हमेशा अपने वास्तिक रूप में रहो, खुद को व्यक्त करो, स्वयं में भरोसा रखो, बाहर जाकर किसी और सफल व्यक्तित्व को मत तलाशो और उसकी नक़ल मत करो।
By : ब्रूस ली
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hamesha apne vaastvik roop me raho, khud ko vyakt karo, swayam me bharosa rakho, bahar jaakar kisi safalt vyakti ko mat talaasho aur mat uski nakal karo. | हमेशा अपने वास्तिक रूप में रहो, खुद को व्यक्त करो, स्वयं में भरोसा रखो, बाहर जाकर किसी और सफल व्यक्तित्व को मत तलाशो और उसकी नक़ल मत करो।
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- अगर आप अपनी ज़िन्दगी से प्यार करते हैं तो वक़्त मत बर्बाद करें, क्योंकि वो वक़्त ही है जिससे ज़िन्दगी बनी होती है।
- गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो।
- ध्यान दीजिये कि सबसे कठोर पेड़ सबसे आसानी से टूट जाते हैं, जबकि, बांस या विलो हवा के साथ मुड़कर बच जाते है।
- महान लोग आईडिया पर बात करते हैं, साधारण लोग रोजमर्रा घटनाक्रम की बात करते हैं, और निम्न स्तर के लोग दूसरों के बारे में बात करते हैं।
- जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को मयान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।
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- यदि मरना होगा, तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम व शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
- लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा।
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