एक मूल नियम है कि समान विचारधारा के व्यक्ति एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं, नकारात्मक सोच सुनिश्चित रुप से नकारात्मक परिणामो को आकर्षित करती है, इसके विपरीत, यदि कोई व्यक्ति आशा और विश्वास के साथ सोचने को आदत ही बना लेता है तो उसकी सकारात्मक सोच से सृजनात्मक शक्तियों सक्रिय हो जाती हैं- और सफलता उससे दूर जाने की बजाय उसी ओर चलने लगती है।

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एक मूल नियम है कि समान विचारधारा के व्यक्ति एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं, नकारात्मक सोच सुनिश्चित रुप से नकारात्मक परिणामो को आकर्षित करती है, इसके विपरीत, यदि कोई व्यक्ति आशा और विश्वास के साथ सोचने को आदत ही बना लेता है तो उसकी सकारात्मक सोच से सृजनात्मक शक्तियों सक्रिय हो जाती हैं- और सफलता उससे दूर जाने की बजाय उसी ओर चलने लगती है। : Ek mool niyam hai ki saman vichardhara ke vyaktiek doosre ke prati akarshit hote hain, nakaratmak soch sunishchit roop se nakaratmak parinaamo ko akarshit karti hai - नार्मन विंसेन्ट पील
एक मूल नियम है कि समान विचारधारा के व्यक्ति एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं, नकारात्मक सोच सुनिश्चित रुप से नकारात्मक परिणामो को आकर्षित करती है, इसके विपरीत, यदि कोई व्यक्ति आशा और विश्वास के साथ सोचने को आदत ही बना लेता है तो उसकी सकारात्मक सोच से सृजनात्मक शक्तियों सक्रिय हो जाती हैं- और सफलता उससे दूर जाने की बजाय उसी ओर चलने लगती है। : Ek mool niyam hai ki saman vichardhara ke vyaktiek doosre ke prati akarshit hote hain, nakaratmak soch sunishchit roop se nakaratmak parinaamo ko akarshit karti hai - नार्मन विंसेन्ट पील

ek mool niyam hai ki saman vichardhara ke vyaktiek doosre ke prati akarshit hote hain, nakaratmak soch sunishchit roop se nakaratmak parinaamo ko akarshit karti hai | एक मूल नियम है कि समान विचारधारा के व्यक्ति एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं, नकारात्मक सोच सुनिश्चित रुप से नकारात्मक परिणामो को आकर्षित करती है, इसके विपरीत, यदि कोई व्यक्ति आशा और विश्वास के साथ सोचने को आदत ही बना लेता है तो उसकी सकारात्मक सोच से सृजनात्मक शक्तियों सक्रिय हो जाती हैं- और सफलता उससे दूर जाने की बजाय उसी ओर चलने लगती है।

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