क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है ?
By : ए पी जे अब्दुल कलाम
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kya hum nahi jaante ki aatm samman aatm nirbharta ke sathj aata hai. | क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है ?
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- युवाओं को मेरा संदेश है कि कुछ अलग तरीके से सोचें, कुछ नया करने का प्रयत्न करें, हमेशा अपना रास्ता खुद बनाएं और असंभव को हासिल करें।
- यदि चार बातों का पालन किया जाए कि – एक महान लक्ष्य बनाया जाए, ज्ञान अर्जित किया जाए,कड़ी मेहनत की जाए और दृढ़ मजबूत रहा जाए तो इस जीवन में कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
- हम केवल तभी याद किए जाएंगे जब हम हमारी युवा पीढ़ी को एक समृद्ध एवं सुरक्षित भारत का निर्माण कर के दें। जो कि आर्थिक समृद्धि और सभ्यता की विरासत का परिणाम होगा।
- हमें पता भी नहीं होता कि कोई ताकत हमारे अंदर भी उपस्थित है, और केवल तब जब हम असफल होते हैं तब हमें ऐहसास होता है कि संसाधन तो हमेशा से हमारे पास थे। हमें केवल उन्हे खोजने और जीवन में आगे बढ़ने की जरूरत होती है।
- अगर तुम समय की रेत पर अपने पैरों के निशान छोड़ना चाहते हो तो अपने पैर घिसट कर मत चलो।
- यदि हर इंसान द्वारा शिक्षा के वास्तविक अर्थ को समझ लिया जाता और उस शिक्षा को मानव गतिविधि के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाता तो यह दुनिया रहने लिए कहीं ज्यादा अच्छी जगह होती।
- सबसे उत्तम कार्य क्या होता है? – किसी इंसान के दिल को खुश करना, किसी भूखे को खाना खिलाना, जरूरतमंदों की मदद करना, किसी दुखियारे का दुख दूर करना, किसी घायल की सेवा करना आदि।
- बारिश की दौरान सारे पक्षी आश्रय की खोज करते है लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही अवॉयड कर देते है। समस्याएँ कॉमन है, लेकिन आपका एटीट्यूड इनमे डिफरेंस पैदा करता है।
- दुनिया की लगभग आधी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और ज्यादातर गरीबी की हालत में रहती है। मानव विकास की इन्हीं असमानताओं की वजह से ही कुछ भागों में अशांति और हिंसा जन्म लेती है।
- निपुणता एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है यह एक घटना मात्र नहीं है।