ब्रह्माण्ड में कोई भी टुकड़ा अतिरिक्त नहीं है। हर कोई यहाँ इसलिए है क्योंकि उसे कोई जगह भरनी है, हर एक टुकड़े को बड़ी पहेली में फिट होना है।
By : दीपक चोपड़ा
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brahmaand me koi bhi tukda atirikt nahi hai. har koi yahan isliye hai kyonki use koi jagah bharni hai. har tukde ko ek badi paheli me fit baithna hai | ब्रह्माण्ड में कोई भी टुकड़ा अतिरिक्त नहीं है। हर कोई यहाँ इसलिए है क्योंकि उसे कोई जगह भरनी है, हर एक टुकड़े को बड़ी पहेली में फिट होना है।
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