मांसाहार मानवता को त्यागकर ही किया जा सकता है।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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maansahaar manavta ko tyaagkar hi kiya jaa sakta hai. | मांसाहार मानवता को त्यागकर ही किया जा सकता है।
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