जब तक रुग्णता का सामना नहीं करना पड़ता; तब तक स्वास्थ्य का महत्व समझ में नहीं आता है।
By : थॉमस फुलर
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jab tak rugnata ka asaamna nahi karn apadta, tab tak swasthya ka mahatva samjh mein nahi aata. | जब तक रुग्णता का सामना नहीं करना पड़ता; तब तक स्वास्थ्य का महत्व समझ में नहीं आता है।
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- धैर्य रखें, सभी कार्य सरल होने से पहले कठिन ही दिखाई देते हैं। जो पाप में पड़ता है, वह मनुष्य है, जो उसमें पड़ने पर दुखी होता है, वह साधु है और जो उस पर अभिमान करता है, वह शैतान होता है।
- ज्ञान एक खजाना है, लेकिन अभ्यास इसकी चाभी है।
- कोई पछतावा नहीं। उसके लिए कोई समय नहीं है। पछतावा उबाऊ है।
- अक्सर दृश्य परिवर्तन से अधिक स्वयं में परिवर्तन की आवश्यकता होती है।
- यदि मैं आज भी उनहीं बातों पर विश्वास करता हूँ जो मैंने कल की थीं तो मैंने कुछ नहीं सीखा।
- सफल होने के लिए आपको अवश्य पढ़ना चाहिए।
- चिंता कभी भी अपने कल के दुःख को नहीं छीनती, बल्कि केवल आज की ताकत को छीन लेती है।
- वास्तव में, दुनिया को बदलने का केवल एक ही तरीका है, और वह है खुद को बदलना।
- सपने देखना या पढ़ना कभी बंद न करें।
- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।