चरित्र का विकास आसानी से नहीं किया जा सकता. केवल परिक्षण और पीड़ा के अनुभव से आत्मा को मजबूत, महत्त्वाकांक्षा को प्रेरित और सफलता को हासिल किया जा सकता है।

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चरित्र का विकास आसानी से नहीं किया जा सकता. केवल परिक्षण और पीड़ा के अनुभव से आत्मा को मजबूत, महत्त्वाकांक्षा को प्रेरित और सफलता को हासिल किया जा सकता है। : Charitra ka vikas asaani se nahi kiya ja sakt. keval parikshan aur peeda ke  anubhav se aatma ko majboot, mahatvaknksha ko prerit aur safalta ko hasil kiya ja sakta hai. - हेलन केलर | Helen Keller
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