कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता, कर्तव्य-पालन में ही चित्त की शांति है।

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कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता, कर्तव्य-पालन में ही चित्त की शांति है। : Kartavya kabhi aag aur paani ki parwaah nahikarta, kartavya paalan me hi chitt ki shanti hai. - मुंशी प्रेमचंद
कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता, कर्तव्य-पालन में ही चित्त की शांति है। : Kartavya kabhi aag aur paani ki parwaah nahikarta, kartavya paalan me hi chitt ki shanti hai. - मुंशी प्रेमचंद

kartavya kabhi aag aur paani ki parwaah nahikarta, kartavya paalan me hi chitt ki shanti hai. | कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता, कर्तव्य-पालन में ही चित्त की शांति है।

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