अवांछनीय कमाई से बनाई हुई खुशहाली की अपेक्षा ईमानदारी के आधार पर गरीबों जैसा जीवन बनाये रहना कहीं अच्छा है।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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avanchhneey kamai se banai hui khushhaali ki apeksha imaandaari ke adhaar par gaeebo jaisa jeevan banaye rakhein, wahi achcha hai. | अवांछनीय कमाई से बनाई हुई खुशहाली की अपेक्षा ईमानदारी के आधार पर गरीबों जैसा जीवन बनाये रहना कहीं अच्छा है।
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