विवेकशील व्यक्ति उचित अनुचित पर विचार करता है और अनुचित को किसी भी मूल्य पर स्वीकार नहीं करता।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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viveksheel vyakti uchit anuchit par vichar karta hau aur anuchit ko kisi bhi moolya par sweekar nahi karta | विवेकशील व्यक्ति उचित अनुचित पर विचार करता है और अनुचित को किसी भी मूल्य पर स्वीकार नहीं करता।
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- पूर्ण विश्वास के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
- आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
- उतावले उत्साह से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिये।
- मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते, अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।
- बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।
- जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को मयान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।
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- अक्सर मैं, ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूँ। जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक उसका जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है, जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती है।
- यदि मरना होगा, तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम व शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
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