पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है. किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।

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पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है. किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी। : Punch apane-aap mein buree nahin hai, usake galat upayog mein hee spasht hai. kisee na kisee roop mein poonjee kee aavashyakata hamesha rahatee hai. - महात्मा गाँधी
पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है. किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी। : Punch apane-aap mein buree nahin hai, usake galat upayog mein hee spasht hai. kisee na kisee roop mein poonjee kee aavashyakata hamesha rahatee hai. - महात्मा गाँधी

punch apane-aap mein buree nahin hai, usake galat upayog mein hee spasht hai. kisee na kisee roop mein poonjee kee aavashyakata hamesha rahatee hai. | पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है. किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।

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