समाज को श्रेणीविहीन और वर्णविहीन करना होगा क्योंकि श्रेणी ने इंसान को दरिद्र और वर्ण ने इंसान को दलित बना दिया। जिनके पास कुछ भी नहीं है, वे लोग दरिद्र माने गए और जो लोग कुछ भी नहीं है वे दलित समझे जाते हैं - samaaj ko shreneeviheen aur varnaviheen karana hoga kyonki shrenee ne insaan ko daridr aur varn ne insaan ko dalit bana diya. jinake paas kuchh bhee nahin hai, ve log daridr maane gae aur jo log kuchh bhee nahin hai ve dalit samajhe jaate hain. : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

समाज को श्रेणीविहीन और वर्णविहीन करना होगा क्योंकि श्रेणी ने इंसान को दरिद्र और वर्ण ने इंसान को दलित बना दिया। जिनके पास कुछ भी नहीं है, वे लोग दरिद्र माने गए और जो लोग कुछ भी नहीं है वे दलित समझे जाते हैं। : Samaaj ko shreneeviheen aur varnaviheen karana hoga kyonki shrenee ne insaan ko daridr aur varn ne insaan ko dalit bana diya. jinake paas kuchh bhee nahin hai, ve log daridr maane gae aur jo log kuchh bhee nahin hai ve dalit samajhe jaate hain. - डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

समाज में अनपढ़ लोग हैं ये हमारे समाज की समस्या नही है। लेकिन जब समाज के पढ़े लिखे लोग भी गलत बातों का समर्थन करने लगते हैं और गलत को सही दिखाने के लिए अपने बुद्धि का उपयोग करते हैं, यही हमारे समाज की समस्या है - samaaj mein anapadh log hain ye hamaare samaaj kee samasya nahin hai. lekin jab samaaj ke padhe likhe log bhee galat cheejon ka samarthan karane lagate hain aur galat ko sahee dikhaane ke lie apanee buddhi ka upayog karate hain, yahee hamaare samaaj kee samasya hai. : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

समाज में अनपढ़ लोग हैं ये हमारे समाज की समस्या नही है। लेकिन जब समाज के पढ़े लिखे लोग भी गलत बातों का समर्थन करने लगते हैं और गलत को सही दिखाने के लिए अपने बुद्धि का उपयोग करते हैं, यही हमारे समाज की समस्या है। : Samaaj mein anapadh log hain ye hamaare samaaj kee samasya nahin hai. lekin jab samaaj ke padhe likhe log bhee galat cheejon ka samarthan karane lagate hain aur galat ko sahee dikhaane ke lie apanee buddhi ka upayog karate hain, yahee hamaare samaaj kee samasya hai. - डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

हमें जो स्वतंत्रता मिली है उसके लिए हम क्या कर रहे हैं? यह स्वतंत्रता हमें अपनी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मिली है। जो असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी हुई है, जो हमारे मौलिक अधिकारों के साथ संघर्ष करती है - hamen jo mukti milee hai usake lie ham kya kar rahe hain? yah hamen apanee saamaajik vyavastha ko sudhaarane ke lie milee hai. jo asamaanata, bhedabhaav aur any cheejon se bharee huee hai, jo hamaare maulik adhikaaron ke saath sangharsh karata hai. : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

हमें जो स्वतंत्रता मिली है उसके लिए हम क्या कर रहे हैं? यह स्वतंत्रता हमें अपनी सामाजिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मिली है। जो असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी हुई है, जो हमारे मौलिक अधिकारों के साथ संघर्ष करती है। : Hamen jo mukti milee hai usake lie ham kya kar rahe hain? yah hamen apanee saamaajik vyavastha ko sudhaarane ke lie milee hai. jo asamaanata, bhedabhaav aur any cheejon se bharee huee hai, jo hamaare maulik adhikaaron ke saath sangharsh karata hai. - डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

यह ज़रूरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना संभव हो अच्छा करें. इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में, अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आयेंगी - yah jaroori hai ki hum apna dridhtikon aur hriday jitna sambhav ho achcha karein. isi se hamare aur logo ke jeevan me alpkaal aur dheerghkaaldono ke liye khushiyaan aayengi. : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

यह ज़रूरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना संभव हो अच्छा करें. इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में, अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आयेंगी। : Yah jaroori hai ki hum apna dridhtikon aur hriday jitna sambhav ho achcha karein. isi se hamare aur logo ke jeevan me alpkaal aur dheerghkaaldono ke liye khushiyaan aayengi. - डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

लोग और उनके धर्म; सामाजिक नैतिकता के आधार पर सामाजिक मानकों द्वारा परखे जाने चाहिए. अगर धर्म को लोगों के भले के लिये आवश्यक वस्तु मान लिया जायेगा तो और किसी मानक का मतलब नहीं होगा - log aur unke dharm samaajik naitikta ke aadhar par saamajik maanko dwara parkhe jaane chahiye. yadi dharm logon ke bhale keliye aavshyak vastu maan liya jaayega to aur kis maanak ki avshyakta nahi hogi. : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

लोग और उनके धर्म; सामाजिक नैतिकता के आधार पर सामाजिक मानकों द्वारा परखे जाने चाहिए. अगर धर्म को लोगों के भले के लिये आवश्यक वस्तु मान लिया जायेगा तो और किसी मानक का मतलब नहीं होगा। : Log aur unke dharm samaajik naitikta ke aadhar par saamajik maanko dwara parkhe jaane chahiye. yadi dharm logon ke bhale keliye aavshyak vastu maan liya jaayega to aur kis maanak ki avshyakta nahi hogi. - डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

इतिहास बताता है कि जहाँ नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है . निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो - itihaas batata hai ki jahan naitikta aur arthshastra ke beech sangharsh hoa hai wahan jeet arthshastra ki hi hoti hai. nihit swarthon ko tab tak swechch se nahi chhoda aya jab tak ki majboor karne ke liye paryapt bal na lagaya ho. : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

इतिहास बताता है कि जहाँ नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है . निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो। : Itihaas batata hai ki jahan naitikta aur arthshastra ke beech sangharsh hoa hai wahan jeet arthshastra ki hi hoti hai. nihit swarthon ko tab tak swechch se nahi chhoda aya jab tak ki majboor karne ke liye paryapt bal na lagaya ho. - डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो - nihit svaarthon ko tab tak svechchha se nahin chhoda gaya hai jab tak ki majaboor karane ke lie paryaapt bal na lagaaya gaya ho. : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो। : Nihit svaarthon ko tab tak svechchha se nahin chhoda gaya hai jab tak ki majaboor karane ke lie paryaapt bal na lagaaya gaya ho. - डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

भाग्य से ज्यादा अपने आप पर विश्वास करो। भाग्य में विश्वास रखने के बजाय शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए - bhaagy se jyaada aap apane aap par vishvaas karate hain. bhaagy mein vishvaas rakhane ke bajaay shakti aur karm mein vishvaas rakhana chaahie. : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

भाग्य से ज्यादा अपने आप पर विश्वास करो। भाग्य में विश्वास रखने के बजाय शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए। : Bhaagy se jyaada aap apane aap par vishvaas karate hain. bhaagy mein vishvaas rakhane ke bajaay shakti aur karm mein vishvaas rakhana chaahie. - डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

मेरी प्रशंसा और जय-जय कार करने से अच्छा है, मेरे दिखाये गए मार्ग पर चलो - meree prashansa aur jay-jay kaar karane se achchha hai, mere dikhaaye gae maarg par chalo. : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर

मेरी प्रशंसा और जय-जय कार करने से अच्छा है, मेरे दिखाये गए मार्ग पर चलो। : Meree prashansa aur jay-jay kaar karane se achchha hai, mere dikhaaye gae maarg par chalo. - डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर