ज्ञान अक्षय है। उसकी प्राप्ति मृत्यु शय्या तक बन पड़े तो भी उस अवसर को हाथ से न जाने देना चाहिए।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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gyaan akshya hai. uski prapti mrityu shayya tak ban pade to bhi us avsar ko hath se na jaane dena chahiye | ज्ञान अक्षय है। उसकी प्राप्ति मृत्यु शय्या तक बन पड़े तो भी उस अवसर को हाथ से न जाने देना चाहिए।
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