अकेले हम कितना कम हासिल कर सकते हैं , साथ में कितना ज्यादा |
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
akele hum kitna kam haasil kar sath me kitna jyada. | अकेले हम कितना कम हासिल कर सकते हैं , साथ में कितना ज्यादा |
Related Posts
- चरित्र का विकास आसानी से नहीं किया जा सकता. केवल परिक्षण और पीड़ा के अनुभव से आत्मा को मजबूत, महत्त्वाकांक्षा को प्रेरित और सफलता को हासिल किया जा सकता है।
- यदि हम अपने काम में लगे रहे तो हम जो चाहें वो कर सकते हैं |
- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
- विश्वास रखकर आलस्य छोड़ दीजिये, वहम मिटा दीजिये, डर छोड़िये, फूट का त्याग कीजिये, कायरता निकाल डालिए, हिम्मत रखिये, बहादुर बन जाइए, और आत्मविश्वास रखना सीखिए। इतना कर लेंगे तो आप जो चाहेंगे, अपने आप मिलेगा।
- आपकी सफलता और खुशी आपके हाथ में ही है।
- जो सबका मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता है।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- सत्ताधीशों की सत्ता उनकी मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाती है, पर महान देशभक्तों की सत्ता मरने के बाद काम करती है, अतः देशभक्ति अर्थात् देश-सेवा में जो मिठास है, वह और किसी चीज में नहीं।
- एक ऐसा क्षण जो इतिहास में बहुत ही कम आता है, जब हम पुराने के छोड़ नए की तरफ जाते हैं , जब एक युग का अंत होता है, और जब वर्षों से शोषित एक देश की आत्मा, अपनी बात कह सकती है।
- हम सिर्फ खुद के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।