सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है…इसके उलट, सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है।
By : आचार्य रजनीश 'ओशो'
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
sawal yah nahi hai ki kitna seekha ja sakta hai iske ulat yah sawal hai ki kitna bhulaya ja sakta hai. | सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है…इसके उलट, सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है।
Related Posts
- कोई पछतावा नहीं। उसके लिए कोई समय नहीं है। पछतावा उबाऊ है।
- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
- विश्वास रखकर आलस्य छोड़ दीजिये, वहम मिटा दीजिये, डर छोड़िये, फूट का त्याग कीजिये, कायरता निकाल डालिए, हिम्मत रखिये, बहादुर बन जाइए, और आत्मविश्वास रखना सीखिए। इतना कर लेंगे तो आप जो चाहेंगे, अपने आप मिलेगा।
- पैसो का लोभ ही साड़ी बुराइयों की जड़ है|
- सफलता की राह यह जानने से शुरू होती है कि आपको क्या जानना चाहिए और क्यों?
- आप कितने भी होशियार क्यों न हो अगर आप मे आलस्य है तो आप कुछ नही कर सकते।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- पूर्ण विश्वास के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
- आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
- हम एक अद्भुत दुनिया में रहते हैं जो सौंदर्य, आकर्षण और रोमांच से भरी हुई है। यदि हम खुली आँखों से खोजे तो यहाँ रोमांच का कोई अंत नहीं है।