आत्म सम्मान की रक्षा, हमारा सबसे पहला धर्म है।
By : मुंशी प्रेमचंद
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
aatm samman ki raksha , hamara sabse pahla dharm hai. | आत्म सम्मान की रक्षा, हमारा सबसे पहला धर्म है।
Related Posts
- आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन गुरूर है।
- सफलता में दोषों को मिटाने की विलक्षण शक्ति है।
- अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है।
- जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में हैं, उनका सुख लूटने में नहीं।
- विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई विद्यालय आज तक नहीं खुला।
- स्वप्न विचारों में परिवर्तित होते हैं और विचार कार्य में परिणत होते हैं।
- भगवान केवल उन्हीं लोगों की मदद करते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं।
- ईश्वर की संतान के रूप में, मेरे साथ जो कुछ भी घटित हो सकता है, मैं उससे बड़ा हूँ।
- यादें और भावनाएं यातना का सबसे बड़ा रूप हो सकती हैं।
- सच तो यह है कि किसी व्यवस्था के लाभार्थियों से उसे नष्ट करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।