हमारी सोच और हमारा व्यवहार हमेशा किसी प्रतिक्रिया की आशा में होते हैं। इसलिए ये डर पर आधारित हैं।
By : दीपक चोपड़ा
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hamari soch aur hamara vyavhaar hamesha kisi pratikriya ki aasha me hote hain isliye ye dar par aadharit hote hain. | हमारी सोच और हमारा व्यवहार हमेशा किसी प्रतिक्रिया की आशा में होते हैं। इसलिए ये डर पर आधारित हैं।
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