वह स्थान मंदिर है, जहाँ पुस्तकों के रूप में मूक; किन्तु ज्ञान की चेतनायुक्त देवता निवास करते हैं।

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वह स्थान मंदिर है, जहाँ पुस्तकों के रूप में मूक; किन्तु ज्ञान की चेतनायुक्त देवता निवास करते हैं। : Vah sthan mandir hai, jahan pustako ke roop me mook kintu gyaan ki chetnayukt devta nivas karte hain. - प्रज्ञा सुभाषित
वह स्थान मंदिर है, जहाँ पुस्तकों के रूप में मूक; किन्तु ज्ञान की चेतनायुक्त देवता निवास करते हैं। : Vah sthan mandir hai, jahan pustako ke roop me mook kintu gyaan ki chetnayukt devta nivas karte hain. - प्रज्ञा सुभाषित

vah sthan mandir hai, jahan pustako ke roop me mook kintu gyaan ki chetnayukt devta nivas karte hain. | वह स्थान मंदिर है, जहाँ पुस्तकों के रूप में मूक; किन्तु ज्ञान की चेतनायुक्त देवता निवास करते हैं।

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