आपको ये नहीं मानना चाहिये कि आप जो श्रम करेंगे उससे उत्पन्न फसल को आप ही काटेंगे। सदेव ऐसा नहीं होता। हमे अपनी पूर्ण शक्ति से श्रम करना चाहिये और उसका परिणाम आने वाली पीढ़ी के भोगने के लिए छोड़ देना चाहिये। याद रखिये ,आप जो आम आज खा रहे हैं उनके पेड़ आपने नहीं लगाये थे - aapko yah nahi mannna chahiye ki aapko shra karenge usse utpanna fasal aap hi kaatenge. sadaiv esa nahi hota.humein apni poorna shakti se shram karna chahiye aur uska phalaane wali peedhi kobhogne ke liye chhod dene chahiye. yaad rakhiye aaj aap jo aam kha rahe hain uske ped aapne nahi lagaye the. : बाल गंगाधर तिलक

आपको ये नहीं मानना चाहिये कि आप जो श्रम करेंगे उससे उत्पन्न फसल को आप ही काटेंगे। सदेव ऐसा नहीं होता। हमे अपनी पूर्ण शक्ति से श्रम करना चाहिये और उसका परिणाम आने वाली पीढ़ी के भोगने के लिए छोड़ देना चाहिये। याद रखिये ,आप जो आम आज खा रहे हैं उनके पेड़ आपने नहीं लगाये थे। : Aapko yah nahi mannna chahiye ki aapko shra karenge usse utpanna fasal aap hi kaatenge. sadaiv esa nahi hota.humein apni poorna shakti se shram karna chahiye aur uska phalaane wali peedhi kobhogne ke liye chhod dene chahiye. yaad rakhiye aaj aap jo aam kha rahe hain uske ped aapne nahi lagaye the. - बाल गंगाधर तिलक

दूसरे के मुह से पानी नहीं पिया जा सकता ,हमे पानी स्वयं पीना होगा। वर्तमान व्यवस्था (अंग्रेजी हुकूमत ) हमे दुसरे के मुह से पानी पीने के लिए मजबूर करती है। हमे अपने कुवें से अपना पानी खीचना और पानी पीना चाहिये - doosre ke muh se paani nahi peeya jaa sakta, paanihumein swayam peena hoga. vartmaan vyavastha(angrezi hukoomat) humein ddosre ke muh s epaani peene par majboor karti hai. apne kue se paani kheench kar swayam peeye : बाल गंगाधर तिलक

दूसरे के मुह से पानी नहीं पिया जा सकता ,हमे पानी स्वयं पीना होगा। वर्तमान व्यवस्था (अंग्रेजी हुकूमत ) हमे दुसरे के मुह से पानी पीने के लिए मजबूर करती है। हमे अपने कुवें से अपना पानी खीचना और पानी पीना चाहिये। : Doosre ke muh se paani nahi peeya jaa sakta, paanihumein swayam peena hoga. vartmaan vyavastha(angrezi hukoomat) humein ddosre ke muh s epaani peene par majboor karti hai. apne kue se paani kheench kar swayam peeye - बाल गंगाधर तिलक

प्रातः काल मे उदित होने के लिए ही सूर्य संध्या काल मे अन्धकार के गर्त मे चला जाता है। अन्धकार मे जाए बिना प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता। गर्म हवा के झोंकों मे जाए बिना, कष्ट उठाये बिना, पैरों मे छाले पड़े बिना, स्वतन्त्रता नहीं मिल सकती - pratah kaal me udit hone keliye soorya sandhya kaal me andhkar ke gart me chalaa jata hai. andhkar me jaaye bina prakash prapt nahi hota. : बाल गंगाधर तिलक

प्रातः काल मे उदित होने के लिए ही सूर्य संध्या काल मे अन्धकार के गर्त मे चला जाता है। अन्धकार मे जाए बिना प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता। गर्म हवा के झोंकों मे जाए बिना, कष्ट उठाये बिना, पैरों मे छाले पड़े बिना, स्वतन्त्रता नहीं मिल सकती। : Pratah kaal me udit hone keliye soorya sandhya kaal me andhkar ke gart me chalaa jata hai. andhkar me jaaye bina prakash prapt nahi hota.  - बाल गंगाधर तिलक

एक बहुत प्राचीन सिद्धांत है की ईश्वर उनकी ही सहायता करता है ,जो अपनी सहायता आप करते हैं। आलसी व्यक्तियों के लिए ईश्वर अवतार नहीं लेता। वह उद्योगशील व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होता है। इसलिए कार्य करना शुरु कीजिये - ek bahut prachin siddhant hai ki ishwar unki hi sahayta karta hai jo apni sahayta apne aap karte hain, aalsi vyaktiyon ke liye koi ishwar avatarit nahi hota. wah to keval udyogsheel vyakti ki sahayta karta hai isliye aaj hi kaam kariye. : बाल गंगाधर तिलक

एक बहुत प्राचीन सिद्धांत है की ईश्वर उनकी ही सहायता करता है ,जो अपनी सहायता आप करते हैं। आलसी व्यक्तियों के लिए ईश्वर अवतार नहीं लेता। वह उद्योगशील व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होता है। इसलिए कार्य करना शुरु कीजिये। : Ek bahut prachin siddhant hai ki ishwar unki hi sahayta karta hai jo apni sahayta apne aap karte hain, aalsi vyaktiyon ke liye koi ishwar avatarit nahi hota. wah to keval udyogsheel vyakti ki sahayta karta hai isliye aaj hi kaam kariye. - बाल गंगाधर तिलक

धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं हैं। सन्यास लेना जीवन का परित्याग करना नहीं है। असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बजाये देश को अपना परिवार बना मिलजुल कर काम करना है। इसके बाद का कदम मानवता की सेवा करना है और अगला कदम ईश्वर की सेवा करना है - dharm aur vyavharik jeevan alag nahi hai. sanyas lena jeevan ka prityaag karna nahin hai. asli bhavna sirf apne liye kaam karne ki bajaay apne desh ke liye mil jul kar kaam karna hai aur agla kadam manvta ki seva karna aur fir usse agla kada ishwar kiseva karna hai. : बाल गंगाधर तिलक

धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं हैं। सन्यास लेना जीवन का परित्याग करना नहीं है। असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बजाये देश को अपना परिवार बना मिलजुल कर काम करना है। इसके बाद का कदम मानवता की सेवा करना है और अगला कदम ईश्वर की सेवा करना है। : Dharm aur vyavharik jeevan alag nahi hai. sanyas lena jeevan ka prityaag karna nahin hai. asli bhavna sirf apne liye kaam karne ki bajaay apne desh ke liye mil jul kar kaam karna hai aur agla kadam manvta ki seva karna aur fir usse agla kada ishwar kiseva karna hai. - बाल गंगाधर तिलक

आपका दोष क्षमता की कमी या साधनों की कमी की दृष्टि से नहीं है, वरन दोष इस बात मे है कि आप में संकल्प का अभाव है। आपने उस संकल्प को अपने मे उत्पन्न नहीं किया है जो आपको पहले ही उत्पन्न कर लेना था। संकल्प ही सब कुछ है। आपको संकल्प शक्ति इतना साहस दे सकती है कि आपको लक्ष्य पाने से कोई नहीं रोक सकता - aapka doshkshamta ki kami ya saadhno ki kami ki drishti se ahi hai balki dosh is baat me hai ki aapme sankalp lene ka abhaav hai. : बाल गंगाधर तिलक

आपका दोष क्षमता की कमी या साधनों की कमी की दृष्टि से नहीं है, वरन दोष इस बात मे है कि आप में संकल्प का अभाव है। आपने उस संकल्प को अपने मे उत्पन्न नहीं किया है जो आपको पहले ही उत्पन्न कर लेना था। संकल्प ही सब कुछ है। आपको संकल्प शक्ति इतना साहस दे सकती है कि आपको लक्ष्य पाने से कोई नहीं रोक सकता। : Aapka doshkshamta ki kami ya saadhno ki kami ki drishti se ahi hai balki dosh is baat me hai ki aapme sankalp lene  ka abhaav hai. - बाल गंगाधर तिलक

आपके लक्ष्य की पूर्ति स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी। आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है। कार्य करने और कठोर श्रम करने के दिन यही हैं - aapke lakshyon ki poorti swarg se aaye kis jaadoo se nahi ho sakegi. aapko hi apna lakshya praapt karna hai . kaarya aur kathor shram karne ke yahidin hain . : बाल गंगाधर तिलक

आपके लक्ष्य की पूर्ति स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी। आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है। कार्य करने और कठोर श्रम करने के दिन यही हैं। : Aapke lakshyon ki poorti swarg se aaye kis jaadoo se nahi ho sakegi. aapko hi apna lakshya praapt karna hai . kaarya aur kathor shram karne ke yahidin hain . - बाल गंगाधर तिलक

आपके विचार सही हों ,आपके लक्ष्य ईमानदार हों ,और आपके प्रयास संवेधानिक हों तो मुझे पूर्ण विश्वास है की आपको अपने प्रयत्नों मे सफलता मिलेगी - aapke vichar sahi ho, aapke lakshya imaandar ho aur aapke prayas samvaidhanik ho to mujhe purna vishwas hai ki aapko aapke prayatno me saflta milegi. : बाल गंगाधर तिलक

आपके विचार सही हों ,आपके लक्ष्य ईमानदार हों ,और आपके प्रयास संवेधानिक हों तो मुझे पूर्ण विश्वास है की आपको अपने प्रयत्नों मे सफलता मिलेगी। : Aapke vichar sahi ho, aapke lakshya imaandar ho aur aapke prayas samvaidhanik ho to mujhe purna vishwas hai ki aapko aapke prayatno me saflta milegi. - बाल गंगाधर तिलक

अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा ? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये ,हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये - apne hit ki raksha ke liye yadi hum swayam jaagruk nahin honge to doosra kaun hoga? humein is samay sona hain hai balki apne lakshya ki prapti ke liye prayatna karne chahiye : बाल गंगाधर तिलक

अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा ? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये ,हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये। : Apne hit ki raksha ke liye yadi hum swayam jaagruk nahin honge to doosra kaun hoga? humein is samay sona hain hai balki apne lakshya ki prapti ke liye prayatna karne chahiye - बाल गंगाधर तिलक

हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले - ho sakta hai ye bhagwan ki marzi ho ki main jis vajah se pratinidhitva karta hu use mere aazad rahne se jyada mere peeda me rahnese adhiklaabh mile. : बाल गंगाधर तिलक

हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले। : Ho sakta hai ye bhagwan ki marzi ho ki main jis vajah se pratinidhitva karta hu use mere aazad rahne se jyada mere peeda me rahnese adhiklaabh mile. - बाल गंगाधर तिलक

भूविज्ञानी पृथ्वी का इतिहास वहां से उठाते हैं जहाँ से पुरातत्वविद् इसे छोड़ देते हैं, और उसे और भी पुरातनता में ले जाते हैं - bhoo-vigyani prithvi ka itihaas wahan se uthaate hain jahan se puratatva-vid use chhod dete hain aur use bhi puratanta meinle jaate hain. : बाल गंगाधर तिलक

भूविज्ञानी पृथ्वी का इतिहास वहां से उठाते हैं जहाँ से पुरातत्वविद् इसे छोड़ देते हैं, और उसे और भी पुरातनता में ले जाते हैं। : Bhoo-vigyani prithvi ka itihaas wahan se uthaate hain jahan se puratatva-vid use chhod dete hain aur use bhi puratanta meinle jaate hain. - बाल गंगाधर तिलक

मानव प्रकृति ही ऐसी है की हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते। उत्सव प्रिय होना मानव स्वाभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहियें - manav ki prakriti hi esi hai ki hum bina utsavo ke rah nahi sakte. utsav pri hona manav swabhav hai. hamare tyauhar hone hi chahiye. : बाल गंगाधर तिलक

मानव प्रकृति ही ऐसी है की हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते। उत्सव प्रिय होना मानव स्वाभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहियें। : Manav ki prakriti hi esi hai ki hum bina utsavo ke rah nahi sakte. utsav pri hona manav swabhav hai. hamare tyauhar hone hi chahiye. - बाल गंगाधर तिलक

आप कठिनाइयों, खतरों और असफलताओं के भय से बचने का प्रयत्न मत कीजिये। वे तो निश्चित रूप से आपके मार्ग मे आनी ही हैं - aap kathinaaiyon, khatro aur asafaltaon ke bhay se bachne ka prayatna mat keejiye. ve to nishchit roopse aapke maarg me aani hi hai. : बाल गंगाधर तिलक

आप कठिनाइयों, खतरों और असफलताओं के भय से बचने का प्रयत्न मत कीजिये। वे तो निश्चित रूप से आपके मार्ग मे आनी ही हैं। : Aap kathinaaiyon, khatro aur asafaltaon ke bhay se bachne ka prayatna mat keejiye. ve to nishchit roopse aapke maarg me aani hi hai. - बाल गंगाधर तिलक