आप कभी इतने बूढ़े, इतने अनोखे, इतने जंगली नहीं हो सकते कि एक किताब उठकर बच्चे के सामने न पढ़ सकें।

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आप कभी इतने बूढ़े, इतने अनोखे, इतने जंगली नहीं हो सकते कि एक किताब उठकर बच्चे के सामने न पढ़ सकें। : Aap kabhi inte boodhe, itne anokhe, itne jangli nahi ho sakte ki ek kitaab uthaakar bachche ke saamne na padh sakein - डॉ ज़्यूस
आप कभी इतने बूढ़े, इतने अनोखे, इतने जंगली नहीं हो सकते कि एक किताब उठकर बच्चे के सामने न पढ़ सकें। : Aap kabhi inte boodhe, itne anokhe, itne jangli nahi ho sakte ki ek kitaab uthaakar bachche ke saamne na padh sakein - डॉ ज़्यूस

aap kabhi inte boodhe, itne anokhe, itne jangli nahi ho sakte ki ek kitaab uthaakar bachche ke saamne na padh sakein | आप कभी इतने बूढ़े, इतने अनोखे, इतने जंगली नहीं हो सकते कि एक किताब उठकर बच्चे के सामने न पढ़ सकें।

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