कभी-कभी कुछ कह कर लोग अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं और कभी-कभी लोग चुप रहकर भी अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं।
By : दलाई लामा
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kabhi kabhi kuchh kah kar log apni ek prabhavshali chhap bana dete hain aur kabhi kabhi log chup rahkar bhi apni chhap chhod dete hain. | कभी-कभी कुछ कह कर लोग अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं और कभी-कभी लोग चुप रहकर भी अपनी एक प्रभावशाली छाप बना देते हैं।
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- हम धर्म और चिंतन के बिना रह सकते हैं पर मानवीय प्रेम के बिना नहीं।
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