इस दुनिया में जो कुछ हम अर्जित करते हैं, उससे नहीं अपितु जो कुछ त्याग करते हैं, उससे समृद्ध बनते हैं |
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is duniya mein jo kuch bhi hum arjit karte hain, usse nahi apitu jo kuchh tyaag kate hain usse samriddha bante hain. | इस दुनिया में जो कुछ हम अर्जित करते हैं, उससे नहीं अपितु जो कुछ त्याग करते हैं, उससे समृद्ध बनते हैं |
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- किसी को खोने का डर ही,व्यक्ति को कमजोर बना देता है।
- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
- विश्वास रखकर आलस्य छोड़ दीजिये, वहम मिटा दीजिये, डर छोड़िये, फूट का त्याग कीजिये, कायरता निकाल डालिए, हिम्मत रखिये, बहादुर बन जाइए, और आत्मविश्वास रखना सीखिए। इतना कर लेंगे तो आप जो चाहेंगे, अपने आप मिलेगा।
- यदि सफलता से ही डरते रहे,तो सफलता कैसे हासिल होगी।
- ईश्वर सबका परमपिता है।
- जो आपको पसंद हो वही करें,क्युकि कुछ लोग ऐसे हैं जो कभी आपकी तारीफ नहीं करेंगे
- कुछ ऐसे कार्य करें की लोग आपके नाम पर कहानियां लिखे।
- इंसान को हमेशा ईमानदारी ही रहना चाहिए।
- पूर्ण विश्वास के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
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