डरपोक और शक्तिहीन मनुष्य भाग्य के पीछे चलता है।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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darpok aur shaktiheen manushya bhagya ke peechhe chalta hai | डरपोक और शक्तिहीन मनुष्य भाग्य के पीछे चलता है।
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