डर, मन की एक स्थिति के अलावा और कुछ भी नहीं है।
By : नेपोलियन हिल
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dar, man ki ek sthit ke alawa aur kuchh bhi nahi hai. | डर, मन की एक स्थिति के अलावा और कुछ भी नहीं है।
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