तुम चीजें देखते हो ; और कहते हो, ‘क्यों ?’ लेकिन मैं उन चीजों के सपने देखता हूँ जो कभी थीं ही नहीं; और मैं कहता हूँ ‘क्यों नहीं ?’
By : जॉर्ज बर्नार्ड शॉ
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tum cheezon ko dekhte ho aur kehte ho - kyon? main un cheezon ko sapne mein dekhta hu jo kabhi thi hi nahi aur main kahta hu - kyon nahi. | तुम चीजें देखते हो ; और कहते हो, ‘क्यों ?’ लेकिन मैं उन चीजों के सपने देखता हूँ जो कभी थीं ही नहीं; और मैं कहता हूँ ‘क्यों नहीं ?’
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