हम स्वभाव के मुताबिक सोचते हैं, कायदे के मुताबिक बोलते हैं, रिवाज के मुताबिक आचरण करते हैं।
By : फ्रांसिस बेकन
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hum swabhav ke mutabik sochte hain, kaayde ke mutabik bolte hain aur rivaaj ke mutabik uska aacharan karte hain. | हम स्वभाव के मुताबिक सोचते हैं, कायदे के मुताबिक बोलते हैं, रिवाज के मुताबिक आचरण करते हैं।
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- बुरा व्यक्ति उस समय और भी बुरा हो जाता है जब वह अच्छा होने का ढोंग करता है।
- नैतिकता महज एक रवैया है जो हम ऐसे लोगों के प्रति अपनाते हैं जिन्हें हम व्यक्तिगत रूप से नापसंद करते हैं।
- किसी को खोने का डर ही,व्यक्ति को कमजोर बना देता है।
- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
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