1. लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है।

  2. केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है। स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है।

  3. शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके।

  4. एक साहित्यिक प्रतिभा – कहा जाता है कि हर एक की तरह दिखती है, लेकिन उस जैसा कोई नहीं दिखता।

  5. उम्र या युवावस्था का काल-क्रम से लेना-देना नहीं है। हम उतने ही नौजवान या बूढें हैं जितना हम महसूस करते हैं। हम अपने बारे में क्या सोचते हैं यही मायने रखता है।

  6. दुनिया के सारे संगठन अप्रभावी हो जायेंगे यदि यह सत्य कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली होता है उन्हें प्रेरित नही करता।

  7. सत्य को कह देना ही मेरा मज़ाक करने का तरीका है। संसार में यह सब से विचित्र मज़ाक है।

  8. कुछ ही ऐसे हैं जो अपनी आँखों से देखते हैं और अपने दिल से महसूस करते हैं |

  9. मूर्खता और बुद्धिमता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमता की एक सीमा होती है ।

  10. आपको खेल के नियम सीखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे ।

  11. वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए ।

  12. यह भयावह रूप से स्पष्ट हो चुका है कि हमारी तकनीक हमारी मानवता की सीमाएँ पार कर चुकी है |

  13. सच्चा ज्ञान केवल यह जानने में है कि आप कुछ नहीं जानते है ।

  14. अट्ठारह वर्ष की उम्र तक इकट्ठा किये गये पूर्वाग्रहों का नाम ही सामान्य बुद्धि है।

  15. हम भारतीयों के बहुत ऋणी हैं जिन्होंने हमे गिनना सिखाया, जिसके बिना कोई भी मूल्यवान वैज्ञानिक खोज सम्भव नही होती।

  16. तर्क, आप को किसी एक बिन्दु A से दूसरे बिन्दु B तक पहुँचा सकते हैं। लेकिन, कल्पना, आप को सर्वत्र ले जा सकती है।

  17. विश्व एक महान पुस्तक है जिसमें वे लोग केवल एक ही पृष्ठ पढ पाते हैं जो कभी घर से बाहर नहीं निकलते।

  18. अवसर के रहने की जगह कठिनाइयों के बीच है।

  19. सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाक़ू की तरह है जिसमे सिर्फ ब्लेड है। यह इसका प्रयोग करने वाले के हाथ से खून निकाल देता है।

  20. कोई भी त्याग कर सकता है, मुझे लगता है ये दुनिया का सबसे आसान काम है।

  21. सफलता कभी अंतिम नही होती, असफलता कभी जानलेवा नही होती. ये तो सिर्फ हमारी हिम्मत पर निर्भर करता है।

  22. सबसे कम खर्चीला मनोरंजन होता है श्रेष्ठ पुस्तकों के अध्ययन से और यह स्थाई होता है।

  23. आज अध्ययन करना सब जानते हैं, पर क्या अध्ययन करना चाहिए यह कोई नहीं जानता।

  24. आप प्रसन्न है या नहीं यह सोचने के लिए फुरसत होना ही दुखी होने का रहस्य है, और इसका उपाय है व्यवसाय।

  25. गहरी नदी का जल प्रवाह शांत व गंभीर होता है।

  26. हम जानते हैं कि हम क्या हैं, पर ये नहीं जानते कि हम क्या बन सकते हैं।

  27. जीवन में दुखद बात यह है कि हम बड़े तो जल्दी हो जाते हैं, लेकिन समझदार देर से होते हैं।

  28. बुद्धिमान व्यक्तियों को सलाह की आवश्यकता नहीं होती है, मूर्ख लोग इसे स्वीकार नहीं करते हैं।

  29. क्रोध कभी भी बिना कारण नहीं होता, लेकिन कदाचित ही यह कारण सार्थक होता है।

  30. ज्ञान में पूंजी लगाने से सर्वाधिक ब्याज मिलता है।

  31. धन से आज तक किसी को खुशी नहीं मिली और न ही मिलेगी, जितना अधिक व्यक्ति के पास धन होता है, वह उससे कहीं अधिक चाहता है। धन रिक्त स्थान को भरने के बजाय शून्यता को पैदा करता है।

  32. खोया समय कभी फिर नहीं मिलता।

  33. आप रुक सकते हैं लेकिन समय नहीं रुकता।

  34. यदि कोई व्यक्ति अपने धन को ज्ञान अर्जित करने में ख़र्च करता है, तो उससे उस ज्ञान को कोई नहीं छीन सकता! ज्ञान के लिए किये गए निवेश में हमेशा अच्छा प्रतिफल प्राप्त होता है |

  35. चींटी से अच्छा उपदेशक कोई और नहीं है। वह काम करते हुए खामोश रहती है।

  36. हँसमुख चेहरा रोगी के लिये उतना ही लाभकर है जितना कि स्वस्थ ऋतु।

  37. मछली एवं अतिथि, तीन दिनों के बाद दुर्गन्धजनक और अप्रिय लगने लगते हैं।

  38. आप अपने भविष्य को नहीं बदल सकते लेकिन आप अपनी आदतों को बदल सकते है तथा सुनिश्चित मानें आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देंगी।

  39. शिक्षा और प्रशिक्षण का एकमात्र उद्देश्य समस्या-समाधान होना चाहिये।

  40. आमतौर पर आदमी उन चीजों के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहता है जिनका उससे कोई लेना देना नहीं होता।

  41. हमारे जीवन का उस दिन अंत होना शुरू हो जाता है जिस दिन हम उन विषयों के बारे में चुप रहना शुरू कर देते हैं जो मायने रखते हैं।

  42. आँख के बदले आँख’ के प्राचीन सिद्धान्त से तो एक दिन सभी अंधे हो जाएंगे।

  43. कमाए बगैर धन का उपभोग करने की तरह ही खुशी दिए बगैर खुश रहने का अधिकार हमें नहीं है।

  44. अच्छी शुरुआत से आधा काम हो जाता है।

  45. खुशी ही जीवन का अर्थ और उद्देश्य है, और मानव अस्तित्व का लक्ष्य और मनोरथ।

  46. मानव के सभी गुणों में साहस पहला गुण है, क्योंकि वह सभी गुणों की जिम्मेदारी लेता है।

  47. रणनीति कितनी भी सुंदर क्यों न हो, आप को कभी कभी परिणामों पर भी विचार करना चाहिए।

  48. आशावादी व्यक्ति हर आपदा में एक अवसर देखता है; निराशावादी व्यक्ति हर अवसर में एक आपदा देखता है।

  49. सफलता हमेशा के लिए नहीं होती, असफलता कभी घातक नहीं होती: यह तो लगे रहने की प्रवृत्ति है जो मायने रखती है।

  50. सतत प्रयास – न कि ताकत या बुद्धिमानी – ही हमारे सामर्थ्य को साकार करने की कुंजी है।

  51. किसी कम पढे व्यक्ति द्वारा सुभाषित पढना उत्तम होगा।

  52. ऐसा व्यक्ति जिसने कभी आशा नहीं की, वह कभी निराश भी नहीं होता है।

  53. जिस पर तुम्हारा वश नहीं, उसके लिये दुख करना बंद कर दो।

  54. अपेक्षा ही मनोव्यथा का मूल है।

  55. सभी से प्रेम करें, कुछ पर विश्वास करें और किसी के साथ भी गलत न करें।

  56. ईमानदारी से बड़ी कोई विरासत नहीं है।

  57. मुश्किलें वे औजार हैं जिनसे ईश्वर हमें बेहतर कामों के लिए तैयार करता हैं।

  58. काम वह वस्तु नहीं है जिससे किसी व्यक्ति की पराजय होती है, वास्तव में वह वस्तु चिंता है।

  59. कठिनाईयां भगवान का संदेश होती हैं, उनका सामना करते समय हमें भगवान के विश्वास के रूप में, भगवान से अभिनंदन के रूप में उनका सम्मान करना चाहिये।

  60. विचारों को मूर्त रूप देने की क्षमता ही सफलता का रहस्य है।

  61. सभ्यता सुव्यस्था को जन्मती है, स्वतन्त्रता के साथ बडी होती है और अव्यवस्था के साथ मर जाती है।

  62. अज्ञानी व्यक्ति वह प्रश्न पूछते हैं जिनका उत्तर समझदार व्यक्तियों द्वारा हजार साल पहले दे दिया गया होता है।

  63. जिस श्रम से हमें आनन्द प्राप्त होता है, वह हमारी व्याधियों के लिए अमृत, तुल्य है, हमारी वेदना की निवृत्ति है |

  64. बाँटो और राज करो, एक अच्छी कहावत है; (लेकिन) एक होकर आगे बढो, इससे भी अच्छी कहावत है।

  65. जो कुछ आप कर सकते हैं या कर जाने की इच्छा रखते है उसे करना आरम्भ कर दीजिये। निर्भीकता के अन्दर मेधा (बुद्धि), शक्ति और जादू होते हैं।

  66. सोचना आसान होता है, कर्म करना कठिन होता है, लेकिन दुनिया में सबसे कठिन कार्य अपनी सोच के अनुसार काम करना होता है।

  67. केवल जानना पर्याप्त नहीं है, हमें अवश्य ही प्रयोग भी करना चाहिए, केवल इच्छा करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि हमें कार्य करना भी चाहिए।

  68. हर सुबह जब आप जागते हैं तो अपने भगवान को धन्यवाद दें तथा आप अनुभव करते है कि आपने वह कार्य करना है जिसे अवश्य किया जाना चाहिए, चाहे आप इसे पसंद करें या नहीं, इससे चरित्र का निर्माण होता है।

  69. हमारे भीतर क्या छिपा है इसकी तुलना में हमारे विगत में क्या था और हमारे भविष्य में क्या है, यह बहुत छोटी छोटी बातें है।

  70. प्रत्येक कलाकार एक दिन नौसिखिया ही होता है।

  71. लम्बी आयु का महत्व नहीं है जितना महत्व इसकी गहनता है।

  72. जैसे जैसे हम बूढ़े होते जाते हैं, सुंदरता भीतर घुसती जाती है।

  73. सम्पूर्ण जीवन ही एक प्रयोग है। जितने प्रयोग करोगे उतना ही अच्छा है।

  74. डर सदैव अज्ञानता से पैदा होता है।

  75. प्रत्येक व्यक्ति के लिये उसके विचार ही सारे तालो की चाबी हैं।

  76. यदि किसी असाधारण प्रतिभा वाले आदमी से हमारा सामना हो तो हमें उससे पूछना चाहिये कि वो कौन सी पुस्तकें पढता है।

  77. आओं हम मौन रहें ताकि फ़रिश्तों की कानाफूसियाँ सुन सकें।

  78. यदि आप अपरिमित में जाना चाहते हैं, तो पहले परिमित को अच्छे से जान लेने का प्रयत्न करें।

  79. इस दुनिया में जो कुछ हम अर्जित करते हैं, उससे नहीं अपितु जो कुछ त्याग करते हैं, उससे समृद्ध बनते हैं |

  80. प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह याद रखना बेहतर होगा कि सभी सफल व्यवसाय नैतिकता की नींव पर आधारित होते हैं।

  81. संगीत की धुनों में जो स्वर्ग की ऊंचाइयों तक पहुंची है, वह है एक स्नेह भरे दिल की धड़कन।

  82. अंधकार से अंधकार को दूर नहीं किया जा सकता है, केवल प्रकाश से ही ऐसा किया जा सकता है, नफरत से नफरत को नहीं हटाया जा सकता है, केवल प्यार से ही ऐसा किया जा सकता है।

  83. हमें भाईयों की तरह मिलकर रहना अवश्य सीखना होगा अन्यथा मूर्खों की तरह सभी बरबाद हो जाएंगे।

  84. दीर्घायु होना नहीं बल्कि जीवन की गुणवत्ता का महत्व होता है।

  85. हमें परिमित निराशा को स्वीकार करना चाहिए, लेकिन अपरिमित आशा को कभी नहीं खोना चाहिए।

  86. पत्नी को चाहिए कि पति घर लौटने पर खुश हो, और पति को चाहिए कि पत्नी को उसके घर से निकलने पर दुख हो।

  87. मैंने प्रेम को ही अपनाने का निर्णय किया है। द्वेष करना तो बेहद बोझिल काम है।

  88. हर किसी पर विश्वास कर लेना खतरनाक है; किसी पर भी विश्वास न करना बहुत खतरनाक है।

  89. मैं इस आसान धर्म में विश्वास रखता हूं। मन्दिरों की कोई आवश्यकता नहीं; जटिल दर्शनशास्त्र की कोई आवश्यकता नहीं। हमारा मस्तिष्क, हमारा हृदय ही हमारा मन्दिर है; और दयालुता जीवन-दर्शन है।

  90. जो आदमी इरादा कर सकता है, उसके लिए कुछ भी असम्भव नहीं।

  91. वे जीत जाते हैं, जिन्हें यह विश्वास होता हैं कि वे जीत सकते है।

  92. एक बार एक युवक को एक अच्छी सलाह प्राप्त करते हुए मैंने सुना था कि, “हमेशा वह कार्य करो जिसको करने से आप ड़रते हैं।

  93. एक बार जब आप निर्णय कर लेते हैं तो समस्त सृष्टि इसके भलीभूत होने के लिए तत्पर हो जाती है।

  94. प्रकृति की गति अपनाएं: उसका रहस्य है धीरज।

  95. अपने मित्र को उसके दोषों को बताना मित्रता की सबसे कठोर परीक्षा होती है |

  96. उत्साह, प्रयास की जननी है, तथा इसके बिना आज तक कोई महान उपलब्धि हासिल नहीं की गई है।

  97. इंसान जितना अपने मन को मना सके उतना खुश रह सकता है।

  98. दानशीलता हमारी क्षमता से अधिक देने में, और गौरव अपनी आवश्यकता से कम लेने में है।

  99. मानवता प्रकाश की वह नदी है जो सीमित से असीम की ओर बहती है।

  100. बीता कल आज की याद है, और आने वाला कल आज का स्वप्न।

  101. असफलता की उत्पत्ति तभी होती है जब आप प्रयास करना बन्द कर देते हैं।

  102. जब हम कठिन कार्यों को चुनौती के रुप में स्वीकार करते हैं और उन्हें खुशी और उत्साह से निष्पादित करते हैं, तो चमत्कार हो सकते हैं।

  103. यदि आपके पास स्वास्थ्य है तो संभवतः आप प्रसन्न होंगे, और यदि आपके पास स्वास्थ्य और प्रसन्नता दोनों हैं, तो आपके पास अपनी आवश्यकता के अनुसार समस्त सम्पदा होगी फिर चाहे आप इसे न भी चाहते हों।

  104. कभी भी सफाई नहीं दें। आपके दोस्तों को इसकी आवश्यकता नहीं है और आपके दुश्मनों को विश्वास ही नहीं होगा।

  105. गलती करने में कोई गलती नहीं है। गलती करने से डरना सबसे बडी गलती है।

  106. विज्ञान हमे ज्ञानवान बनाता है लेकिन दर्शन (फिलोसोफी) हमे बुद्धिमान बनाता है।

  107. घमंड करना जाहिलों का काम है।

  108. ग़रीबों के समान विनम्र अमीर और अमीरों के समान उदार ग़रीब ईश्वर के प्रिय पात्र होते हैं।

  109. लोभी को पूरा संसार मिल जाए तो भी वह, भूखा रहता है, लेकिन संतोषी का पेट, एक रोटी से ही भर जाता है।

  110. वह आदमी वास्तव में बुद्धिमान है जो क्रोध में भी गलत बात मुंह से नहीं निकालता।

  111. वाणी मधुर हो तो सब कुछ वश में हो जाता है, अन्यथा सब शत्रु बन जाते हैं।

  112. इंसान अगर लोभ को ठुकरा दे तो बादशाह से भी ऊंचा दर्जा हासिल कर सकता है, क्योंकि संतोष ही इंसान का माथा हमेशा ऊंचा रख सकता है।

  113. प्रेम के बिना जीवन उस वृक्ष की भांति है जो फूल तथा फलों से रहित है।

  114. आप अपने रहस्य यदि पवन पर खोल देते हैं तो वृक्षों में बात फैल जाने का दोष पवन पर मत मढ़ें।

  115. अज्ञानी आदमी के लिये खामोशी से बढ़कर कोई चीज नहीं, और अगर उसमें यह समझने की बुद्धि है तो वह अज्ञानी नहीं रहेगा।

  116. जिनसे प्रेम करते हैं, उन्हें जाने दें, वे यदि लौट आते हैं तो वे सदा के लिए आपके हैं। और अगर नहीं लौटते हैं तो वे कभी आपके थे ही नहीं।

  117. बुद्धिमानो की बुद्धिमता और बरसों का अनुभव सुभाषितों में संग्रह किया जा सकता है।

  118. धीरज प्रतिभा का आवश्यक अंग है।

  119. निराशा मूर्खता का परिणाम है।

  120. अपनी अज्ञानता का अहसास होना ज्ञान की दिशा में एक बहुत बडा कदम है।

  121. प्रार्थनाः दिन की कुंजी तथा रात का ताला होती है।

  122. जब तक रुग्णता का सामना नहीं करना पड़ता; तब तक स्वास्थ्य का महत्व समझ में नहीं आता है।

  123. हमारी शक्ति हमारे निर्णय करने की क्षमता में निहित है।

  124. धैर्य रखें, सभी कार्य सरल होने से पहले कठिन ही दिखाई देते हैं। जो पाप में पड़ता है, वह मनुष्य है, जो उसमें पड़ने पर दुखी होता है, वह साधु है और जो उस पर अभिमान करता है, वह शैतान होता है।

  125. खुदा एक दरवाजा बन्द करने से पहले दूसरा खोल देता है, उसे प्रयत्न कर देखो।

  126. बुरे आदमी के साथ भी भलाई करनी चाहिए – कुत्ते को रोटी का एक टुकड़ा डालकर उसका मुंह बन्द करना ही अच्छा है।

  127. जो नसीहतें नहीं सुनता, उसे लानत-मलामत सुनने का सुख होता है।

  128. असफलता आपको महान कार्यों के लिये तैयार करने की प्रकृति की योजना है।

  129. यदि आपने अपनी मनोवृतियों पर विजय प्राप्त नहीं की, तो मनोवृत्तियां आप पर विजय प्राप्त कर लेंगी।

  130. सही अवसर न मिलने पर क्षमता के मायने बेहद सीमित हो जाते हैं।

  131. ज्ञान एक खजाना है, लेकिन अभ्यास इसकी चाभी है।

  132. अवसर सूर्योदय की तरह होते हैं, यदि आप ज्यादा देर तक प्रतीक्षा करते हैं तो आप उन्हें गंवा बैठते हैं।

  133. कुशलतापूर्वक किसी की बात सुनना अकेलेपन, वाचालता और कंठशोथ का सब से बढ़िया इलाज है।

  134. मेरी पीढ़ी की महानतम खोज यह रही है कि मनुष्य अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन कर के अपने जीवन को बदल सकता है।

  135. अपने जीवन में परिवर्तन करने के लिए तत्काल कार्य करना आरम्भ करें, ऐसा शानदार ढ़ंग से करें, इसमें कोई अपवाद नहीं है।

  136. जीवन का उत्तम उपयोग है इसे ऐसा कुछ करने में बिताना जो इससे अधिक स्थायी हो।

  137. बुरा व्यक्ति उस समय और भी बुरा हो जाता है जब वह अच्छा होने का ढोंग करता है।

  138. जब किसी व्यक्ति द्वारा अपने लक्ष्य को इतनी गहराई से चाहा जाता है कि वह उसके लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए तैयार होता है, तो उसका जीतना सुनिश्चित होता है।

  139. अपने कार्य की योजना बनाएं तथा अपनी योजना पर कार्य करें।

  140. भूले नहीं कि जीवन का व्यवसाय व्यवसाय नहीं बल्कि जीवन है।

  141. हार का स्वाद मालूम हो तो जीत हमेशा मीठी लगती है।

  142. क्या आप जानना चाहते हैं कि आप कौन हैं? तो किसी से पूछिये मत। कार्य करना शुरू कर दें। आपका कार्य आपको परिभाषित एवं चित्रित कर देगा।

  143. विनम्र तो सबके साथ रहें, लेकिन घनिष्ठ कुछ एक के साथ ही।

  144. हम स्वभाव के मुताबिक सोचते हैं, कायदे के मुताबिक बोलते हैं, रिवाज के मुताबिक आचरण करते हैं।

  145. यदि हम असफलता से शिक्षा प्राप्त करते हैं तो वह सफलता ही है।

  146. कम्प्यूटर को प्रोग्राम करने के लिये संस्कृत सबसे सुविधाजनक भाषा है।

  147. ख़ाली दिमाग को खुला दिमाग बना देना ही शिक्षा का उद्देश्य है।

  148. गलती करने की बजाय देर करना कहीं अधिक अच्छा होता है।

  149. बुद्धिमत्ता की पुस्तक में ईमानदारी पहला अध्याय है।

  150. प्रतिशोध लेते समय मनुष्य अपने शत्रु के समान ही होता है, लेकिन उसकी उपेक्षा कर देने पर वह उससे बड़ा हो जाता है।

  151. बुद्धिमान व्यक्ति को जितने, अवसर मिलते हैं उससे अधिक वह स्वयं बनाता है।

  152. जो नए सुधारों पर अमल नहीं, करेगा वह नए खतरों को न्यौता देगा।

  153. जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने वश में कर लेता है, वह दूसरों के क्रोध से (फलस्वरूप) स्वयमेव बच जाता है।

  154. हर वर्ष एक बुरी आदत को मूल से खोदकर, फेंका जाए तो कुछ ही वर्षों में बुरे से बुरा, व्यक्ति भला हो सकता है।

  155. धन से अच्छे गुण नहीं मिलते, धन अच्छे गुणों से मिलता है।

  156. वास्तविक कठिनाईयों को दूर किया जा सकता है; केवल कल्पनात्मक कठिनाईयां को ही पराजित नहीं किया जा सकता है।

  157. सुविचारों से सुफल उपजते हैं और कुविचारों से कुफल।

  158. ऊंची से ऊंची चोटी पर पहुंचना मकसद हो तो अपना काम निचली सतह से शुरू करना चाहिए।

  159. निकम्मे लोग सिर्फ खाने पीने के लिए जीते हैं, लेकिन सार्थक जीवन वाले जीवित रहने के लिए ही खाते और पीते हैं।

  160. लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित कर पाना ही सफ़लता का एक अति महत्वपूर्ण सूत्र है।

  161. आपसे जितना हो सके करें, वहीं जहां आप हैं और उनसे जो साधन आपके पास हैं।

  162. अपनी आंखों को सितारों पर टिकाने से पहले अपने पैर जमीन में गड़ा लो।

  163. सबसे अच्छी सरकार वही है जो हमें स्वयं अपने ऊपर शासन करना सिखाती है।

  164. इस संसार में सबसे सुखी वही व्यक्ति है जो अपने घर में शांति पाता है।

  165. जब कोई व्यक्ति ठीक काम करता है, तो उसे पता तक नहीं चलता कि वह क्या कर रहा है पर गलत काम करते समय उसे हर क्षण यह ख्याल रहता है कि वह जो कर रहा है, वह गलत है।

  166. अपनी शक्ति को छोटा न समझें, एक छोटी सी चिनगारी भी विशाल वन को जला कर राख कर सकती हैं।

  167. ऐसे सभी व्यक्ति जिन्होंने महान उपलब्धियां हासिल की हैं, वह महान स्वप्नदृष्टा भी होते हैं।

  168. हमारी अधिकतर बाधाएँ पिघल जाएंगी अगर उनके सामने दुबकने के बजाय हम उनसे निडरतापूर्वक निपटने का मन बनाएँ।

  169. आशा और आत्मविश्वास से ही हमारी, शक्तियां जागृत होती हैं, इनसे हमारी, उत्पादन शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।

  170. जो मनुष्य अपने मन का गुलाम बना रहता है वह कभी नेता और प्रभावशाली पुरूष नहीं हो सकता।

  171. सफल होने के लिए ज़रूरी है कि आप में सफलता की आस असफलता के डर से कहीं अधिक हो।

  172. मैं नही जानता कि सफलता की सीढी क्या है; पर असफला की सीढी है- हर किसी को प्रसन्न करने की चाह।

  173. जब हम निर्माण करें, तो ऐसा सोच कर करें कि यह हमेशा हमेशा के लिए है।

  174. जब किसी कार्य में रुचि और उसे करने के हुनर का संगम हो, तो उत्कृष्टता स्वाभाविक है।

  175. वह व्यक्ति अच्छा कार्य निष्पादन करता है जो परिस्थितियों का ठीक से सामना करता है |

  176. यदि मैं उदास महसूस करती हूं तो मैं काम पर चली जाती हूं, काम में व्यस्तता उदासी का उत्तम प्रतिकार है।

  177. महान मानस के लोग विचारों पर बात करते हैं, साधारण मानस के लोग घटनाक्रम की बात करते हैं, और निम्न स्तर के लोग दूसरों के बारे में बात करते हैं।

  178. आपकी मर्जी के बिना कोई भी आपको तुच्छ होने का अहसास नहीं करवा सकता है।

  179. भविष्य उनका है जो अपने सपनों की सुंदरता में यकीन करते हैं।

  180. आप प्रत्येक ऐसे अनुभव जिसमें आपको वस्तुतः डर सामने दिखाई देता है, से बल, साहस तथा विश्वास अर्जित करते हैं, आपको ऐसे कार्य अवश्य करने चाहिए जिनके बारे में आप सोचते हैं कि आप उनको नहीं कर सकते हैं।

  181. अभिकल्पना किसी यंत्र की बाहरी बनावट मात्र नहीं है, अभिकल्पना तो इसकी कार्यविधि का मूल है।

  182. गुणवत्ता प्रचुरता से अधिक महत्वपूर्ण है, एक छक्का दो-दो रन बनाने से कहीं बेहतर है।

  183. गुणवत्ता की कसौटी बनें। कई लोग ऐसे वातावरण के अभ्यस्त नहीं होते जहां उत्कृष्टता अपेक्षित होती है।

  184. मुझे यकीन है कि सफल और असफल उद्यमियों में आधा फर्क तो केवल अध्यवसाय का ही है।

  185. मैं अपने जीवन को एक पेशा नहीं मानता, मैं कर्म में विश्वास रखता हूं, मैं परिस्थितियों से शिक्षा लेता हूं, यह पेशा या नौकरी नहीं है – यह तो जीवन का सार है।

  186. व्यस्त रहना काफ़ी नहीं है, व्यस्त तो चींटियाँ भी रहती हैं। सवाल यह है – हम किस लिए व्यस्त हैं?

  187. असफलता मात्र फिर से कार्यारम्भ करने का अवसर होती है, इस बार और अधिक बुद्धिमत्ता से।

  188. अगर सफलता का कोई राज़ है, तो वह दूसरे के दृष्टिकोण को समझने और चीजों को उसके दृष्टिकोण से अपने दृष्टिकोण जितने अच्छे से देख पाने की क्षमता में निहित है।

  189. ग़लतियाँ मत ढूंढो, हल ढूंढो।

  190. क्रोध बुद्धि को घर से बाहर, निकाल देता है और दरवाजे पर, सिटकनी लगा देता है।

  191. मुझे ऐसे मित्र की आवश्यकता नहीं जो मेरे साथ-साथ बदले और मेरी हां में हां भरे; ऐसा तो मेरी परछाई कहीं बेहतर कर लेती है।

  192. कोई गलती न करना मनुष्य के बूते की बात नहीं है, लेकिन अपनी त्रुटियों और गलतियों से समझदार व्यक्ति भविष्य के लिए बुद्धिमत्ता अवश्य सीख लेते हैं।

  193. जब हम किसी नई परियोजना पर विचार करते हैं तो हम बड़े गौर से उसका अध्ययन करते हैं – केवल सतह मात्र का नहीं, बल्कि उसके हर एक पहलू का।

  194. यदि आप किसी चीज का सपना देख सकते हैं, तो आप उसे प्राप्त कर सकते हैं।

  195. आप हमेशा परिस्थितियों को नियंत्रित, नहीं कर सकते, लेकिन आप खुद को जरूर नियंत्रित कर सकते हैं।

  196. आपको यह चुनने का अवसर नहीं मिलता है कि आप किस प्रकार से अथवा कब मरेंगे, आप केवल इतना ही निर्णय कर सकते हैं कि आप किस प्रकार से जिंदगी को ज़ीने जा रहे हैं।

  197. समस्त सफलताएं कर्म की नींव पर आधारित होती हैं।

  198. निराशा को काम में व्यस्त रहकर दूर भगाया जा सकता है।

  199. जब तक आप ढूंढते रहेंगे, समाधान मिलते रहेंगे।

  200. ईमानदारी, चरित्र, विश्वास, प्रेम और वफादारी संतुलित सफलता के लिए नींव के पत्थर हैं।

  201. आपकी उपलब्धियों का निर्धारण आपकी प्रवृति से नहीं अपितु आपके रवैय्ये से होता है।

  202. एकाग्र-चिन्तन वांछित फल देता है।

  203. लोग अक्सर कहते हैं कि प्रेरक विचारों से कुछ नहीं होता। हाँ भाई, वैसे तो नहाने से भी कुछ नहीं होता, तभी तो हम इसे रोज़ करने की सलाह देते हैं।

  204. जीवन के बारे में एक मजेदार बात यह है कि यदि आप सर्वश्रेष्ठ वस्तु से कुछ भी कम स्वीकार करने से इंकार करते हैं तो अकसर आप उसको प्राप्त कर ही लेते हैं।

  205. जब आप अपने मित्रों का चयन करते हैं तो चरित्र के स्थान पर व्यक्तित्व को न चुनें।

  206. लोग आपको समालोचना के लिए पूछ भले ही लें, लेकिन चाहते वे केवल प्रशंसा ही हैं।

  207. यदि आपने हवाई किलों का निर्माण किया है तो आपका कार्य बेकार नहीं जाना चाहिए, हवाई किले हवा में ही बनाए जाते हैं, अब, उनके नीचे नींव रखने का कार्य करें।

  208. प्रातः काल का भ्रमण पूरे दिन के लिए वरदान होता है।

  209. बुद्धिमत्ता बदलाव के अनुरूप ढलने की क्षमता है।

  210. चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।

  211. सौंदर्य शक्ति है; एक मुस्कान उसकी तलवार है।

  212. हर एक चीज में खूबसूरती होती है, लेकिन हर कोई उसे नहीं देख पाता.

  213. सभी छोटी लड़कियों को ये कहा जाना चाहिए कि वे सुन्दर हैं, भले ही वो ना हों।

  214. औपचारिक शिक्षा आपको जीविकोपार्जन के लिए उपयुक्त बना देती है; स्व शिक्षा (अनुभव) आपका भाग्य बनाती है।

  215. अनुशासन, लक्ष्यों और उपलब्धि के बीच का सेतु है।

  216. प्रेरणा कार्य आरम्भ करने में सहायता करती है, आदत कार्य को जारी रखने में सहायता करती है।

  217. सत्य से प्यार करें और गलती को क्षमा कर दें।

  218. किसी निर्दोष को दंडित करने से बेहतर है एक दोषी व्यक्ति को बख़्श देने का जोख़िम उठाना।

  219. हो सकता है कि मैं आपके विचारों से सहमत न हो पाऊँ, परन्तु विचार प्रकट करने के आपके अधिकार की रक्षा करूँगा।

  220. समय और स्वास्थ्य दो बहुमूल्य संपत्तियां हैं, जिनकी पहचान तथा मूल्य हम उस समय तक नहीं समझते जब तक उनका नाश नहीं हो जाता।

  221. जीवन में दो मूल विकल्प होते हैं, स्थितियों को उसी रूप में स्वीकार करना जैसी वे हैं या उन्हें, बदलने का उत्तरदायित्व स्वीकार करना।

  222. जीवन में खुशी का अर्थ लड़ाइयां लड़ना नहीं, बल्कि उन से बचना है। कुशलतापूर्वक पीछे हटना भी अपने आप में एक जीत है।

  223. आप अपनी सोच बदल दीजिए, आप की दुनिया बदल जाएगी।

  224. हम आगे बढ़ते हैं, नए रास्ते बनाते हैं, और नई योजनाएं बनाते हैं, क्योंकि हम जिज्ञासु है और जिज्ञासा हमें नई राहों पर ले जाती है।

  225. यह निश्चय करना की आपको क्या नहीं करना है उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना की यह निश्चय करना की आप को क्या करना है।

  226. आप ग्राहक से पूंछकर उसकी पसंद के उत्पाद नहीं बना सकते क्योंकि जब तक आप वो बनाएंगे वो कुछ नया चाहने लगेंगे।

  227. आओ, आने वाले कल में कुछ नया करते है बजाए इसकी चिंता करने के, की कल क्या हुआ था।

  228. ऊपर सितारों की तरफ देखो अपने पैरों के नीचे नहीं। जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो और आश्चर्य करो की क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाये हुए है। उत्सुक रहो।

  229. यदि आप हमेशा गुस्सा या शिकायत करते हैं तो लोगों के पास आपके लिए समय नहीं रहेगा।

  230. हम एक औसत तारे के छोटे से ग्रह पर रहने वाली बंदरों की एक अनंत नस्ल हैं. लेकिन हम ब्रह्माण्ड को समझ सकते हैं। ये हमें कुछ ख़ास बनाता है।

  231. अक़लमंद इंसान चिंता नहीं चिंतन करता है।

  232. उठो ! अपने जीवन की योजना बनाओ ताकि तुम्हारी सोई हुई महान शक्ति, जो अब तक व्यर्थ पड़ी हुई है जाग उठे !

  233. चिंता इंसान शक्ति की समाप्त कर देती हैं।

  234. जब इंसान चिंता में होता है तो उस समय वह कोई भी रचनात्मक कार्य नहीं कर सकता।

  235. कोई भी तकलीफ उतनी तकलीफदेह नहीं होती जितनी उस तकलीफ की चिंता तकलीफदेह होती है।

  236. चिंता और चिता में वही फर्क है जो आत्मविश्वास से भरे सेहतमंद इंसान और बीमार इंसान में होता है।

  237. …क्योंकि शायद मौत ही इस जिंदगी का सबसे बड़ा आविष्कार है।

  238. कई कम्पनियों ने छंटनी करने का फैसला किया है,शायद उनके लिए ये सही होगा।हमने अलग रास्ता चुना है।हमारा विश्वास है कि अगर हम कस्टमर के सामने अच्छे प्रोडक्ट्स रखते रहेंगे तो वो अपना पर्स खोलते रहेंगे।

  239. गुणवत्ता का मापदंड बनिए। कुछ लोग ऐसे वातावरण के आदी नहीं होते जहाँ उत्कृष्टता की उम्मीद की जाती है।

  240. जब आप समुद्री डांकू बन सकते है तो फिर नौसेना में जाने की क्या ज़रुरत है?

  241. नयी खोज एक लीडर और एक अनुयायी के बीच अंतर करती है।

  242. यदि आप वास्तव में बहुत बारीकी से देखोगे तो आप पाओगे की रातो रात मिलने वाली अधिकतर सफलताओ में बहुत लम्बा वक़्त लगा है।

  243. यदि आपकी नज़र लाभ पर रहेगी तो आपका ध्यान उत्पाद की गुणवत्ता से हट जायेगा। लेकिन यदि आप एक अच्छा उत्पाद बनाने पर ध्यान लगाओगे तो लाभ अपने आप आपका अनुसरण करेंगा।

  244. इस बात को याद रखना की मैं बहत जल्द मर जाऊँगा मुझे अपनी ज़िन्दगी के बड़े निर्णय लेने में सबसे ज्यादा मददगार होता है, क्योंकि जब एक बार मौत के बारे में सोचता हूँ तब सारी उम्मीद, सारा गर्व, असफल होने का डर सब कुछ गायब हो जाता है और सिर्फ वही बचता है जो वाकई ज़रूरी है। इस बात को याद करना की एक दिन मरना है…किसी चीज को खोने के डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। आप पहले से ही नंगे हैं। ऐसा कोई कारण नहीं है की आप अपने दिल की ना सुने।

  245. एक मूल नियम है कि समान विचारधारा के व्यक्ति एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं, नकारात्मक सोच सुनिश्चित रुप से नकारात्मक परिणामो को आकर्षित करती है, इसके विपरीत, यदि कोई व्यक्ति आशा और विश्वास के साथ सोचने को आदत ही बना लेता है तो उसकी सकारात्मक सोच से सृजनात्मक शक्तियों सक्रिय हो जाती हैं- और सफलता उससे दूर जाने की बजाय उसी ओर चलने लगती है।

  246. मुझे काफ़ी समय पहले ही पता लग गया था कि यदि मैं लोगों की उनकी चाहतों को पूरा करने में सहायता करता हूं तो मुझे हमेशा वह सब मिल जाएगा जो मैं चाहता था और मुझे कभी भी चिंता नहीं करनी पड़ेगी।

  247. उस मनुष्य को कौन अपने पास बिठाना चाहेगा, जो हमेशा बारूद का ढेर बना घूमता है, और जिसका पता नहीं कि वह कब फट पड़े।

  248. रेल के इंजन के पास खड़े होकर देखो, काम करने वाली भाप का स्वर कोई नहीं सुनता, केवल व्यर्थ जाने वाली भाप ही शोर मचाती है, जो ऊर्जा और शक्ति तुम्हारे भीतर उपयोग हो रही है वह गुप्त और अज्ञात रहती है, तुम जो शोर मचाते फिरते हो और उपद्रव करते हो यह बेकार जाने वाली बिना काम की ऊर्जा और शक्ति है।

  249. लक्ष्मी को पाना है तो या तो उल्लू बनना होगा या प्रभु विष्णु, लक्ष्मी केवल इन्हीं दोनों के पास ही रहती है। एक की सवारी करती है और एक की सेवा। जितने अंश तक उल्लू या विष्णु के गुण तुम्हारे भीतर होंगे, उतने ही अंश तक लक्ष्मी तुम्हारे पास रहेगी।

  250. मेरी चापलूसी करो, और मैं आप पर भरोसा नहीं करुंगा, मेरी आलोचना करो, और मैं आपको पसंद नहीं करुंगा। मेरी उपेक्षा करो, और मैं आपको माफ़ नहीं करुंगा, मुझे प्रोत्साहित करो, और मैं कभी आपको नहीं भूलूंगा।

  251. जब दूसरे व्यक्ति सोए हों, तो उस समय अध्ययन करें; उस समय कार्य करें जब दूसरे व्यक्ति अपने समय को नष्ट करते हैं; उस समय तैयारी करें जब दूसरे खेल रहे हों; और उस समय सपने देखें जब दूसरे केवल कामना ही कर रहे हों।

  252. निराशावादी व्यक्ति पवन के बारे में शिकायत करता है; आशावादी इसका रुख बदलने की आशा करता है; लेकिन यथार्थवादी पाल को अनुकूल बनाता है।

  253. उपलब्धि के चार कदम: उद्देश्यपूर्ण योजना बनाए, प्रार्थना के साथ तैयारी करें, सकारात्मक रूप से आगे बढ़े निरन्तर अपने लक्ष्य के लिए प्रयासरत रहें।

  254. हम उन लोगों को प्रभावित करने के लिये महंगे ढंग से रहते हैं जो हम पर प्रभाव जमाने के लिये महंगे ढंग से रहते है।

  255. अपने काम पर मै सदा समय से 15 मिनट पहले पहुँचा हूँ और मेरी इसी आदत ने मुझे कामयाब व्यक्ति बना दिया है।

  256. किसी व्यक्ति को एक मछली दे दो तो उसका पेट दिन भर के लिए भर जाएगा। उसे इंटरनेट चलाना सिखा दो तो वह हफ़्तों आपको परेशान नहीं करेगा।

  257. यदि आप इस बात की चिंता न करें कि आपके काम का श्रेय किसे मिलने वाला है तो आप आश्चर्यजनक कार्य कर सकते हैं।

  258. बच्चों को सीख देने का जो श्रेष्ठ तरीका मुझे पता चला है वह यह है कि बच्चों की चाह का पता लगाया जाए और फिर उन्हें वही करने की सलाह दी जाए।

  259. अगर एक व्यक्ति को मालूम ही नहीं कि उसे किस बंदरगाह की ओर जाना है, तो हवा की हर दिशा उसे अपने विरुद्ध ही प्रतीत होगी।

  260. ऐसा नहीं है कि कार्य कठिन हैं इसलिए हमें हिम्मत नहीं करनी चाहिए, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम हिम्मत नहीं करते हैं इसलिए कार्य कठिन हो जाते हैं।

  261. राजनीति का कोई अंत नही होता।

  262. कुकर्मी से बढ़कर अभागा और कोई नहीं है; क्योंकि विपत्ति में उसका कोई साथी नहीं होता।

  263. एक छोटी सी आशा प्यार के जन्म के लिए पर्याप्त होती है।

  264. प्यार होते ही सभी कवि बन जाते हैं।

  265. “दूसरों को सुनो ; फिर भी मत सुनो . अगर तुम्हारा दिमाग उनकी समस्याओं में उलझ जाएगा, ना सिर्फ वो दुखी होंगे , बल्कि तुम भी दुखी हो जओगे|”

  266. दुनिया को देख पाना एक सुखद आश्चर्य है, मगर उससे भी बड़ा आश्चर्य है अपने भीतर मौजूद असीमित संभावनाओं को देखना, जिससे दुनिया को खूबसूरत बनाया जा सके।

  267. हमारे पास सुनने की क्षमता है। हम बादलों के अट्टहास सुन सकते हैं, चिड़ियों के कलरव भी। हम दुनिया को भी सुन सकते हैं और मन की आवाज़ भी। मगर अद्भुत है मन की आवाज़ सुनना।

  268. जब आदमी रोता है, तब वह सबसे सच्चा होता है ।

  269. यदि एक ब्लॉगर नई पीढ़ी को समुचित ज्ञान देने के बिना मर जाता है, तो उसका ज्ञान व्यर्थ है।

  270. व्यापार का व्यापार सम्बन्ध हैं; जीवन का व्यापार मानवीय लगाव है।

  271. लक्ष्य प्राप्त करना मायने रखता है। और जो बहादुरी भरे काम और साहसिक सपने आप पूरे करना चाहते हैं उनके बारे में लिखना उन्हें पूरा करने के लिए चिंगारी का काम करेगा।

  272. हम ऐसी दुनिया में जीते हैं जहाँ फेसबुक पे हमारे बहुत से दोस्त हैं पर फिर भी हमने मानवीय लगाव खो दिया है।

  273. उसे दीजिये जिसे आप सबसे अधिक वापस पाना चाहते हैं।

  274. आपका “आई कैन” आपके “आईक्यू से अधिक महत्त्वपूर्ण है।

  275. यदि आप सचमुच विश्व–स्तरीय होना चाहते हैं– जितने अच्छे हो सकते हैं होना चाहते हैं तो अंतत: ये आपकी तैयारी और अभ्यास पर निर्भर करेगा।

  276. सबसे छोटा कार्य सबसे महान इरादे से हमेशा बेहतर होता है।

  277. हमारा एक नॉर्मल होता है। जब आप अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकल जाते हैं तो जो एक समय अनजाना और भयभीत करने वाला था अब आपका न्यू नॉर्मल बन जाता है।

  278. जय जवान, जय किसान।

  279. आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है, पूरे देश को मजबूत होना होगा.

  280. जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं. अंततः जनता ही मुखिया होती है।

  281. हर बच्चा इसी सन्देश के साथ आता है कि भगवान अभी तक मनुष्यों से हतोत्साहित नहीं हुआ है

  282. मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती।

  283. जो कुछ हमारा है वो हम तक तभी पहुचता है जब हम उसे ग्रहण करने की क्षमता विकसित करते हैं।

  284. वे लोग जो अच्छाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त होते है, स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते।

  285. अगर आप तेज चलना चाहते है तो अकेले चलिए। लेकिन अगर दूर तक जाना चाहते है तो साथ-साथ चलिए।

  286. जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए उतार-चढ़ाव का बड़ा ही महत्व है। यहां तक कि ई.सी.जी. में भी सीधी लकीर का अर्थ- मृत माना जाता है।

  287. अगर कोई भी कार्य जन-साधारण के मापदंड़ों पर खरा उतरता है तो उसे जरूर करे लेकिन अगर नहीं उतरता हो तो बिल्कुल न करे।

  288. हर व्यक्ति में कुछ-न-कुछ विशेष गुण और प्रतिभा होती है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने अंदर मौजूद गुणों और प्रतिभा का पहचानना चाहिए।

  289. हम सभी के पास समान योग्यता नहीं है लेकिन हमारे पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने के लिए समान अवसर है|

  290. आयु सोचती है, जवानी करती है।

  291. पंखुडियां तोड़ कर आप फूल की खूबसूरती नहीं इकठ्ठा करते।

  292. मिटटी के बंधन से मुक्ति पेड़ के लिए आज़ादी नहीं है

  293. जो कुछ हमारा है वो हम तक आता है; यदि हम उसे ग्रहण करने की क्षमता रखते हैं।

  294. मंदिर की गंभीर उदासी से बाहर भागकर बच्चे धूल में बैठते हैं, भगवान् उन्हें खेलता देखते हैं और पुजारी को भूल जाते हैं।

  295. मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है; ये सिर्फ दीपक को बुझाना है क्योंकि सुबह हो गयी है।

  296. प्रार्थना मांगना नहीं,यह आत्म की चाह है. यह दैनिक कमजोरियों की अपनी स्वीकारोक्ति है.

  297. चरित्र की शुद्वि ही सारे ज्ञान का ध्येय होना चाहिए.

  298. शांति का कोई रास्ता नहीं है, केवल शांति है.

  299. सत्य के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं होता.

  300. हिंदुस्तान का अर्थ वे करोड़ों किसान हैं,जिनके सहारे हम सब जी रहे हैं.

  301. जो काम अपने से हो सके,वह काम दूसरे से कभी नही कराना चाहिए.

  302. प्रथ्वी सभी मनुष्य की जरुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं|

  303. जब कोई आपको दिखाता है कि वो कौन है, तो पहली बार उस पर भरोसा कर लीजिये।

  304. अगर आपके अन्दर बस एक मुस्कान बची है तो उसे उन्हें दीजिये जिनसे आप प्रेम करते हैं।

  305. कड़वाहट कैंसर की तरह है। ये कडवाहट रखने वाले को खा जाती है| लेकिन क्रोध आग की तरह है। ये सबकुछ जला कर साफ़ कर देता है।

  306. ज़िन्दगी इसे जीने वाले को प्यार करती है।

  307. सत्य और तथ्य में बहुत बड़ा अंतर है। तथ्य सत्य को छिपा सकते हैं।

  308. शब्द जो कागज़ पर लिखा होता है उससे अधिक मायने रखते हैं। उनके अर्थ में गहराई डालने के लिए मानवीय आवाज की आवश्यकता होती है।

  309. रिश्ते और विश्वास, ये जीवन के आधार हैं।

  310. अगर हम हमारे विचार प्रक्रिया के केंद्र में लाखों भारतीयों को रखते हैं, अगर हम उनके आत्म बोध के खातिर उनके कल्याण, उनके भविष्य के बारे में सोचते हैं, हम सही रास्ते पर हैं। भारत तभी बढेगा, विकास करेगा जब ये समृद्ध, विकसित होंगे। हम किसी भी गूढ़ रणनीतियों से विकसित नहीं हो सकते। हमारी क्रय शक्ति, हमारी आर्थिक ताकत, हमारे बाजार सभी इन लोगों की समृद्धि पर निर्भर करता है।

  311. मुझे ये लगता है कि हमारे मौलिक धारणा यह है कि हमारा विकास जीवन का एक तरीका है और हमें हमेशा विकासशील बने रहना चाहिए।

  312. मैं जब भी मेरे पिता के बारे में सोचता हूँ, तब मैं गर्व महसूस करता हूँ।

  313. मुझे मेरे काम से बहुत प्यार है, इसलिए जब भी मैं काम करता हूँ, कभी भी थकान महसूस नहीं होती।

  314. बच्चों को देखकर इच्छा होती है कि जीवन फिर से शुरू करें।

  315. नदियां , तालाब , झीलें और धाराएं – इनके अलग-अलग नाम हैं, लेकिन इन सबमे पानी होता है ठीक वैसे ही जैसे धर्म होते हैं- उन सभी में सत्य होता है।

  316. मैं कभी भी सही निर्णय लेने पर विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय ले कर, उसे सही साबित करने में विश्वास करता हूं।

  317. मैं दिल से पूर्व और पश्चिम के मिलान का स्वागत करुंगा,पर यह पशुबल पर आधारित नहीं होना चाहिए.

  318. सबसे अच्छे होने के लिए अनंत प्रयास मनुष्य का कर्तव्य है.

  319. असहिष्णुता सच्ची लोकतांत्रिक भावना के विकास में बाधक है.

  320. एकमात्र एक ऐसी बात जो हमें पशु से अलग करती है वो है अहिंसा| मानव बनने के लिए अहिंसक होना जरुरी है|

  321. बुनियादी शिक्षा बालक के मन और शरीर का विकास करती है,बालक को वतन के साथ जोड़े रखती है|उसे अपने और देश के भविष्य का गौरवपूर्ण चरित्र दिखाती है|

  322. स्वच्छता को अपने आचरण में इस तरह अपना लो कि वह आपकी आदत बन जाए | शौचालय को रसोई घर की तरह साफ होना चाहिए|

  323. हिंदुस्तान और पाकिस्तान को अपनी-अपनी खामियां मिटानी चाहिए,एक-दूसरे का दोष देखने में किसी का लाभ नहीं है.

  324. शिक्षा का अर्थ सिर्फ अक्षरज्ञान न हो,अक्षरज्ञान से दुनिया को फायदे के बदले नुकसान ही हुआ है.

  325. जिसका मन साफ है,उसके पास सारी खुशी है.

  326. जीते-जागते सत्य के बिना ईश्वर कहीं नहीं है.

  327. हम सभी को आयी हुई विपत्ति में शांति खोजनी चाहिए.

  328. मनुष्य जब एक नियम तोड़ता है,तो बाकी अपने आप टूट जाते हैं.

  329. एक औंस अभ्यास का मूल्य कई टन उपदेश से ज्यादा है.

  330. कुछ लोग सिर्फ सफलता के सपने देखते हैं,जबकि सफल व्यक्ति कड़ी मेहनत करते हैं.

  331. स्वच्छता,पवित्रता और आत्मसम्मान से जीने के लिए धन की आवश्यकता नहीं होती.

  332. मैं एक समुदाय की प्रगति का माप महिलाओं द्वारा हासिल प्रगति की डिग्री द्वारा करता हूँ।

  333. एक महान व्यक्ति एक प्रख्यात व्यक्ति से एक ही बिंदु पर भिन्न हैं कि महान व्यक्ति समाज का सेवक बनने के लिए तत्पर रहता हैं।

  334. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिये बेमानी है।

  335. यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम यह भूल चुके हैं कि हम एक दूसरे के हैं।

  336. शांति की शुरुआत मुस्कराहट से होती है।

  337. सबसे बड़ी बीमारी कुष्ठ रोग या तपेदिक नहीं है, बल्कि अवांछित होना ही सबसे बड़ी बीमारी है।

  338. मैं चाहती हूँ कि आप अपने पड़ोसी के बारे में चिंतित हों। क्या आप जानते हैं कि आपका पड़ोसी कौन है?

  339. छोटी चीजों में वफादार रहिये क्योंकि इन्ही में आपकी शक्ति निहित है।

  340. महत्त्वाकांक्षा एक सपना है जिसमे वी 8 इंजन लगा है।

  341. महत्त्वाकांक्षा कभी ख़त्म नहीं होती ।

  342. परमानंद किसी के अपने लक्ष्य तक पहुंचने के प्रयास में निहित है,न कि वहां पहुंचने में.

  343. कोई संस्कृति जीवित नहीं रह सकती है,अगर वह विशिष्ट होने का प्रयास करे.

  344. अहिंसा का लबादा ओढ़ना धोखा है.जरूरत है कि हम दिल में बसे हिंसा का त्याग करें.

  345. जो आपको दुश्मन समझते हैं,उनसे भी मित्रवत व्यवहार करना सच्चे धर्म का मर्म है.

  346. विवेक के मामलों में बहुमत के कानून की कोई जगह नहीं है.

  347. हर इंसान के अंदर अपनी गलतियों को स्वीकारने और उन्हें सुधारने की पर्याप्त विनम्रता होती है.

  348. एक अन्यायपूर्ण कानून हिंसा की ही एक प्रजाति है.

  349. विश्वास, विश्वास को उत्पन्न करता है और अविश्वास, अविश्वास को। यह स्वाभाविक है।

  350. सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है, जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं।

  351. कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता, कर्तव्य-पालन में ही चित्त की शांति है।

  352. हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो क्योकि, घृणा से विनाश होता है।

  353. अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है।

  354. खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।

  355. भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है।

  356. आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच,आसक्ति और नफरत।

  357. प्रत्येक जीव स्वतंत्र है। कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता।

  358. सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं, और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं।

  359. प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है। आनंद बाहर से नहीं आता।

  360. मनुष्य नश्वर हैं। ऐसे ही विचार होते हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत है जैसे एक पौधे में पानी की जरूरत होती है। अन्यथा दोनों मुरझा जायेंगे और मर जायेंगे।

  361. जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए।

  362. यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा।

  363. उदासीनता लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे खराब किस्म की बीमारी है।

  364. समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।

  365. एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।

  366. मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाईचारा सिखाये।

  367. बड़ी सावधानी और चतुराई से अपने कदम बढाइये, और याद रखिये कि जीवन संतुलन बनाये रखने का एक महान काम है|

  368. हमारे जीवन का प्रथम लक्ष्य है दूसरों की सहायता करना। और यदि आप दूसरों की सहायता नहीं कर सकते तो कम से कम उन्हें आहत तो न करें।

  369. विवेकशील व्यक्ति उचित अनुचित पर विचार करता है और अनुचित को किसी भी मूल्य पर स्वीकार नहीं करता।

  370. मानव जीवन की सफलता का श्रेय जिस महानता पर निर्भर है, उसे एक शब्द में धार्मिकता कह सकते हैं।

  371. एक गर्वित व्यक्ति ही सर्वाधिक संशयी होता है।

  372. सुन्दरता को आभूषणों की आवश्यकता नहीं होती। मृदुता आभूषणों का भार वहन नहीं कर सकती।

  373. कायरता के समान ही साहस भी संक्रामक होता है।

  374. जीवन में सफल होने के लिए आपको शिक्षा की आवश्यकता होती है, साक्षरता और उपाधियों की नहीं।

  375. सत्यता, प्रेम की पहली सीढ़ी है।

  376. तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध द्वारा दंड पाओगे।

  377. वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट हैं, वो जो किसी से प्रेम नहीं करता उसके एक भी संकट नहीं है।

  378. हर इंसान अपने स्वास्थ्य या बीमारी का लेखक है।

  379. स्वास्थ्य सबसे महान उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन तथा विश्वसनीयता सबसे अच्छा संबंध है।

  380. अपनी मुक्ति के लिए काम करो. दूसरों पर निर्भर मत रहो।

  381. पैर तभी पैर महसूस करता है जब यह जमीन को छूता है।

  382. अपने बराबर या फिर अपने से समझदार व्यक्तियों के साथ सफ़र कीजिये, मूर्खो के साथ सफ़र करने से अच्छा है अकेले सफ़र करना।

  383. शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है।

  384. सभी जीवों-जंतु के प्रति सम्मान अहिंसा है।

  385. आप स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मनों से क्या लड़ना? जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेंगे उन्हें आनंद की प्राप्ति होगी।

  386. मुझे बकवास पसंद है, यह दिमाग की कोशिकाओं को जगाता है।

  387. आप कभी इतने बूढ़े, इतने अनोखे, इतने जंगली नहीं हो सकते कि एक किताब उठकर बच्चे के सामने न पढ़ सकें।

  388. चीजों को ऐसे लें जैसी वे हैं। जब घूँसा मारना हो तब घूंसा मारें। जब लात मारनी हो लात मारें।

  389. मैं उस आदमी से नहीं डरता जिसने १०,००० किक्स की प्रैक्टिस एक बार की हो , बल्कि मैं उस आदमी से डरता हूँ जिसने एक किक की प्रैक्टिस १०,००० बार की हो।

  390. जितना एक मूर्ख व्यक्ति किसी बुद्धिमानी भरे उत्तर से नहीं सीख सकता उससे अधिक एक बुद्धिमान एक मूर्खतापूर्ण प्रश्न से सीख सकता है।

  391. प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।

  392. व्यक्तियो को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते।

  393. मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्त्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ. पर मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ, और वही सच्चा बलिदान है।

  394. आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसके आदी हो जाते हैं और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की ज़रुरत है।

  395. इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।

  396. बुराई इसलिए नहीं बढती की बुरे लोग बढ़ गए है बल्कि बुराई इसलिए बढती है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये है।

  397. क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारो की शान पर ही तेज होती है।

  398. जो व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा तथा उसे चुनौती देनी होगी।

  399. हजारों खोखले शब्दों से अच्छा वह एक शब्द है जो शांति लाये।

  400. आपके पास जो कुछ भी है है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से इर्ष्या कीजिये। जो दूसरों से इर्ष्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती।

  401. मैं कभी नहीं देखता की क्या किया जा चुका है; मैं हमेशा देखता हूँ कि क्या किया जाना बाकी है।

  402. सभी बुरे कार्य मन के कारण उत्पन्न होते हैं। अगर मन परिवर्तित हो जाये तो क्या अनैतिक कार्य रह सकते हैं?

  403. जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता।

  404. तीन चीजें जादा देर तक नहीं छुप सकती, सूरज, चंद्रमा और सत्य।

  405. मित्र बनाने में धीमे रहिये और बदलने में और भी।

  406. संतोष गरीबों को अमीर बनाता है,असंतोष अमीरों को गरीब।

  407. बीस साल की उम्र में इंसान अपनी इच्छा से चलता है,तीस में बुद्धि से और चालीस में अपने अनुमान से।

  408. अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं है जितना कि सीखने की इच्छा ना रखना।

  409. छोटे-छोटे खर्चों से सावधान रहिये। एक छोटा सा छेद बड़े से जहाज़ को डूबा सकता है।

  410. लेनदारों की याद्दाश्त देनदारों से अच्छी होती है।

  411. थकान सबसे अच्छी तकिया है।

  412. तैयारी करने में फेल होने का अर्थ है फेल होने के लिए तैयारी करना।

  413. निश्चित रूप से इस दुनिया में कुछ भी निश्चित नहीं है सिवाय मौत और करों के।

  414. हमेशा अपने वास्तिक रूप में रहो, खुद को व्यक्त करो, स्वयं में भरोसा रखो, बाहर जाकर किसी और सफल व्यक्तित्व को मत तलाशो और उसकी नक़ल मत करो।

  415. अगर आप अपनी ज़िन्दगी से प्यार करते हैं तो वक़्त मत बर्बाद करें, क्योंकि वो वक़्त ही है जिससे ज़िन्दगी बनी होती है।

  416. आपके लक्ष्य की पूर्ति स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी। आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है। कार्य करने और कठोर श्रम करने के दिन यही हैं।

  417. मराठी मे एक कहावत है – घोडा अड़ा क्यों ? पान सडा क्यों ? और रोटी जली क्यों ? इन सबका एक ही उत्तर है -पलटा ना था।

  418. आपके विचार सही हों ,आपके लक्ष्य ईमानदार हों ,और आपके प्रयास संवेधानिक हों तो मुझे पूर्ण विश्वास है की आपको अपने प्रयत्नों मे सफलता मिलेगी।

  419. मनुष्य का प्रमुख लक्ष्य भोजन प्राप्त करना ही नहीं है। एक कौवा भी जीवित रहता है और जूठन पर पलता है।

  420. कायर ना बनें, शक्तिशाली बनें और विश्वास रखें कि ईश्वर आपके साथ है।

  421. अगर हम अगली सदी की तरफ देखें तो लीडर वो होंगे जो दूसरों को सशक्त बना सकें।

  422. आपके सबसे असंतुष्ट कस्टमर आपके सीखने का सबसे बड़ा स्रोत हैं।

  423. यदि जनरल मोटर्स कम्प्यूटर इंडस्ट्री के हिसाब से अपनी प्रौद्योगिकी का विकास करता तो आज हम $25 की कार चला रहे होते जो 1000 माईल्स/ गैलन के हिसाब से चलती।

  424. यह सही है कि आप सफलता का जश्न मनाएं, लेकिन अपने भूतकाल के बुरे समय को याद रखते हुए।

  425. एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना पर्याप्त नहीं है।जिसकी आवश्यकता है वो है न्याय एवं राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था।

  426. मैं किसी समुदाय की प्रगति महिलाओं ने जो प्रगति हासिल की है उससे मापता हूँ।

  427. क़ानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।

  428. हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता को दोहराता है उसे ये भी स्वीकार करना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता।

  429. मेरी शादी होने से पहले, बच्चों कि परवरिश करने से सम्बंधित मेरे 6 सिद्धांत थे; अब मेरे 6 बच्चे हैं और कोई सिद्धांत नहीं है।

  430. आत्मा बच्चों के साथ रहने पर स्वस्थ होती है।

  431. जब तक छोटे बच्चों को कष्ट सहने दिया जाएगा, तब तक इस दुनिया में सच्चा प्रेम नहीं हो सकता।

  432. कानून चाहे कितना ही आदरणीय क्यों न हो , वह गोलाई को चौकोर नहीं कह सकता।

  433. ईसाई धर्म और बाइबिल केवल अफ्रीकियों और महिलाओं के शोषण के लिए है ?

  434. स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा !

  435. हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले।

  436. भूविज्ञानी पृथ्वी का इतिहास वहां से उठाते हैं जहाँ से पुरातत्वविद् इसे छोड़ देते हैं, और उसे और भी पुरातनता में ले जाते हैं।

  437. यदि भगवान छुआछूत को मानता है तो मैं उसे भगवान नहीं कहूँगा।

  438. भारत की गरीबी पूरी तरह से वर्तमान शासन की वजह से है।

  439. मानव प्रकृति ही ऐसी है की हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते। उत्सव प्रिय होना मानव स्वाभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहियें।

  440. आप कठिनाइयों, खतरों और असफलताओं के भय से बचने का प्रयत्न मत कीजिये। वे तो निश्चित रूप से आपके मार्ग मे आनी ही हैं।

  441. आप केवल कर्म करते जाइए, उसके परिणामों पर ध्यान मत दीजिये।

  442. कर्त्तव्य पथ पर गुलाब-जल नहीं छिड़का होता है और ना ही उसमे गुलाब उगते हैं।

  443. जनमत जैसी एक चीज होती है जिससे स्वेच्छाचारी और तानाशाह भय खाते हैं।

  444. बिना कष्ट के कुछ नहीं मिलता।

  445. अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा ? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये ,हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये।

  446. महान उपलब्धियां सरलता से नहीं मिलतीं और सरलता से मिली उपलब्धियां महान नहीं होतीं।

  447. आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन गुरूर है।

  448. सफलता में दोषों को मिटाने की विलक्षण शक्ति है।

  449. अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है।

  450. आत्म सम्मान की रक्षा, हमारा सबसे पहला धर्म है।

  451. जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में हैं, उनका सुख लूटने में नहीं।

  452. कोई भी महान व्यक्ति अवसरों की कमी के बारे में शिकायत नहीं करता।

  453. जीवन की विडम्बना यह नहीं है कि आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंचे, बल्कि यह है कि पहुँचने के लिए आपके पास कोई लक्ष्य ही नहीं था।

  454. विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई विद्यालय आज तक नहीं खुला।

  455. सफल नेतृत्व के लिए मिलनसारी, सहानुभूति और कृतज्ञता जैसे दिव्य गुणों की अतीव आवश्यकता है।

  456. विपरीत प्रतिकूलताएँ नेता के आत्म विश्वास को चमका देती हैं।

  457. नेतृत्व का अर्थ है वह वर्चस्व जिसके सहारे परिचितों और अपरिचितों को अंकुश में रखा जा सके, अनुशासन में चलाया जा सके।

  458. नेता शिक्षित और सुयोग्य ही नहीं, प्रखर संकल्प वाला भी होना चाहिए, जो अपनी कथनी और करनी को एकरूप में रख सके।

  459. सद्विचार तब तक मधुर कल्पना भर बने रहते हैं, जब तक उन्हें कार्य रूप में परिणत नहीं किया जाय।

  460. अंतरंग बदलते ही बहिरंग के उलटने में देर नहीं लगती है।

  461. जनसंख्या की अभिवृद्धि हजार समस्याओं की जन्मदात्री है।

  462. प्रस्तुत उलझनें और दुष्प्रवृत्तियाँ कहीं आसमान से नहीं टपकीं। वे मनुष्य की अपनी बोयी, उगाई और बढ़ाई हुई हैं।

  463. दीनता वस्तुत: मानसिक हीनता का ही प्रतिफल है।

  464. व्यक्तित्व की अपनी वाणी है, जो जीभ या कलम का इस्तेमाल किये बिना भी लोगों के अंतराल को छूती है।

  465. डरपोक और शक्तिहीन मनुष्य भाग्य के पीछे चलता है।

  466. करना तो बड़ा काम, नहीं तो बैठे रहना, यह दुराग्रह मूर्खतापूर्ण है।

  467. सबसे बड़ा दीन दुर्बल वह है, जिसका अपने ऊपर नियंत्रण नहीं।

  468. एकांगी अथवा पक्षपाती मस्तिष्क कभी भी अच्छा मित्र नहीं रहता।

  469. मांसाहार मानवता को त्यागकर ही किया जा सकता है।

  470. जीवन की सफलता के लिए यह नितांत आवश्यक है कि हम विवेकशील और दूरदर्शी बनें।

  471. पादरी, मौलवी और महंत भी जब तक एक तरह की बात नहीं कहते, तो दो व्यक्तियों में एकमत की आशा की ही कैसे जाए?

  472. पग-पग पर शिक्षक मौजूद हैं, पर आज सीखना कौन चाहता है?

  473. मनुष्य के भावों में प्रबल रचना शक्ति है, वे अपनी दुनिया आप बसा लेते हैं।

  474. ईश्वर अर्थात् मानवी गरिमा के अनुरूप अपने को ढालने के लिए विवश करने की व्यवस्था।

  475. मनुष्य बुद्धिमानी का गर्व करता है, पर किस काम की वह बुद्धिमानी-जिससे जीवन की साधारण कला हँस-खेल कर जीने की प्रक्रिया भी हाथ न आए।

  476. जब तक मनुष्य का लक्ष्य भोग रहेगा, तब तक पाप की जड़ें भी विकसित होती रहेंगी।

  477. पाप की एक शाखा है-असावधानी।

  478. अस्वस्थ मन से उत्पन्न कार्य भी अस्वस्थ होंगे।

  479. कायर मृत्यु से पूर्व अनेकों बार मर चुकता है, जबकि बहादुर को मरने के दिन ही मरना पड़ता है।

  480. जिन्हें लम्बी जिन्दगी जीना हो, वे बिना कड़ी भूख लगे कुछ भी न खाने की आदत डालें।

  481. शालीनता बिना मूल्य मिलती है, पर उससे सब कुछ खरीदा जा सकता है।

  482. गृहस्थ एक तपोवन है, जिसमें संयम, सेवा और सहिष्णुता की साधना करनी पड़ती है।

  483. असफलता केवल यह सिद्ध करती है कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं हुआ।

  484. मनुष्यता सबसे अधिक मूल्यवान् है। उसकी रक्षा करना प्रत्येक जागरूक व्यक्ति का परम कर्तव्य है।

  485. अवांछनीय कमाई से बनाई हुई खुशहाली की अपेक्षा ईमानदारी के आधार पर गरीबों जैसा जीवन बनाये रहना कहीं अच्छा है।

  486. ज्ञान अक्षय है। उसकी प्राप्ति मृत्यु शय्या तक बन पड़े तो भी उस अवसर को हाथ से न जाने देना चाहिए।

  487. बड़प्पन बड़े आदमियों के संपर्क से नहीं, अपने गुण, कर्म और स्वभाव की निर्मलता से मिला करता है।

  488. किसी समाज, देश या व्यक्ति का गौरव अन्याय के विरुद्ध लड़ने में ही परखा जा सकता है।

  489. शुभ कर्यों को कल के लिए मत टालिए, क्योंकि कल कभी आता नहीं।

  490. पुण्य-परमार्थ का कोई भी अवसर टालना नहीं चाहिए। अगले क्षण यह देह रहे या न रहे क्या ठिकाना?

  491. कर्त्तव्य पालन करते हुए मौत मिलना मनुष्य जीवन की सबसे बड़ी सफलता और सार्थकता है।

  492. अपने दोषों की ओर से अनभिज्ञ रहने से बड़ा प्रमाद इस संसार में और कोई दूसरा नहीं हो सकता।

  493. दूसरों की सबसे बड़ी सहायता यही की जा सकती है कि उनके सोचने में जो त्रुटि है, उसे सुधार दिया जाए।

  494. हम आमोद-प्रमोद मनाते चलें और आस-पास का समाज आँसुओं से भीगता रहे, ऐसी हमारी हँसी-खुशी को धिक्कार है।

  495. अंध परम्पराएँ मनुष्य को अविवेकी बनाती हैं।

  496. प्रतिभावान् व्यक्तित्व अर्जित कर लेना, धनाध्यक्ष बनने की तुलना में कहीं अधिक श्रेष्ठ और श्रेयस्कर है।

  497. शत्रु की घात विफल हो सकती है, किन्तु आस्तीन के साँप बने मित्र की घात विफल नहीं होती।

  498. ऊँचे सिद्धान्तों को अपने जीवन में धारण करने की हिम्मत का नाम है-अध्यात्म।

  499. उनकी प्रशंसा करो जो धर्म पर दृढ़ हैं। उनके गुणगान न करो, जिनने अनीति से सफलता प्राप्त की।

  500. अपने दोषों से सावधान रहो; क्योंकि यही ऐसे दुश्मन है, जो छिपकर वार करते हैं।

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