  404. यदि तुम्हारे ह्रदय के तार मुझसे जुड़ गए हैं तो अनंतककाल तक आवाज़ देता रहूँगा।

  405. सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है…इसके उलट, सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है।

  406. जवानी में हम मुसीबतों के पीछे भागते हैं, बुढापे में मुसीबतें हमारे पीछे।

  407. जो सीखना छोड़ देता है वो बूढा है, चाहे बीस का हो या अस्सी का। जो सीखता रहता है वो जवान रहता है। ज़िन्दगी की सबसे बड़ी चीज है अपने दिमाग को जवान रखना।

  408. महत्त्वाकांक्षा वो नहीं है जो इंसान करना चाहता है, बल्कि वो है जो इंसान करता है, क्योंकि बिना कर्म के महत्त्वाकांक्षा बस एक कल्पना है।

  409. एक छोटी सी मोमबत्ती का प्रकाश कितनी दूर तक जाता है! इसी तरह इस बुरी दुनिया में एक अच्छा काम चमचमाता है।

  410. लेकिन आदमी आदमी ही होता है; जो सबसे अच्छे होते हैं वो कई बार ये भूल जाते हैं.

  411. मन की गतिविधियों, होश, विश्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति तुम्हारे साथ है; और लगातार तुम्हे बस एक साधन की तरह प्रयोग कर के सभी कार्य कर रही है।

  412. एक आवारा, एक सज्जन, एक कवि, एक सपने देखने वाला , एक अकेला आदमी, हमेशा रोमांस और रोमांच की उम्मीद करते है।

  413. विजेता बनने का एक हिस्सा ये जानना है कि कब हद पार हो चुकी है। कभी-कभी आपको लड़ाई छोड़ कर जाना पड़ता है, और कुछ और करना होता है जो अधिक प्रोडक्टिव हो.

  414. जब मैं अच्छा करता हूँ, मुझे अच्छा लगता है. जब मैं बुरा करता हूँ, तो मुझे बुरा लगता है, यही मेरा धर्म है।

  415. हमेशा यह ध्यान में रखिये कि आपके द्वारा सफल होने का लिया गया संकल्प आपके किसी भी अन्य संकल्प से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

  416. पहले निश्चित कर लो कि तुम्हारे पैर सही जगह पर पड़े हैं, तब सीधे खड़े हो।

  417. मैं जो भी हूँ, या होने की आशा करता हूँ, उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है।

  418. यदि आप एक बार अपने नागरिकों का भरोसा तोड़ दें, तो आप फिर कभी उनका सत्कार और सम्मान नहीं पा सकेंगे।

  419. मित्र वो है जिसके शत्रु वही हैं जो आपके शत्रु हैं।

  420. शत्रुओं को मित्र बना कर क्या मैं उन्हें नष्ट नहीं कर रहा?

  421. प्रजातंत्र लोगों की, लोगों के द्वारा, और लोगों के लिए बनायी गयी सरकार है।

  422. भगवान ने मनुष्य को अपने समान ही बनाया, पर दुर्भाग्य से इन्सान ने भगवान को अपने जैसा बना डाला.

  423. अगर आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं, तो आप कर सकते हैं| अगर आप सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते हैं, तो आप नहीं कर सकते हैं.

  424. विपरीत परस्थितियों में कुछ लोग टूट जाते हैं, तो कुछ लोग लोग रिकॉर्ड तोड़ देते हैं.

  425. किसकी को हराना बहुत आसान है पर किसी को जीतना बहुत कठिन है।

  426. जिंदगी और समय, विश्व के दो सबसे बड़े अध्यापक है। ज़िंदगी हमे समय का सही उपयोग करना सिखाती है जबकि समय हमे ज़िंदगी की उपयोगिता बताता है।

  427. कभी कभी कक्षा से बंक मारकर मित्रोँ के साथ मस्ती करना अच्छा होता है, क्योंकि आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ तो ये सिर्फ हंसाता ही नहीं है, बल्कि अच्छी यादें भी देता है।

  428. एक अच्छी पुस्तक हज़ार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी (पुस्तकालय) के बराबर होता है |

  429. भारत में हम बस मौत, बीमारी, आतंकवाद और अपराध के बारे में पढ़ते हैं।

  430. मैं हमेशा इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।

  431. क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है ?

  432. अगर मरने के बाद भी जीना है तो एक काम जरूर करना पढने लायक कुछ लिख जाना या फिर लिखने लायक कुछ कर जाना |

  433. भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं। इश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है।

  434. कृत्रिम सुख के स्थान पर ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिए।

  435. आश्चर्य, भय, तोड़-फोड़, हत्या के ज़रिये दुश्मन को अन्दर से हतोत्साहित कर दो.यह भविष्य का युद्ध है।

  436. एक ईसाई होने के नाते मुझे खुद को ठगे जाने से बचाने का कोई कर्तव्य नहीं है, लेकिन सत्य और न्याय के लिए लड़ने का मेरा कर्तव्य है।

  437. जर्मनी या तो एक विश्व-शक्ति होगा या फिर होगा ही नहीं।

  438. कोई भी गठबंधन जिसका उद्देश्य युद्ध शुरू करना नहीं है वो मूर्खतापूर्ण और बेकार है।

  439. महान असत्यवादी महान जादूगर भी होते हैं।

  440. खजाने को चोरों से नहीं पहरेदारों से धोखा है। देश को सिर्फ दुश्मनों से ही नहीं बल्कि इन गद्दारों से धोखा है।

  441. देश को असल में स्वतंत्रता आजादी के इतने साल बाद भी नहीं मिली और केवल एक बदलाव आया गोरों की जगह काले आ गए.

  442. मैं इस देश के लोगों से अनुरोध करता हूँ कि इस क्रांति को जारी रखें.मैं ना हूँ तो भी लोगों को संघर्ष जारी रखना चाहिए।

  443. वही लूट, वही भ्रष्टाचार, वही उप द्रवता अभी भी मौजूद है।

  444. कल मेरा रक्त चाप कम था, लेकिन आज यह फिर से नियंत्रण में है क्योंकि देश की ताकत मेरे पीछे है।

  445. यदि हम स्वतंत्र नहीं हैं तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा।

  446. जो अपने लिए जीते हैं वो मर जाते हैं, जो समाज के लिए मरते हैं वो जिंदा रहते हैं।

  447. अपने समय का कुछ हिस्सा प्रभु के चरणों के अंदर समर्पित कर देना चाहिए ।

  448. दुनिया को जीतने के लिए सबसे पहले अपने मन के विकारों को खत्म करना जरूरी होता है।

  449. परमात्मा एक है और उसके लिए सब एक समान है।

  450. धन-समृद्धि से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजा-महाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है जिसमे में ईश्वर का प्रेम भरा हो।

  451. दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए. बिना गुरु के कोई भी दुसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।

  452. भगवान एक है, लेकिन उसके कई रूप हैं. वो सभी का निर्माणकर्ता है और वो खुद मनुष्य का रूप लेता है।

  453. प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ।

  454. करुणा को रुई, सन्तोष को धागा, नम्रता को गाँठ और सत्यता को मरोड़ बनाओ। यह आत्मा का पवित्र धागा है, तब आगे बढ़ो और इसे मुझपर डाल दो।

  455. मैं जन्मा नहीं हूं मेरे लिए कोई भी कैसे मर सकता है या कैसे जन्म ले सकता है।

  456. एक मुमकिन असंभावना एक निश्चित सम्भावना की तुलना में बेहतर है।

  457. प्रगति अक्सर मन और मानसिकता के अंतर के बराबर होती है।

  458. पैसे की असली शक्ति इसे दान देने की शक्ति का होना है।

  459. हम ईश्वर में यकीन रखते हैं, बाकी सभी तथ्य जमा करते हैं।

  460. चरित्र + अवसर = सफलता

  461. प्रदर्शन पहचान दिलाता है। पहचान से सम्मान आता है। सम्मान से शक्ति बढ़ती है। शक्ति मिलने पर विनम्रता और अनुग्रह का भाव रखना किसी संगठन की गरिमा को बढ़ाता है।

  462. इस मक्कार दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है, यहाँ तक की हमारी परेशानिया भी नहीं।

  463. किसी आदमी का असली चरित्र तब सामने आता है जब वो नशे में होता है।

  464. हास्य टॉनिक है, राहत है, दर्द रोकने वाला है।

  465. असफलता महत्त्वहीन है। अपना मजाक बनाने के लिए हिम्मत चाहिए होती है।

  466. ज़िन्दगी करीब से देखने में एक त्रासदी है, लेकिन दूर से देखने पर एक कॉमेडी।

  467. सबसे दुखद चीज जिसकी मैं कल्पना कर सकता हूँ वो है विलासिता का आदी होना।

  468. जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों तो एक घंटा एक सेकंड के सामान लगता है।जब आप धधकते अंगारे पर बैठे हों तो एक सेकंड एक घंटे के सामान लगता है। यही सापेक्षिकता है।

  469. ज़िन्दगी बढ़िया हो सकती है अगर लोग आपको अकेला छोड़ दें।

  470. ईश्वर के सामने हम सभी एक बराबर ही बुद्धिमान हैं-और एक बराबर ही मूर्ख भी।

  471. जो छोटी-छोटी बातों में सच को गंभीरता से नहीं लेता है, उस पर बड़े मसलों में भी भरोसा नहीं किया जा सकता।

  472. इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है, यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए।

  473. हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है। ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो। यह कड़वा सच है।

  474. कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयम से तीन प्रश्न कीजिये – मैं ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल होऊंगा। और जब गहरई से सोचने पर इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जायें, तभी आगे बढें।

  475. जैसे ही भय आपके करीब आये, उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये।

  476. इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये।

  477. सर्प, नृप, शेर, डंक मारने वाले जीव, छोटे बच्चे, दूसरों के कुत्तों, और एक मूर्ख; इन सातों को नींद से नहीं उठाना चाहिए।

  478. किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना।

  479. कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं।

  480. शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है। शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है।

  481. अगर सांप जहरीला ना भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए।

  482. व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है | वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है।

  483. दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है |

  484. अपमानित होके जीने से अच्छा मरना है। मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है, लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है।

  485. वेश्याएं निर्धनों के साथ नहीं रहतीं, नागरिक दुर्बलों की संगती में नहीं रहते, और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते जिसपे फल ना हों।

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