खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।
By : महावीर स्वामी
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khud par vijay prapt karna laakhon shatruon par vijay paane se behtar hai. | खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।
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- त्याग के बिना पूजा घनघोर पाप हैं
- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
- वह धार्मिक है, जो दूसरों का दर्द समझता है।
- हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो क्योकि, घृणा से विनाश होता है।
- आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच,आसक्ति और नफरत।
- शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है।
- सभी जीवों-जंतु के प्रति सम्मान अहिंसा है।
- आप स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मनों से क्या लड़ना? जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेंगे उन्हें आनंद की प्राप्ति होगी।
- आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से इर्ष्या कीजिये। जो दूसरों से इर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती।
- मैं कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है; मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है।