कोई संस्कृति जीवित नहीं रह सकती है,अगर वह विशिष्ट होने का प्रयास करे.

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कोई संस्कृति जीवित नहीं रह सकती है,अगर वह विशिष्ट होने का प्रयास करे. : Koi sanskriti jeevit nahi rah sakti agar wah vishisht hone ka pryaas kare. - महात्मा गाँधी
कोई संस्कृति जीवित नहीं रह सकती है,अगर वह विशिष्ट होने का प्रयास करे. : Koi sanskriti jeevit nahi rah sakti agar wah vishisht hone ka pryaas kare. - महात्मा गाँधी

koi sanskriti jeevit nahi rah sakti agar wah vishisht hone ka pryaas kare. | कोई संस्कृति जीवित नहीं रह सकती है,अगर वह विशिष्ट होने का प्रयास करे.

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