एक गर्वित व्यक्ति ही सर्वाधिक संशयी होता है।
By : मुंशी प्रेमचंद
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
ek garvit vyakti hi sarvadhik sanshaihota hai. | एक गर्वित व्यक्ति ही सर्वाधिक संशयी होता है।
Related Posts
- सुन्दरता को आभूषणों की आवश्यकता नहीं होती। मृदुता आभूषणों का भार वहन नहीं कर सकती।
- कायरता के समान ही साहस भी संक्रामक होता है।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- महान लोग आईडिया पर बात करते हैं, साधारण लोग रोजमर्रा घटनाक्रम की बात करते हैं, और निम्न स्तर के लोग दूसरों के बारे में बात करते हैं।
- हम वास्तविकता में क्या हैं यह अधिक मायने रखता है इस बात से कि लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं।
- शारीरिक दुःख से मानसिक दुःख अधिक बुरा होता है।
- शिक्षा इस तरह की हो जो छात्र के मन का, शरीर का, और आत्मा का विकास करे।
- जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को मयान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।
- कठिन समय में कायर बहाना ढूंढते हैं तो वहीं, बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते है।
- यदि मरना होगा, तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम व शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।