इतिहास खुद को दोहराता है, पहले एक त्रासदी की तरह, दुसरे एक मज़ाक की तरह।
By : कार्ल मार्क्स
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itihas khud ko dohara hai ek baar tragedy ki tarah to dusra ek mazaak ki tarah | इतिहास खुद को दोहराता है, पहले एक त्रासदी की तरह, दुसरे एक मज़ाक की तरह।
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