मोह वह अत्यंत विस्मृत जाल है जो बाहर से अत्यंत सुन्दर और अन्दर से अत्यंत कष्टकारी है , जो इसमें फंसा वो पूरी तरह उलझ गया

इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है

मोह वह अत्यंत विस्मृत जाल है जो बाहर से अत्यंत सुन्दर और अन्दर से अत्यंत कष्टकारी है , जो इसमें फंसा वो पूरी तरह उलझ गया : Moh atyant vismrit jal hai jo bahar se atyant sundar jabki anadar se atyant kashtkaari hai. jo isme fansa poori tarah ulajh gaya. - महर्षि दयानंद सरस्वती
मोह वह अत्यंत विस्मृत जाल है जो बाहर से अत्यंत सुन्दर और अन्दर से अत्यंत कष्टकारी है , जो इसमें फंसा वो पूरी तरह उलझ गया : Moh atyant vismrit jal hai jo bahar se atyant sundar jabki anadar se atyant kashtkaari hai. jo isme fansa poori tarah ulajh gaya. - महर्षि दयानंद सरस्वती

moh atyant vismrit jal hai jo bahar se atyant sundar jabki anadar se atyant kashtkaari hai. jo isme fansa poori tarah ulajh gaya. | मोह वह अत्यंत विस्मृत जाल है जो बाहर से अत्यंत सुन्दर और अन्दर से अत्यंत कष्टकारी है , जो इसमें फंसा वो पूरी तरह उलझ गया

Related Posts