पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है. किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।
By : महात्मा गाँधी
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punch apane-aap mein buree nahin hai, usake galat upayog mein hee spasht hai. kisee na kisee roop mein poonjee kee aavashyakata hamesha rahatee hai. | पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है. किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।
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- काम के बिना धन घनघोर पाप हैं
- स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी।
- स्वच्छता,पवित्रता और आत्मसम्मान से जीने के लिए धन की आवश्यकता नहीं होती.
- अधिक संपत्ति नहीं, बल्कि सरल आनंद को खोजें। बड़े भाग्य नहीं, बल्कि परम सुख को खोजें।
- पूर्ण विश्वास के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
- आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
- शांति के लिए कोई विशेष रास्ता नहीं है, शांति अपने आप में ही एक रास्ता है।
- आप मानवता में विश्वास मत खोइए, मानवता सागर की तरह है। अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता।
- आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नीयति बन जाती है।
- आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं