यह ज़रूरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना संभव हो अच्छा करें. इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में, अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आयेंगी।
By : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर
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yah jaroori hai ki hum apna dridhtikon aur hriday jitna sambhav ho achcha karein. isi se hamare aur logo ke jeevan me alpkaal aur dheerghkaaldono ke liye khushiyaan aayengi. | यह ज़रूरी है कि हम अपना दृष्टिकोण और ह्रदय जितना संभव हो अच्छा करें. इसी से हमारे और अन्य लोगों के जीवन में, अल्पकाल और दीर्घकाल दोनों में ही खुशियाँ आयेंगी।
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- एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना पर्याप्त नहीं है।जिसकी आवश्यकता है वो है न्याय एवं राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था।
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- भगवान केवल उन्हीं लोगों की मदद करते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं।