मानव को अपने पल-पल को ‘आत्मचिन्तन’ मे लगाना चाहिए, क्योंकि हर क्षण हम ‘परमेश्वर’ द्वारा दिया गया ‘समय’ खो रहे है।
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manav ko pal pal aatmachintan me lagana chahiye kyonki har kshan hum parmehswdwara diya gaya samay kho rahe hain. | मानव को अपने पल-पल को ‘आत्मचिन्तन’ मे लगाना चाहिए, क्योंकि हर क्षण हम ‘परमेश्वर’ द्वारा दिया गया ‘समय’ खो रहे है।
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- सेवा धर्म बहुत ही कठिन है यह तो कठिन काँटों के सेज पर सोने जैसा है।
- त्याग के बिना पूजा घनघोर पाप हैं
- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
- वह धार्मिक है, जो दूसरों का दर्द समझता है।
- जीते-जागते सत्य के बिना ईश्वर कहीं नहीं है.
- हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो क्योकि, घृणा से विनाश होता है।
- खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।
- आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच,आसक्ति और नफरत।
- आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से इर्ष्या कीजिये। जो दूसरों से इर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती।
- मैं कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है; मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है।