दुनिया में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि विपरीत परिस्थितियां आने पर उनका साहस टूट जाता है और वह भयभीत हो जाते हैं - duniya mein adhikaansh log isalie asaphal ho jaate hain kyonki vipareet paristhitiyaan aane par unaka saahas toot jaata hai aur vah bhayabheet ho jaate hain. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

दुनिया में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि विपरीत परिस्थितियां आने पर उनका साहस टूट जाता है और वह भयभीत हो जाते हैं। : Duniya mein adhikaansh log isalie asaphal ho jaate hain kyonki vipareet paristhitiyaan aane par unaka saahas toot jaata hai aur vah bhayabheet ho jaate hain. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

अपनी वर्तमान अवस्था के जिम्मेदार हम ही हैं, और जो कुछ भी हम होना चाहते हैं, उसकी शक्ति भी हमीं में है। यदि हमारी वर्तमान अवस्था हमारे ही पूर्व कर्मों का फल है, तो यह निश्चित है कि जो कुछ हम भविष्य में होना चाहते हैं, वह हमारे वर्तमान कार्यों द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है - apanee vartamaan avastha ke jimmedaar ham hee hain, aur jo kuchh bhee ham hona chaahate hain, usakee shakti bhee hameen mein hai. yadi hamaaree vartamaan avastha hamaare hee poorv karmon ka phal hai, to yah nishchit hai ki jo kuchh ham bhavishy mein hona chaahate hain, vah hamaare vartamaan kaaryon dvaara hee nirdhaarit kiya ja sakata hai. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

अपनी वर्तमान अवस्था के जिम्मेदार हम ही हैं, और जो कुछ भी हम होना चाहते हैं, उसकी शक्ति भी हमीं में है। यदि हमारी वर्तमान अवस्था हमारे ही पूर्व कर्मों का फल है, तो यह निश्चित है कि जो कुछ हम भविष्य में होना चाहते हैं, वह हमारे वर्तमान कार्यों द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है। : Apanee vartamaan avastha ke jimmedaar ham hee hain, aur jo kuchh bhee ham hona chaahate hain, usakee shakti bhee hameen mein hai. yadi hamaaree vartamaan avastha hamaare hee poorv karmon ka phal hai, to yah nishchit hai ki jo kuchh ham bhavishy mein hona chaahate hain, vah hamaare vartamaan kaaryon dvaara hee nirdhaarit kiya ja sakata hai. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

यदि हमें गौरव से जीने का भाव जगाना है, अपने अंतर्मन में राष्ट्रभक्ति के बीज को पल्लवित करना है तो राष्ट्रीय तिथियों का आश्रय लेना होगा - agar hamen gaurav se jeene ka bhaav jagaana hai, apane antarman mein raashtrabhakti ke beej ko pallavit karana hai to raashtreey tithiyon ka aashray lena hoga. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

यदि हमें गौरव से जीने का भाव जगाना है, अपने अंतर्मन में राष्ट्रभक्ति के बीज को पल्लवित करना है तो राष्ट्रीय तिथियों का आश्रय लेना होगा। : Agar hamen gaurav se jeene ka bhaav jagaana hai, apane antarman mein raashtrabhakti ke beej ko pallavit karana hai to raashtreey tithiyon ka aashray lena hoga. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी है, जैसा कि हम अंदर से सोचते हैं। हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। पूरा संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की - baahar kee duniya bilakul vaisee hai, jaisa ki ham andar se sochate hain. hamaare vichaar hee cheejon ko sundar aur badasoorat banaate hain. poora sansaar hamaare andar samaaya hua hai, bas jaroorat hai cheejon ko sahee roshanee mein rakhakar dekhane kee. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी है, जैसा कि हम अंदर से सोचते हैं। हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। पूरा संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की। : Baahar kee duniya bilakul vaisee hai, jaisa ki ham andar se sochate hain. hamaare vichaar hee cheejon ko sundar aur badasoorat banaate hain. poora sansaar hamaare andar samaaya hua hai, bas jaroorat hai cheejon ko sahee roshanee mein rakhakar dekhane kee. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

जब कभी भारत के सच्चे इतिहास का पता लगाया जायेगा। तब यह संदेश प्रमाणित होगा कि धर्म के समान ही विज्ञान, संगीत, साहित्य, गणित, कला आदि में भी भारत समग्र संसार का आदि गुरु रहा है - jab kabhee bhaarat ke sachche itihaas ka pata lagaaya jaega. tab yah sandesh pramaanit hoga ki dharm ke samaan hee vigyaan, sangeet, saahity, ganit, kala aadi mein bhee bhaarat samagr sansaar ka aadi guru raha hai.] : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

जब कभी भारत के सच्चे इतिहास का पता लगाया जायेगा। तब यह संदेश प्रमाणित होगा कि धर्म के समान ही विज्ञान, संगीत, साहित्य, गणित, कला आदि में भी भारत समग्र संसार का आदि गुरु रहा है। : Jab kabhee bhaarat ke sachche itihaas ka pata lagaaya jaega. tab yah sandesh pramaanit hoga ki dharm ke samaan hee vigyaan, sangeet, saahity, ganit, kala aadi mein bhee bhaarat samagr sansaar ka aadi guru raha hai.] - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

कर्म योग का रहस्य है कि बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करना है, यह भगवान कृष्ण द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है - karm yog ka rahasy hai ki bina kisee phal kee ichchha ke karm karana hai, yah bhagavaan krshn dvaara shreemadbenavadgeeta mein gaya hai. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

कर्म योग का रहस्य है कि बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करना है, यह भगवान कृष्ण द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है। : Karm yog ka rahasy hai ki bina kisee phal kee ichchha ke karm karana hai, yah bhagavaan krshn dvaara shreemadbenavadgeeta mein gaya hai. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

जब तक मनुष्य के जीवन में सुख – दुख नहीं आएगा तब तक मनुष्य को यह एहसास कैसे होगा कि जीवन में क्या सही है? और क्या गलत है? - jab tak manushy ke jeevan mein sukh - dukh nahin hoga tab tak manushy ko yah ehasaas hoga ki jeevan kaise hoga? aur kya galat hai? : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

जब तक मनुष्य के जीवन में सुख – दुख नहीं आएगा तब तक मनुष्य को यह एहसास कैसे होगा कि जीवन में क्या सही है? और क्या गलत है? : Jab tak manushy ke jeevan mein sukh - dukh nahin hoga tab tak manushy ko yah ehasaas hoga ki jeevan kaise hoga? aur kya galat hai? - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं - kisee din, jab aapake saamane koee samasya nahin aaye, to aap sunishchit ho sakate hain ki aap galat maarg par ja rahe hain. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं। : Kisee din, jab aapake saamane koee samasya nahin aaye, to aap sunishchit ho sakate hain ki aap galat maarg par ja rahe hain. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा। परन्तु उसके बारे में अभी मत सोचो - kuchh mat poochho, kuchh mat maango. jo dena hai vo do, vo tum tak vaapas aa jaegee. lekin usake baare mein abhee tak kuchh nahin pata hai. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा। परन्तु उसके बारे में अभी मत सोचो। : Kuchh mat poochho, kuchh mat maango. jo dena hai vo do, vo tum tak vaapas aa jaegee. lekin usake baare mein abhee tak kuchh nahin pata hai. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही ज्यादा शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे - ham jitana baahar ja rahe hain aur doosaron ka bhala karen, hamaara dil utana hee shuddh hoga aur paramaatma usamen basenge. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही ज्यादा शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे। : Ham jitana baahar ja rahe hain aur doosaron ka bhala karen, hamaara dil utana hee shuddh hoga aur paramaatma usamen basenge. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो, आँखें मूंदकर उसके पीछे न चलिए। यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो वह हर प्राणी को आँख, नाक, कान, मुँह, मस्तिष्क आदि क्यों देता? - koee bhee vyakti kitana hee mahaan kyon na ho, aankhen moondakar usake peechhe na chalie. yadi eeshvar kee aisee hee mansha hotee hai to vah har praanee ko aankh, naak, kaan, munh, mastishk aadi kyon deta hai? : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो, आँखें मूंदकर उसके पीछे न चलिए। यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो वह हर प्राणी को आँख, नाक, कान, मुँह, मस्तिष्क आदि क्यों देता? : Koee bhee vyakti kitana hee mahaan kyon na ho, aankhen moondakar usake peechhe na chalie. yadi eeshvar kee aisee hee mansha hotee hai to vah har praanee ko aankh, naak, kaan, munh, mastishk aadi kyon deta hai? - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

जिस क्षण मैंने ईश्वर को हर इंसान में बैठे महसूस किया है, उसी क्षण से में हर इंसान के सामने सम्मान से खड़ा होता हूँ और उनमे ईश्वर को देखता हूँ - jis kshan mainne eeshvar ko har insaan mein baithe mahasoos kiya hai, usee kshan se mein har insaan ke saamane sammaan se paida hota hai aur uname eeshvar ko dekhata hoon. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

जिस क्षण मैंने ईश्वर को हर इंसान में बैठे महसूस किया है, उसी क्षण से में हर इंसान के सामने सम्मान से खड़ा होता हूँ और उनमे ईश्वर को देखता हूँ। : Jis kshan mainne eeshvar ko har insaan mein baithe mahasoos kiya hai, usee kshan se mein har insaan ke saamane sammaan se paida hota hai aur uname eeshvar ko dekhata hoon. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो। उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस पर ध्यान मत दो - jo saty hai, vah saahasapoorvak nirbheek hokar logon se kaho. usase kisee ko kasht hota hai ya nahin, is par dhyaan mat do. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो। उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस पर ध्यान मत दो। : Jo saty hai, vah saahasapoorvak nirbheek hokar logon se kaho. usase kisee ko kasht hota hai ya nahin, is par dhyaan mat do. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढतापूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए - kya aap anubhav nahin karate hain ki doosaron ke oopar nirbhar rahana buddhimaanee nahin hain. buddhimaan vyakti ko apane hee pairon par drdhataapoorvak banae hue kaary ko karana chaahie. : स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढतापूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए। : Kya aap anubhav nahin karate hain ki doosaron ke oopar nirbhar rahana buddhimaanee nahin hain. buddhimaan vyakti ko apane hee pairon par drdhataapoorvak banae hue kaary ko karana chaahie. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

Swami Vivekananda Quotes in Hindi

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