वे लोग जो अच्छाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त होते है, स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते।
By : रवीन्द्रनाथ टैगोर
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ve log jo achchhai karne mein bahut jyada vyast hote hain , swayam achcha hone ke lie samay nahi nikaal paate. | वे लोग जो अच्छाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त होते है, स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते।
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