क्रोध वह हवा है जो बुद्धि के दीप को बुझा देती है।
By : अज्ञात
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krodh wah hawaa hai jo buddhi ke deep ko bujha deti hai | क्रोध वह हवा है जो बुद्धि के दीप को बुझा देती है।
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- नैतिकता महज एक रवैया है जो हम ऐसे लोगों के प्रति अपनाते हैं जिन्हें हम व्यक्तिगत रूप से नापसंद करते हैं।
- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
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