क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढतापूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए।

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क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढतापूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए। : Kya aap anubhav nahin karate hain ki doosaron ke oopar nirbhar rahana buddhimaanee nahin hain. buddhimaan vyakti ko apane hee pairon par drdhataapoorvak banae hue kaary ko karana chaahie. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda
क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढतापूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए। : Kya aap anubhav nahin karate hain ki doosaron ke oopar nirbhar rahana buddhimaanee nahin hain. buddhimaan vyakti ko apane hee pairon par drdhataapoorvak banae hue kaary ko karana chaahie. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

kya aap anubhav nahin karate hain ki doosaron ke oopar nirbhar rahana buddhimaanee nahin hain. buddhimaan vyakti ko apane hee pairon par drdhataapoorvak banae hue kaary ko karana chaahie. | क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढतापूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए।

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