हर जाति या राष्ट्र खाली तलवार से वीर नहीं बनता तलवार तो रक्षा-हेतु आवश्यक है, पर राष्ट्र की प्रगति को तो उसकी नैतिकता से ही मापा जा सकता है।
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
har jaati ya raashtr khaalee talavaar se veer nahin banate to saamraajy ke lie raksha-ke lie aavashyak hai, par raashtr kee pragati ko to usakee naitikata se hee apaartament ja sakata hai. | हर जाति या राष्ट्र खाली तलवार से वीर नहीं बनता तलवार तो रक्षा-हेतु आवश्यक है, पर राष्ट्र की प्रगति को तो उसकी नैतिकता से ही मापा जा सकता है।
Related Posts
- सत्ताधीशों की सत्ता उनकी मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाती है, पर महान देशभक्तों की सत्ता मरने के बाद काम करती है, अतः देशभक्ति अर्थात् देश-सेवा में जो मिठास है, वह और किसी चीज में नहीं।
- अब हर भारतीय को भूल जाना चाहिए कि वह सिख हैं, जाट है या राजपूत। उसे केवल इतना याद रखना चाहिए कि अब वह केवल भारतीय हैं जिसके पास सभी अधिकार हैं, लेकिन उसके कुछ कर्तव्य भी हैं।
- जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को मयान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।
- सरकार की तोप या बन्दूकें हमारा कुछ नहीं कर सकती। हमारी निर्भयता ही हमारा कवच है।
- एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जब तक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।
- प्राण लेने का अधिकार तो ईश्वर को है। सरकार की तोप या बंदूकें हमारा कुछ नहीं कर सकतीं। हमारी निर्भयता ही हमारा कवच है।
- हम वास्तविकता में क्या हैं यह अधिक मायने रखता है इस बात से कि लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं।
- आत्मबल के आधार पर खड़े रहने को ही स्वराज कहते हैं।
- सच्चे त्याग और आत्मशुद्धि के बिना स्वराज नहीं आएगा।
- यह भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य हैं कि वह अनुभव करे कि उसका देश स्वतन्त्र हैं और देश की स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्त्तव्य हैं।