प्रेम के बिना जीवन उस वृक्ष की भांति है जो फूल तथा फलों से रहित है।

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प्रेम के बिना जीवन उस वृक्ष की भांति है जो फूल तथा फलों से रहित है। : Prem ke bina jeevan us vriksha ki bhanti hai, jo phool tatha falon se rahit hai. - खलील जिब्रान
प्रेम के बिना जीवन उस वृक्ष की भांति है जो फूल तथा फलों से रहित है। : Prem ke bina jeevan us vriksha ki bhanti hai, jo phool tatha falon se rahit hai. - खलील जिब्रान

prem ke bina jeevan us vriksha ki bhanti hai, jo phool tatha falon se rahit hai. | प्रेम के बिना जीवन उस वृक्ष की भांति है जो फूल तथा फलों से रहित है।

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