वह मनुष्य विवेकवान् है, जो भविष्य से न तो आशा रखता है और न भयभीत ही होता है।

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वह मनुष्य विवेकवान् है, जो भविष्य से न तो आशा रखता है और न भयभीत ही होता है। : Vah manushya vivekvaan hai jo bhavishya se na to aasha rakhta hai aur na hi bhaybheet hota hai. - प्रज्ञा सुभाषित
वह मनुष्य विवेकवान् है, जो भविष्य से न तो आशा रखता है और न भयभीत ही होता है। : Vah manushya vivekvaan hai jo bhavishya se na to aasha rakhta hai aur na hi bhaybheet hota hai. - प्रज्ञा सुभाषित

vah manushya vivekvaan hai jo bhavishya se na to aasha rakhta hai aur na hi bhaybheet hota hai. | वह मनुष्य विवेकवान् है, जो भविष्य से न तो आशा रखता है और न भयभीत ही होता है।

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