हिंदुस्तान और पाकिस्तान को अपनी-अपनी खामियां मिटानी चाहिए,एक-दूसरे का दोष देखने में किसी का लाभ नहीं है.
By : महात्मा गाँधी
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hindustan aur pakistanko apni apni khaamiyan mitaani chahiye, ek doosre ka dosh dekhne me koi laabh nahi hai. | हिंदुस्तान और पाकिस्तान को अपनी-अपनी खामियां मिटानी चाहिए,एक-दूसरे का दोष देखने में किसी का लाभ नहीं है.
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- आप चाहते हैं कि हमारा राष्ट्र संगठित हो, इसलिए आपको प्रान्तीयता के अभियान को छोड़ देना चाहिए।
- हिन्दी को देश की राष्ट्रभाषा बना देना चाहिए।
- हिंदी पढ़ना इसलिए जरूरी है कि उससे देश में भाईचारे की भावना पनपती है।
- हजारों लोगों द्वारा कुछ सैकडों की हत्या करना बहादुरी नहीं है। यह कायरता से भी बदतर है। यह किसी भी राष्ट्रवाद और धर्म के विरुद्ध है।
- असहिष्णुता सच्ची लोकतांत्रिक भावना के विकास में बाधक है.
- सत्ताधीशों की सत्ता उनकी मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाती है, पर महान देशभक्तों की सत्ता मरने के बाद काम करती है, अतः देशभक्ति अर्थात् देश-सेवा में जो मिठास है, वह और किसी चीज में नहीं।
- हर जाति या राष्ट्र खाली तलवार से वीर नहीं बनता तलवार तो रक्षा-हेतु आवश्यक है, पर राष्ट्र की प्रगति को तो उसकी नैतिकता से ही मापा जा सकता है।
- एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जब तक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।
- अब हर भारतीय को भूल जाना चाहिए कि वह सिख हैं, जाट है या राजपूत। उसे केवल इतना याद रखना चाहिए कि अब वह केवल भारतीय हैं जिसके पास सभी अधिकार हैं, लेकिन उसके कुछ कर्तव्य भी हैं।
- स्वतंत्र भारत में कोई भी भूख से नहीं मरेगा। अनाज निर्यात नहीं किया जायेगा। कपड़ों का आयात नहीं किया जाएगा। इसके नेता ना विदेशी भाषा का प्रयोग करेंगे ना किसी दूरस्थ स्थान, समुद्र स्तर से 7000 फुट ऊपर से शासन करेंगे। इसके सैन्य खर्च भारी नहीं होंगे, इसकी सेना अपने ही लोगों या किसी और की भूमि को अधीन नहीं करेगी। इसके सबसे अच्छे वेतन पाने वाले अधिकारी इसके सबसे कम वेतन पाने वाले सेवकों से बहुत ज्यादा नहीं कमाएंगे और यहाँ न्याय पाना ना खर्चीला होगा, ना कठिन होगा।