आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये।
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aapki achchai aapke marg mein baadhak, isliye apni aankho ko krodh se laal hone deejiye aur anyaay ka majboot haathon se saamna kijiye. | आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये।
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- जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को मयान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।
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- आत्मबल के आधार पर खड़े रहने को ही स्वराज कहते हैं।
- सच्चे त्याग और आत्मशुद्धि के बिना स्वराज नहीं आएगा।
- गरीबों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है।
- आपके घर का प्रबंध दूसरों को सौंपा गया हो तो यह कैसा लगता है – यह आपको सोचना है जब तक प्रबंध दूसरों के हाथ में है तब तक परतन्त्रता है और तब तक सुख नहीं।
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