नेतृत्व का अर्थ है वह वर्चस्व जिसके सहारे परिचितों और अपरिचितों को अंकुश में रखा जा सके, अनुशासन में चलाया जा सके।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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netritva ka arth hai vah varchasva jiske sahare parichito aur aparichito ko ankush me rakha ja sake, anushasan me laaya ja sake. | नेतृत्व का अर्थ है वह वर्चस्व जिसके सहारे परिचितों और अपरिचितों को अंकुश में रखा जा सके, अनुशासन में चलाया जा सके।
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