क्रोध बुद्धि को घर से बाहर, निकाल देता है और दरवाजे पर, सिटकनी लगा देता है।
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krodh buddhi ko ghar se bahar, nikal deta hai aur darvaje par sitkani laga dete hain. | क्रोध बुद्धि को घर से बाहर, निकाल देता है और दरवाजे पर, सिटकनी लगा देता है।
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- वह व्यक्ति अच्छा कार्य निष्पादन करता है जो परिस्थितियों का ठीक से सामना करता है |
- नैतिकता महज एक रवैया है जो हम ऐसे लोगों के प्रति अपनाते हैं जिन्हें हम व्यक्तिगत रूप से नापसंद करते हैं।
- किसी को खोने का डर ही,व्यक्ति को कमजोर बना देता है।
- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
- विश्वास रखकर आलस्य छोड़ दीजिये, वहम मिटा दीजिये, डर छोड़िये, फूट का त्याग कीजिये, कायरता निकाल डालिए, हिम्मत रखिये, बहादुर बन जाइए, और आत्मविश्वास रखना सीखिए। इतना कर लेंगे तो आप जो चाहेंगे, अपने आप मिलेगा।
- यदि सफलता से ही डरते रहे,तो सफलता कैसे हासिल होगी।
- हमें घबराहट में कभी कोई गलत कार्य नहीं करना चाहिए।
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