हम धर्म और चिंतन के बिना रह सकते हैं पर मानवीय प्रेम के बिना नहीं।

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हम धर्म और चिंतन के बिना रह सकते हैं पर मानवीय प्रेम के बिना नहीं। : Hum dharma aur hintan ke bina rah sakte hain lekin manveey prem ke bina nahi  - दलाई लामा
हम धर्म और चिंतन के बिना रह सकते हैं पर मानवीय प्रेम के बिना नहीं। : Hum dharma aur hintan ke bina rah sakte hain lekin manveey prem ke bina nahi  - दलाई लामा

hum dharma aur hintan ke bina rah sakte hain lekin manveey prem ke bina nahi | हम धर्म और चिंतन के बिना रह सकते हैं पर मानवीय प्रेम के बिना नहीं।

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