जितना कम आप अपना ह्रदय दूसरों के समक्ष खोलेंगे , उतनी अधिक आपके ह्रदय को पीड़ा होगी।
By : दीपक चोपड़ा
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jitna kam aap apna hridaya doosro ke samne kholenge , utni hi adhik aapke hariday ko peeda hogi | जितना कम आप अपना ह्रदय दूसरों के समक्ष खोलेंगे , उतनी अधिक आपके ह्रदय को पीड़ा होगी।
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- कोई पछतावा नहीं। उसके लिए कोई समय नहीं है। पछतावा उबाऊ है।
- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
- विश्वास रखकर आलस्य छोड़ दीजिये, वहम मिटा दीजिये, डर छोड़िये, फूट का त्याग कीजिये, कायरता निकाल डालिए, हिम्मत रखिये, बहादुर बन जाइए, और आत्मविश्वास रखना सीखिए। इतना कर लेंगे तो आप जो चाहेंगे, अपने आप मिलेगा।
- पैसो का लोभ ही साड़ी बुराइयों की जड़ है|
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