राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्शो सत्यम, शिवम्, सुन्दरम् से प्रेरित हैं।
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rashravad manav jaati ke uchhatam aadarsho satyam shivam sundaram se prerit hai. | राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्शो सत्यम, शिवम्, सुन्दरम् से प्रेरित हैं।
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- मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हमारे देश की प्रमुख समस्याएं गरीबी,अशिक्षा, बीमारी, कुशल उत्पादन एवं वितरण सिर्फ समाजवादी तरीके से ही की जा सकती है।
- सत्ताधीशों की सत्ता उनकी मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाती है, पर महान देशभक्तों की सत्ता मरने के बाद काम करती है, अतः देशभक्ति अर्थात् देश-सेवा में जो मिठास है, वह और किसी चीज में नहीं।
- हर जाति या राष्ट्र खाली तलवार से वीर नहीं बनता तलवार तो रक्षा-हेतु आवश्यक है, पर राष्ट्र की प्रगति को तो उसकी नैतिकता से ही मापा जा सकता है।
- एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जब तक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।
- प्रजा का विश्वास, राज्य की निर्भयता की निशानी है।
- अब हर भारतीय को भूल जाना चाहिए कि वह सिख हैं, जाट है या राजपूत। उसे केवल इतना याद रखना चाहिए कि अब वह केवल भारतीय हैं जिसके पास सभी अधिकार हैं, लेकिन उसके कुछ कर्तव्य भी हैं।
- प्राण लेने का अधिकार तो ईश्वर को है। सरकार की तोप या बंदूकें हमारा कुछ नहीं कर सकतीं। हमारी निर्भयता ही हमारा कवच है।
- यदि पाकिस्तान का हमारे देश के किसी भी हिस्से को हड़पने का इरादा है, तो उसे नए सिरे से सोचना चाहिए। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूँ कि बल का बल से सामना होगा और हमारे खिलाफ़ आक्रामकता कभी भी सफ़ल नहीं होने दी जायेगी।
- सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।
- क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।