इतिहास में कभी भी विचार-विमर्श से कोई ठोस परिवर्तन नहीं हासिल किया गया हैं ।
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itihas me vichar vimarsh se koi thos parivartan nahi haasil kiya gaya. | इतिहास में कभी भी विचार-विमर्श से कोई ठोस परिवर्तन नहीं हासिल किया गया हैं ।
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- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
- विश्वास रखकर आलस्य छोड़ दीजिये, वहम मिटा दीजिये, डर छोड़िये, फूट का त्याग कीजिये, कायरता निकाल डालिए, हिम्मत रखिये, बहादुर बन जाइए, और आत्मविश्वास रखना सीखिए। इतना कर लेंगे तो आप जो चाहेंगे, अपने आप मिलेगा।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- सत्ताधीशों की सत्ता उनकी मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाती है, पर महान देशभक्तों की सत्ता मरने के बाद काम करती है, अतः देशभक्ति अर्थात् देश-सेवा में जो मिठास है, वह और किसी चीज में नहीं।
- हर जाति या राष्ट्र खाली तलवार से वीर नहीं बनता तलवार तो रक्षा-हेतु आवश्यक है, पर राष्ट्र की प्रगति को तो उसकी नैतिकता से ही मापा जा सकता है।
- अब हर भारतीय को भूल जाना चाहिए कि वह सिख हैं, जाट है या राजपूत। उसे केवल इतना याद रखना चाहिए कि अब वह केवल भारतीय हैं जिसके पास सभी अधिकार हैं, लेकिन उसके कुछ कर्तव्य भी हैं।
- अपने आप को जानिए की आप कौन है।
- मनुष्य चाहे तो प्रेम से सब कुछ हासिल कर सकता है।
- व्यक्ति को कभी कभी खुद की पहचान बनाने के लिए,बहुत कुछ त्याग देना पड़ता है।
- हमेशा सब कुछ हमारे मुताबिक नही होता है।